“महामारी ने डिजिटल होने की गति को तेज कर दिया है”: हरदयाल प्रसाद, एमडी और सीईओ, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 02 अक्टूबर 2020 -कोविड-19 प्रकोप से व्यावसायिक व्यवधान तो आया ही, मॉर्गेज मांग में अस्थायी गिरावट भी आई है. कई उद्योगों में घर से काम प्रचलित हुआ है. इसके साथ, सख्त सामाजिक दूरी के साथ सहज सेवाएं प्रदान करना निश्चित रूप से आवास क्षेत्र के लिए एक चुनौती है, जहां ऋण देने वाले कार्यालयों में आना पडता है और लोग एक दूसरे के संपर्क में आते हैं.

पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के एमडी और सीईओ, श्री हरदयाल प्रसाद ने कहा, “31 मार्च, 2021 तक आवास ऋण की मांग परिदृश्य में धीरे-धीरे सुधार होने की संभावना है और हम वित्त वर्ष 21 में 13,000 करोड़ रुपये के खुदरा संवितरण की उम्मीद करते हैं. वित्त वर्ष 19 की तुलना में वित्त वर्ष 20 में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों में बहुत बदलाव नहीं हुआ है. हम परिसंपत्ति की गुणवत्ता, प्रसार, एनआईएम और संग्रह को बेहतर बनाने के लिए निरंतर और जोरदार काम कर रहे हैं. साथ ही हम संचालन में दक्षता लाने का प्रयास भी कर रहे हैं.”

यात्रा प्रतिबंधों और अन्य बाधाओं को देखते हुए, ग्राहक आज संपर्क रहित विकल्पों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. श्री प्रसाद ने कहा, “जबकि डिजिटल बदलाव पहले से ही चल रहा था, महामारी ने इस गति को तेज कर दिया है. डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने के प्रति ग्राहकों और सेवा प्रदाताओं के बीच सकारात्मक दृष्टिकोण है. मेरा मानना ​​है कि केवल उत्पादकता और दक्षता-नेतृत्व वाला मॉडल संगठन को लंबे समय तक सफल होने में मदद करेगा.”

शून्य या न्यूनतम जोखिम सुनिश्चित करने और ऋणों के लिए शाखाओं की यात्राओं को कम से कम करने के लिए संपर्क रहित और स्पर्श रहित विकल्प प्रदान करना कंपनी का लक्ष्य है. इस उद्देश्य से, कंपनी अपने ग्राहकों के लिए एक नया प्लेटफॉर्म ‘ऐस’ लेकर आई है, जो डिजिटल ऑनबोर्डिंग प्लेटफॉर्म है. यह आसान और सुरक्षित अनुमोदन सुनिश्चित करता है और न्यूनतम भौतिक इंटरफ़ेस के साथ ऋण का वितरण करता है. ये प्लेटफ़ॉर्म ग्राहकों को शाखा आए बिना ऋण के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाता है. “ऐस” ग्राहकों को पीएनबी हाउसिंग पोर्टल में लॉग इन करने, ऋण आवेदन पत्र भरने और ऑनलाइन सत्यापन के लिए आवश्यक केवाईसी दस्तावेज अपलोड करने की अनुमति देता है.

जब से कोविड-19 ने देश में एक ठहराव का माहौल तैयार किया, भारत सरकार तरलता से संबंधित तनाव बिंदुओं और संरचनात्मक मुद्दों को दूर करने के उपाय कर रही है. प्रसाद ने कहा, “हम पिछले कुछ महीनों में सरकार और आरबीआई द्वारा पेश किए गए विभिन्न नियामक उपायों का स्वागत करते हैं. ऋण पुनर्गठन पर हालिया विनियमन एक स्वागत योग्य कदम है. लेकिन, एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में, हमें पुनर्गठन पर स्पष्टता की आवश्यकता है और उसी के लिए नियामक से संपर्क किया गया है.

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