Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 15 अक्टूबर 2020: भारत के सबसे बड़े ई- कॉमर्स फोकस्ड प्लेटफॉर्म, यूनिकॉमर्स ने आज साल 2020 की तीसरी तिमाही के लिए ई- कॉमर्स रूझान जारी किए हैं। देश भर से लॉकडाउन हटाए जाने के बाद, यह पहली तिमाही थी जब देश भर के ज़्यादातर हिस्सों में कारोबार का संचालन हुआ। रिपोर्ट में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस तिमाही के दौरान ई- कॉमर्स के रूझानों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट सभी प्रमुख प्रोडक्ट कैटेगरीज़, क्षेत्रों के अनुसार उपभोक्ताओं की मांग, बढ़ते डी2सी रूझानों एवं घटने रिटर्न पर रोशनी डालती है।
महामारी के चलते देश भर में ई- कॉमर्स के लिए मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2020 की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर) में ई- कॉमर्स उद्योग में ऑर्डर वॉल्युम में 31 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। ई- कॉमर्स उद्योग अनुमान की तुलना में अधिक तेज़ी से बढ़ रहा है और पिछले साल की तुलना में 1.5 गुना बढ़ोतरी दर्ज कर चुका है। औसत ऑर्डर मूल्य में 5 फीसदी गिरावट के कारण जीएमवी में सिर्फ 24 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। अब बड़ी संख्या में लोग ऑनलाईन ऑर्डर कर रहे हैं, उपभोक्ता मूल्य को लेकर सजग हो गए हैं, वे कम मूल्य के प्रोडक्ट्स के लिए ऑर्डर कर रहे हैं। इसके अलावा कुल मिलाकर कैटेगरी मिक्स में बदलाव आ रहा है, पर्सनल केयर, हेल्थ एवं फार्मा कैटेगरीज़ में बढ़ोतरी के कारण औसत ऑर्डर मूल्य कम हुआ है।
कुछ मुख्य रूझान निम्नानुसार हैं:
दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में ई- कॉमर्स का विकास
भारत के दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में रहने वाले उपभोक्ताओं के कारण ई- कॉमर्स में बढ़ोतरी हुई है। क्षेत्रीय बाज़ारों पर बढ़ते फोकस और स्मार्टफोन की बढ़ती संख्या के कारण दूसरे और इस दायरे के बाहर के शहरों में बढ़ोतरी हो रही है। तीसरे एवं इस दायरे के बाहर के शहरों में 90 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है, और यह अगस्त माह में यूनिकॉमर्स द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट की तुलना में तकरीबन दोगुना है। तीसरे स्तर के शहरों की बात करें तो ज़्यादातर काम करने वाले लोग अपने गांवों में लौट गए थे, अब वे फिर से काम पर लौटने लगे हैं, ऐसे में आने वाले महीनों में महानगरों और पहले स्तर के शहरों में ज़्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।
नई उभरती प्रोडक्ट कैटेगरीज़
कुल-मिलाकर ई- कॉमर्स में विकास अच्छा संकेत है, नई प्रोडक्ट कैटेगरीज़ में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है, खासतौर पर पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के ऑर्डर वॉल्युम में ~100 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और हेल्थ एवं फार्मा में ~75 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि ये श्रेणियां अभी भी कुल ई- कॉमर्स वॉल्युम का छोटा सा हिस्सा बनाती हैं और आने वाली कुछ तिमाहियों में इसी तेज़ गति से बढ़ती रहेंगी। ऑर्डर वॉल्युम में सबसे ज़्यादा योगदान के साथ इलेक्ट्रोनिक्स और फैशन सबसे बड़ी कैटगरी बनी हुई है, हालांकि इनमें कम विकास हुआ है (उदाहरण के लिए, फैशन और एक्सेसरीज़ सेगमेन्ट के ऑर्डर वॉल्युम में 30 फीसदी बढ़ोतरी हुई है)।
सभी श्रेणियों में प्रोडक्ट मिक्स में भी बड़ा बदलाव आया हैः फैशन और एक्सेसरीज़ में- Q3 2019 के दौरान महिलाओं के टॉपवियर और पुरूषों की शर्ट्स सबसे ज़्यादा ऑर्डर किए जाने वाले आइटम रहे हैं, और फेस मास्क, महिलाओं के कुर्ते, लाउंजवियर जैसे ट्रैक पैंट्स और नाईटवियर सबसे ज़्यादा ऑर्डर किए जाने वाले प्रोडक्ट रहे हैं। इसी तरह Q3 2019 के दौरान पर्सनल केयर सेगमेन्ट, फेस/ बॉडी वॉश, फेस स्क्रब और क्रीम सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट रहे हैं, अब इनकी जगह ओर्गेनिक, सेल्फ ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स, महिलाओं के लिए ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स, सीरम, डिस्पोज़ेबल कटिंग केप्स की मांग बढ़ रही है, क्योंकि लोग स्थानीय पार्लर/ सैलून जाने से बच रहे हैं।
डी2सी ब्राण्ड्स का विकास
महामारी के बाद, डी2सी विक्रेताओं और उपभोक्ताओं दोनों के लिए पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरा है। विक्रेता अब डी2सी का महत्व समझते हैं, क्योंकि उन्हें उपभोक्ताओं के साथ जुड़ने के लिए एक प्लेटफॉर्म की ज़रूरत है और उपभोक्ता अपने भरोसेमंद ब्राण्ड ही खरीदना चाहते हैं। Q3 2020 में ब्राण्ड की अपनी वेबसाईट्स ने 78 फीसदी की ज़बरदस्त वृद्धि दर्ज की है, जबकि इसी अवधि के दौरान मार्केटप्लेसेज़ से 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वेबसाईट्स से ऑर्डर वॉल्युम (2 गुना से अधिक) में बहुत अधिक बढ़ोतरी के कारण ज़्यादा से ज़्यादा ब्राण्ड अपनी खुद की वेबसाईट बना रहे हैं। पिछले साल की तुलना में Q3 2020 के दौरान अपनी वेबसाईट बनाने वाले ब्राण्ड्स की संख्या में तकरीबन 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
रिटर्न ऑर्डर में कमी
ई- कॉमर्स के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि रिटर्न ऑर्डर्स में तेज़ी से कमी आई है। प्रति फॉवर्ड ऑर्डर के लिए रिटर्न में ~22 फीसदी की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जो संभवतया इस बात का संकेत है कि ई-कॉमर्स सिस्टम अब परिपक्व हो रहा है। कंपनियां त्रुटिरहित डिलीवरी को सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकी समाधान अपना रही हैं। फैशन और पर्सनल केयर में रिटर्न ऑर्डर में सबसे ज़्यादा ~30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए कपिल मखीजा, सीईओ, यूनिकॉमर्स ने कहा, ‘‘भारत के ई- कॉमर्स इकोसिस्टम में इस स्तर का विकास देखकर हमें बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है। ई-कॉमर्स अब अग्रणी स्थिति पर आ गया है। कंपनियां ऑनलाईन चैनलों पर ध्यान केन्द्रित कर रही हैं, कारोबार संचालन में सुधार लाने के लिए आधुनिक तकनीकी समाधान अपना रही हैं। ऐसे में हमें विश्वास है कि आने वाली कुछ तिमाहियों में विकास की दर इसी तरह जारी रहेगी। कुल मिलाकर हमें अपनी सालाना ट्रेंड्स रिपोर्ट में शानदार प्रतिक्रिया मिली है और हमें विश्वास है कि पिछली तिमाही के रूझानों पर आधारित यह नई दिपोर्ट ई-टेलर्स को अपने कारोबार के लिए भावी रणनीतियां बनाने में मदद करेगी, खासतौर पर वे आगामी त्योहारों के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे। यूनिकॉमर्स टीम ई-कॉमर्स को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने विक्रेताओं की मदद के लिए नए इनोवेशन्स लाती रहेगी।’
ई-कॉमर्स अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है, यूनिकॉमर्स, ई-कॉमर्स आपूर्ति श्रृंखला तकनीक से युक्त क्लाउड समाधान उपलबध कराने की स्थिति में है, और हर आकार के कारोबारों की मदद के लिए तैयार है। आठ साल पहले स्थापित यूनिकॉमर्स भारत के ई-कॉमर्स वॉल्युम का 20 फीसदी से अधिक हिस्सा प्रोसेस करता है, इस दृष्टि से यह बाज़ार में अग्रणी है और विभिन्न सेगमेन्ट्स में ऑनलाईन प्लेयर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है। कंपनी भारत, मध्यपूर्व और दक्षिण-पूर्वी एशिया में 10,000 से अधिक पंजीकृत उपभोक्ताओं के लिए रोज़ाना 700k+ से अधिक ऑर्डर आईटम प्रोसेस करती है, जो कुल US$ 2.5 Bn+ GMV राशि बनाते हैं।
यूनिकॉमर्स के बारे में
यूनिकॉमर्स भारत की अग्रणी ई- कॉमर्स सेवा प्रदाता है जो एसएएएस प्लेटफाॅर्म पर सप्लाई चेन पर ध्यान केन्द्रित करती है। आठ साल पहले स्थापित यूनिकॉमर्स एक मार्केट लीडर है जो देश में ई- कॉमर्स के 20 फीसदी से अधिक वाॅल्युम को प्रोसेस करती है। कंपनी ने मिंत्रा, नेटमेड्स, अरबन कंपनी, जैक एण्ड जोन्स, वेरो मोडा, डब्ल्यू और फाॅरएवर न्यू जैस जाने माने क्लाइन्ट्स के साथ ई- कॉमर्स और रीटेल जगत को पूरी तरह बदल डाला है। कंपनी ने इंटरनेशनल क्लाइन्ट्स के साथ भी काम शुरू कर दिया है। कंपनी सालों से मुनाफ़ा कमा रही है और देश भर में अपनी मौजूदगी को सशक्त बनाने तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों में उग्र विस्तार के लिए तत्पर है।