यश (ईयर ऑफ अवेयरनेस ऑन साइंस एंड हैल्थ) 2020 डायलॉग सीरीज के तहत किया गया।
रिहैबिलिटेशन प्रोफेशनल्स द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में बात करते हुए, डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि स्पेशलाइस्ड रिहैबिलिटेशन प्रोफेशनल्स कोविड पेशेंट में ऑक्सीजन के स्तर में सुधार, श्वसन मार्ग की सफाई और वेंटिलेशन बढ़ाने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। वे पोषण को बढ़ावा देने और विशेष रूप से पोस्ट-इंनटूबेशन निमोनिया को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। रिहैबिलिटेशन इंटरवेंशन की सहायता से मोबिलिटी, रेस्पीरेट्री फंक्शन, कोग्निशन, स्वैलो, न्यूट्रिशन और कम्यूनिकेशन के सुधार पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। ये प्रोफेशनल्स डिस्चार्ज की तैयारी और प्लानिंग में काफी मदद करते हैं विशेष रूप से बुजुर्ग और कोमोरबीडिटीज मरीजों में यह बेहद जटिल होता है।
कोविड द्वारा प्रभावित कॉगनिटिव इम्पेयरमेंट के बारे में बात करते हुए, उन्होंने आगे कहा कि इस वायरस से लड़ने के लिए आवश्यक फोर्सड क्वॉरंटाईन ने भी बीमारी को और बढ़ाया है जिससे एक्यूट पैनिक, एनजाइटी, ऑबसेसिव बीहेवियर, होर्डिंग, पैरानोइया और डिपरेशन हो सकता है। फ्रंटलाइन हैल्थकेयर वर्कर्स को भी बीमारी होने का खतरा होता है और इनमें मनोवैज्ञानिक दुष्परिणाम के रूप में एन्जाइटी, संक्रमण फैलने का डर, अवसाद, सब्सटेंस-डिपेंडेंस में वृद्धि और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) का उच्च जोखिम होता है। सामान्य आबादी में कोविड-19 के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को सामुदायिक स्तर पर प्रभावी संचार व्यवस्था को लागू करके और पर्याप्त मनोवैज्ञानिक सेवाएं प्रदान करने जैसी रणनीतियों के माध्यम से रोका जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई मास्क पहनता है, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखता है और जब तक आवश्यक नहीं हो, तब तक बाहर जाने से बचता है, तब उसे कोविड -19 होने का खतरा न्यूनतम होता है। इसके अलावा, अगर किसी का कोविड टेस्ट नेगेटिव है, लेकिन उनमें वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उन्हें भी 14 दिनों के लिए स्वयं को आईसोलेट कर लेना चाहिए।