Editor-Manish Mathur
जयपुर 18 नवंबर 2020 – पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा साल की शुरुआत में #ZeroTeenagePregnancy (जेडटीपी) अभियान की शुरुआती की गयी । अभियान का शुभारंभ राजस्थान के माननीय स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा जी द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस, 12 जनवरी, 2020 को किया गया ।
अभियान का मुख्य उद्देश्य जनप्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों व युवाओं सहित इसके प्रमुख हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) के साथ जुड़कर राजस्थान में किशोर गर्भावस्था के कुप्रभावोंके बारे में संवाद स्थापित करना था।
एक बात जिसने इस अभियान को प्रभावी और सफल बनाया वह थी पार्टी लाइन से ऊपर उठकर चुने हुए राजनीतिक प्रतिनिधियों का एक स्वर में आवाज उठाना।
प्रतीकात्मक रूप से, जन प्रतिनिधियों ने ZeroTeenagePregnancy अभियान के प्लेकार्ड पकड़ कर राजस्थान में अवांछितकिशोर गर्भावस्था को समाप्त करने का संदेश दिया।
सम्पूर्ण राज्य से, प्रशांत बैरवा, कृष्णा पूनिया, हरीश चंद्र मीणा, शोभा रानी कुशवाहा, रमीला खड़िया, महेंद्र बिश्नोई, रूपाराम, निर्मल कुमावत, गिरराज सिंह मलिंगा और जोगिंदर सिंह अवाना जैसे विधायकों ने इस अभियान को अपना समर्थन दिया। कुछ इसी तरह के उत्साह के साथ विधायक कुशनेर सिंह, हाकम अली, हीरा राम मेघवाल, खिलाड़ी राम बैरवा, निर्मला शरिया, राजकुमार रावत, वेद प्रकाश सोलंकी, रामनिवास गवरिया और श्रीमती संतोष ने अभियान में भागीदारी की। उनके प्रेरक ट्वीट्स उनके डिजिटल कैंपेन की उनकी फोटोज के साथ संलग्न हैं।
प्रमुख नीति निर्माताओं, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, पत्रकार, सेलीब्रिटीज, गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधियों और युवाओं सहित 200 से अधिक लोगों ने अभियान को अपना समर्थन दिया।
इन प्रमुख लोगों ने निजी सोशल मीडिया एकाउंट्स पर हज़ारों फॉलोवर्सके द्वारा किशोर गर्भधारण से संबंधित संदेश की व्यापक पहुँच बनाने में एहम योगदान दिया ।
इस अभियान से यह स्पष्ट हो गया कि इस तरह की डिजिटल पहल संवेदनशील और समाज में वर्जित विषयों पर चुप्पी को तोड़ने व युवाओं तक यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित सूचनाओं और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सक्षम वातावरण बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
समाज के समग्र विकास पर किशोर गर्भावस्था के दुर्बल एवं नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए ऐसे डिजिटल जन जागरूकता अभियानों की आवश्यकता और अधिक हो जाती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण NFHS – 4 के अनुसार सर्वेक्षण के वक्त राजस्थान में 35 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले कर दी गई थी और उनमें से 6 प्रतिशत से अधिक लड़कियाँ या तो माँ बन चुकी थीं या गर्भवती थीं। ऐसी स्थिति में #ZeroTeenagePregnancy डिजिटल अभियान ओर भी महत्वपूर्ण हो जाता है ।
पॉपुलेशन फाउंडेशन इंडिया की सीनियर स्टेट प्रोग्राम मैनेजर, निकिता श्रीवास्तव ने बताया, “राजस्थान जैसे राज्य में इस तरह का अभियान बेहद जरूरी है, क्योंकि यहाँ की लगभग 23 प्रतिशत जनसँख्या किशोर है। अभियान के माध्यम से नीति निर्माताओं से मिले सहयोग और प्रतिबद्धता ने अभियान को और जीरो टीनएज प्रेगनेंसी के सन्देश को प्रबल ओर प्रभावी बनाया क्योंकि वे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों, संस्कृतियों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग उन्हें आदर्श मानते हैं