Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 12 नवंबर 2020 – फॉर्म ऑफ प्राइवेट स्कूल राजस्थान के तत्वाधान में जयपुर के शहीद स्मारक पर हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा के नेतृत्व में शुरू हुए आमरण अनशन को आज तीसरा दिन है। हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा के सहयोगार्थ आज अनेक निजी स्कूल के संचालक और प्रिंसिपल्स
जिनमें सीडलिंग ग्रुप के डॉ. संदीप बख्शी ,एमपीएस से अशोक वेद, एशियन वर्ल्ड स्कूल से ऋषभ गोधिका, सैंड ड्यून्स अभिमन्यु शर्मा, विद्याश्रम स्कूल से प्रतिमा शर्मा, रयान ग्रुप ऑफ स्कूल से
सुनील जी,शांति एशियाटिक स्कूल से दीपक अग्रवाल, ज्ञान विहार स्कूल से श्री राकेश उपाध्याय, संस्कार स्कूल से रिया थरियामाल, ट्योलर हाई स्कूल से निर्झर गोयल , महावीर पब्लिक से रश्मि तलवार , वॉरेन एकेडमी से अरुण सोगानी ,अमित सोगानी और कल्पना कौल, कैंब्रिज कोर्ट हाई स्कूल से आयुष रावत , ज्ञान विहार स्कूल से राकेश उपाध्याय ,वर्धमान से मालिनी मलिक, विवेक टेक्नो से इंदिरा सिंह, जेपीएचएस से माला अग्निहोत्री ,जेवीपी इंटरनेशनल से गौरव बंसल, इंडो भारत से भारत मुंद्रा मिलेनियम स्कूल से हिमांशु कटियार ,निमावत इंटरनेशनल स्कूल से पंकज निमावत , हिंदुस्तान इंटरनेशनल एकेडमी से विजय कटियार ,कैंडलविक स्कूल से राज राठौड़/ विंग कमांडर राठौर, डिफेंस पब्लिक स्कूल से मीतू शर्मा , रयान ग्रुप ऑफ स्कूल से सुनील , एसजीआईटी से डॉ नूपुर सरीन रोजरी पब्लिक स्कूल से प्रीति जी आदि सभी धरना स्थल पर मौजूद रहकर उनका उत्साहवर्धन करेंगे ।
गौरतलब है कि निजी स्कूल संचालक और शिक्षक सरकार की दोहरी नीति से बहुत आहत हैं और अपने हक को पुनः पाने के लिए संघर्षरत है। फोरम के प्रतिनिधि मंडल द्वारा अपनी समस्याओं को राज्यपाल जी के समक्ष प्रस्तुत भी किया गया है और राज्यपाल जी के द्वारा जल्द ही कार्यवाही का आश्वासन भी दिया गया है ।फोरम की प्रवक्ता और आमरण अनशन पर बैठी हेमलता शर्मा और सीमा के अनशन का आज तीसरा दिवस है उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय को भी बताया जिसमें सुप्रीम कोर्ट कोलकाता हाई कोर्ट के निर्णय 20% शुल्क कटौती को अस्वीकार करते हुए निजी विद्यालयों के द्वारा 100% शुल्क लेने पर सहमति जताई जिसमें कोई भी सरकार या निम्न अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती । उन्होंने यह भी कहा है कि जब सरकार गुर्जर आंदोलन के प्रतिनिधियों से बात करके उनकी माँगों को मान सकती है तो निजी शिक्षकों और निजी विद्यालयों की माँगों को भी मानकर उनके साथ भी न्याय करना चाहिए ।
हम अभिभावकों के कतई खिलाफ नहीं है लेकिन हम भी परिवार में रहते हैं ।हमारे स्कूलों से जुड़े हुए शिक्षक व अन्य सपोर्टिव स्टाफ का परिवार कैसे चलेगा? सरकार ही बताएं कि कैसे 1100000 कर्मचारियों का परिवार चल पाएगा। मैं पूर्ण रूप से इस आंदोलन का समर्थन करती हूँ।
*जयश्री पेरीवाल (जयश्री पेरीवाल हाई स्कूल)*
80% फीस लेने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता फीस केस में दे दी है अब इसके आगे अन्य कोई भी फैसले प्रभावित नहीं रहते।
*डॉक्टर संदीप बक्शी (जेएनयू व सीडलिंग ग्रुप)*
लड़ाई के तरीके विभिन्न हो सकते हैं पर हम इस आंदोलन में पूर्ण रूप से साथ हैं। शिक्षकों की भी “हैप्पी दिवाली” होनी चाहिए।
*प्रतिमा शर्मा (विद्याश्रम स्कूल)*
अभिभावक अपनी मर्जी से स्कूल चुनते हैं । किसी का कोई भी दबाव नहीं होता । कोरोना सबके लिए प्रभावी है फिर हमारे से ही सारी उम्मीदें क्यों?
*अशोक वैद्य (महेश्वरी पब्लिक स्कूल एवं सीबीएसई सिटी कोऑर्डिनेटर)*
हद है सरकार खुद के शिक्षकों को घर बैठे पूरा वेतन दे रही है ऊपर से दिवाली बोनस और यहाँ 1100000 कर्मचारियों की तथा 50,000 स्कूलों की पूर्ण रूप से अनदेखी।
*ऋषभ गोधीका (एशियन वर्ल्ड स्कूल)*
सरकार के इस मामले को लेकर शिथिलता को देखकर राजस्थान के बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है और अगर शिक्षक भूखा रहेगा तो वह क्या शिक्षा प्रदान कर पाएँगा ? जल्दी इस मामले पर सरकार ने कुछ निर्णय नहीं लिया तो पूरे राजस्थान का शिक्षा जगत डूब जाएगा।
*अमित सोगानी (वॉरेन एकेडमी एंड टर्टल्स ग्रुप)*
जिस प्रकार से हमारे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है वह बहुत ही विचारणीय है। सरकार जल्द समाधान ले।
वाई.के. शर्मा (ब्राइट फ्यूचर स्कूल)
अब यह आंदोलन राष्ट्रव्यापी बनता जा रहा है दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ अन्य राज्य भी इस मुहिम में साथ आ गए हैं।
सरकार अगर समय रहते बात नहीं सुनती है तो लाखों की संख्या में शिक्षक व संचालक सड़कों पर उतरेंगे जिसकी सारी जवाबदारी सरकार की होगी।
हेमलता शर्मा (फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान)