Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 18 नवंबर 2020 फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले निजी स्कूल के संचालक और शिक्षकों का आमरण अनशन आठवें दिन भी लगातार जारी है। फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के आवाहन पर 5 नवंबर से अनिश्चित काल के लिए बंद किए गए प्रदेश के 50 हजार निजी विद्यालयों के संचालक, शिक्षक व कर्मचारी सरकार की बेरुखी के चलते काफी आहत हैं। सरकार की तरफ से प्रकरण को लेकर बरती जा रही ढिलाई के चलते निजी विद्यालयों की दो महिला संचालक हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा गत 10 नवंबर से लगातार शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठी हैं। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 50 हजार निजी विद्यालयों के 11 लाख शिक्षकों व कर्मचारियों को काली दिवाली मनाने पर मजबूर होना पड़ा।
निजी विद्यालयों के विषय में सरकार के निराशाजनक रवैया को लेकर राज्य के 33 जिलों के विभिन्न निजी विद्यालयों के संगठनों में भारी रोष व्याप्त है। जिसके चलते आज 17 नवंबर को राज्य के 33 जिलों के विभिन्न निजी विद्यालयों के संगठनों के तकरीबन 300 पदाधिकारियों ने शहीद स्मारक पर इकट्ठा होकर प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में 33 जिलों से आए हुए तकरीबन 300 पदाधिकारियों ने निजी विद्यालयों के प्रति सरकार के निराशाजनक रवैया की भर्त्सना करते हुए निजी विद्यालयों की दयनीय आर्थिक स्थिति के बारे में अवगत करवाया।
साथ ही उन्होंने बताया कि निजी विद्यालयों की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में यदि सरकार द्वारा जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता है तो विद्यालयों के संचालकों व शिक्षकों द्वारा किया जा रहा विरोध प्रदर्शन एक बड़े आंदोलन का रूप लेगा। आंदोलन में पूरे प्रदेश से निजी विद्यालयों के संचालक और शिक्षक बड़ी तादात में जयपुर में जुटेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। गौरतलब है कि राज्य के अधिकांश निजी विद्यालयों में 5 नवंबर से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पूरी तरह से बंद है। जिसे दीपावली के बाद भी चालू नहीं किया गया है और ऐसे में राजस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य के 50000 निजी विद्यालयों में कार्यरत 11 लाख शिक्षकों व कर्मचारियों के रोजगार पर भी गहरा संकट आ खड़ा हुआ है।