Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 28 दिसंबर 2020 – प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर द्वारा आयोजित 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण के समापन अवसर पर माननीय कुलपति डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों से आव्हान किया कि वे सच्ची निष्ठा से अपने व्यवसाय के साथ किसानों को सही सुझाव देकर अप्रत्यक्ष रूप से उनके लिए बदलाव अभिकर्ता के रूप में सहायता करनी चाहिए। अपने उद्बोधन में डाॅ. राठौड़ ने यह भी कहा कि इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के उपरान्त सभी उर्वरक विक्रेताओं को किसानों से सीधा सम्पर्क स्थापित कर विभिन्न प्रकार की नवीनतम एवं आधुनिक कृषि तकनीकियों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए और उनकी आमदनी को दुगुना करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक, डाॅ. सम्पत लाल मून्दडा ने प्रशिक्षणार्थियों को उर्वरक उपयोग दक्षता बढ़ाने के उपाय सुझाऐ तथा टिकाऊ खेती समन्वित कृषि पद्धति की फसल विविधकरण आदि विषयों पर अपना ज्ञान बढ़ाकर किसानों को नवीनतम जानकारियां पहुंचाने की अपील की।
प्रशिक्षण समन्वयक डाॅ. लतिका व्यास ने बताया कि इस प्रशिक्षण में राज्य के विभिन्न जिलों के 29 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया जिन्हें सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक जानकारियां विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई। प्रभारी तकनीकी प्रकोष्ठ डाॅ. पी.सी. चपलोत ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इस प्रशिक्षण का लाभ किसानों तक पहुंचाने की अपील की।