राजस्थान में अंगदाताओं को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया ‘अंगदाता स्मारक‘ का उद्घाटन

Editor-Manish Mathur

जयपुर 02 दिसंबर 2020 राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने आज राज्य की राजधानी जयपुर में ‘अंगदाता स्मारक‘ का उद्घाटन किया। अंगदाताओं को समर्पित अपनी तरह का यह देश का पहला स्मारक है। स्मारक की अवधारणा मोहन फाउंडेशन जयपुर सिटीजन फोरम नवजीवन (एमजेसीएफ नवजीवन) की है और इस संगठन ने ही इसके लिए पहल की। स्मारक ऐसे असंख्य लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने अपने अंगों को दान करके दूसरों को जीवन का उपहार दिया और इस तरह लोगों को जीवन का अमृत देकर महान कार्य किया है। जयपुर के प्रसिद्ध डिजाइनर समीर व्हीटन द्वारा निर्मित और डालमिया सीमेंट की डिजाइन और क्रिएटिव इकाई क्राफ्ट बेटॉ द्वारा निर्मित यह स्मारक एसएमएस अस्पताल के पास पृथ्वीराज रोड और टोंक रोड के जंक्शन पर बनाया गया है।

अंगदाता स्मारक की संरचना जयपुर के सबसे प्रतिष्ठित स्मारक जंतर मंतर से प्रेरित है और यह अंग दान के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह अक्सर कहा जाता है कि सफल अंग प्रत्यारोपण उन लोगों के लिए पुनर्जन्म से कम नहीं है, जो इस उपहार को प्राप्त करते हैं। स्मारक पूरी तरह से इसी जज्बे को अभिव्यक्त करता है। यह ऐसे लोगों की तकलीफों को उजागर करता है, जिन्हें आंख, दिल या गुर्दे जैसे अंग के लिए किसी दानदाता का इंतजार है। ऐसे लोग बड़ी उम्मीदों और विश्वास के साथ दानदाताओं की ओर देखते हैं, ताकि वे एक सामान्य जीवन जी सकें। स्मारक पर स्थापित की गई दिल की एक विशाल आकृति मानव जीवन और इसमें बसी उदारता दोनों को दर्शाती है।

अंगदाता स्मारक का उद्घाटन करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि मोहन फाउंडेशन जयपुर सिटीजन फोरम नवजीवन, जयपुर द्वारा राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर अंगदाता स्मारक की शुरुआत और एक स्मारिका का प्रकाशन किया जा रहा है। अंगदान करने वालों की स्मृति में स्मारक का निर्माण अपने आप में महत्वपूर्ण है। इससे अन्य लोगों को अंगदान करने के लिए आगे आने की प्रेरणा मिलती है। अंगदान से जरूरतमंदों, विशेषकर पीड़ित लोगों को नया जीवन मिलने का मार्ग प्रशस्त होता है। यह अच्छी बात है कि अंगदाताओं की याद में तैयार किया गया यह देश में अपनी तरह का पहला स्मारक है।‘‘

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने आगे कहा, ‘‘उम्मीद है इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका की सामग्री अंगदान के महत्व और इसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी की दृष्टि से प्रेरणादायक सिद्ध होगी।‘‘

ऑर्गन डोनेशन के महत्व पर बोलते हुए डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री महेंद्र सिंघी कहते हैं, ‘‘यह राजस्थान के ऑर्गन डोनर्स और डालमिया सीमेंट के रचनात्मक ब्रांड बेटन के लिए वास्तव में एक आदर्श स्मारक है, जिसने इस तरह के अनूठे स्मारक को हकीकत में साकार कर दिखाया है। न केवल इसलिए कि यह उन निस्वार्थ आत्माओं के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है, जिनके उपहार ने दूसरों को एक नया जीवन दिया है, बल्कि इस लिहाज से भी क्योंकि इस तरह की सार्वजनिक कला हमारे शहरों को जीवंत बनाने के लिए भी आवश्यक है। इसके अलावा, इस स्मारक के माध्यम से हम अंग दान के बारे में जागरूकता पैदा करना चाहते हैं, ताकि लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाए कि इस दुनिया से जाने के बाद भी वे दूसरों की मदद कर सकते हैं।‘‘

क्राफ्ट बेटॉ के सीईओ श्री सुदीप कुमार ने अंगदाता स्मारक के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘हमारा ब्रांड क्राफ्ट बेटॉ सार्वजनिक कला सहित सीमेंट में निर्मित समकालीन कार्यात्मक कला के लिए पहचाना जाता है। यह स्मारक इस कला का एक और बढ़िया उदाहरण है। राजस्थान के अंगदाताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने और इस माध्यम से अंगदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ यह स्मारक जयपुर के सिटीस्केप की सुंदरता को और बढ़ाने में मदद करता है।‘‘

27 नवंबर को मनाए जाने वाले भारतीय अंगदान दिवस का उद्देश्य लोगों को उनकी मृत्यु के बाद अंगों का दान करने और अंग दान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाते हुए उन्हें इस दिशा में प्रेरित करना है।

 

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