गोदरेज इंटेरियो ने शोध अध्‍ययन ‘विजुअल अर्गोनॉमिक्स’ जारी किया

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 01 दिसंबर 2020 – गोदरेज इंटेरियो, जो भारत का अग्रणी फर्नीचर समाधान ब्रांड है, ने अपना विशेष नया शोध अध्‍ययन विजुअल अर्गोनॉमिक्‍सआज जारी किया। इस शोध अध्‍ययन में कंप्‍यूटर विजन सिंड्रोम से बचाव के लिए कार्यस्‍थल के अर्गोनॉमिक जोखिमपूर्ण कारकों के बारे में बताया गया है। 500 से अधिक लोगों का मूल्‍यांकन करते हुए, आंकड़े जुटाये गये। विश्‍लेषण में कार्य प्रोफाइल्‍स, गैजे उपयोग प्रवृत्तियां और पॉश्‍चर्स को शामिल किया गया।

कार्यस्‍थल और घर पर डिजिटल स्‍क्रीन्स जैसे कि कंप्‍यूटर या मोबाइल फोन्‍स के अत्‍यधिक उपयोग के चलते हाल के वर्षों में नेत्र समस्‍याएं बढ़ी हैं। अधिक समय तक कंप्‍यूटर और मोबाइल की स्‍क्रीन पर देखने के चलते कई नेत्र समस्‍याएं पैदा हुई हैं, जैसे कि आंखों की थकान, सिरदर्द से लेकर अधिक जटिल समस्‍याएं जैसे आंखों में सूखापन (ड्राई आईज), आंखों में धुंधलापन (ब्‍लर्ड आईज), दोहरी दृष्टि दोष (डबल विजन), आंखों में जलन, आंखों से पानी आना व अन्‍य।

इस अध्‍ययन में गहराई तक जाकर अधिकांश नेत्र समस्‍याओं के वैज्ञानिक कारण बताये गये हैं और प्रत्‍येक की व्‍याख्‍या की गयी है, ताकि ऑफिस जाकर काम करने वालों को यह समझने में मदद की जा सके कि वो किसी तरह से अपनी आंखों की अच्‍छी देखभाल कर सकते हैं और आंखों को स्‍वच्‍छ रख सकते हैं।

गोदरेज इंटेरियो के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग (बी2बी), समीर जोशी ने कहा, ”आज के परिदृश्‍य में डिजिटलीकरण अपनी सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रहा है और कार्यस्‍थलों, शिक्षण संस्‍थानों एवं घरों में प्रा‍थमिक उपकरण में कंप्‍यूटर/लैपटॉप का उपयोग समय की मांग बन चुका है। इन गैजट्स के उपयोग ने हमारे जीवन को सरल एवं कुशल बनाया है और हम इनके जरिए आसानी से सूचना प्राप्‍त कर सकते हैं एवं दूसरों से संवाद कर सकते हैं। हालांकि, अधिक समय तक इन गैजट्स के उपयोग के अपने नुकसान भी हैं। संस्‍थागत स्‍तर पर कंप्‍यूटर उपयोगकर्ताओं के नेत्र स्‍वास्‍थ्‍य की चुनौतियों को दूर करने के लिए, कर्मचारियों हेतु व्‍यापक‍ कर्मचारी कल्‍याण दिशानिर्देश तैयार किया जाना महत्‍वपूर्ण है।”

शोध अध्‍ययन के अनुसार, ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों का कम-से-कम 6 घंटे का समय हर रोज कंप्‍यूटर स्‍क्रीन पर देखते हुए बितता है। 65% ने आंख में तनाव और दृष्टि समस्‍याओं की शिकायत की। 47% ने सिरदर्द और थकान होने की बात बतायी। अध्‍ययन से यह भी पता चला है कि भारतीयों द्वारा स्‍क्रीन का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है, 70% कर्मचारी हर रोज़ कम-से-कम 6-9 घंटे का समय गैजट स्‍क्रीन्‍स के सामने बिताते हैं। रोशनी की स्थिति भी उपयुक्‍त नहीं है। भारत में कार्यालयों के 68% वर्कस्‍टेशंस में रोशनी की स्थिति अनुपयुक्‍त पायी गयी। 58% वर्कस्‍टेशंस में ‘अपर्याप्‍त’ प्रकाश व्‍यवस्‍था पायी गयी और 42% में प्रकाश की चमक अत्‍यधिक थी। पर्याप्‍त रोशनी में लोग मु्द्रित, हस्‍तलिखित, या कंप्‍यूटर पर प्रदर्शित कंटेंट को स्‍पष्‍ट देख पाते हैं। दूसरी तरफ, रोशनी बहुत तेज होने पर भी आंखें चौंधिया जाती हैं। यदि वर्कस्‍टेशन में ज्‍यादा चटख रोशनी, या मद्धिम रोशनी, बड़ी, खुली खिड़कियों या ओवरहेड लाइट्स, डिजिटल स्‍क्रीन्‍स पर वॉशआउट प्रभाव पैदा करती हैं।

कंप्‍यूटर विजुअल सिंड्रोम (CVS) का अन्‍य कारण मॉनिटर प्‍लेसमेंट – वर्कस्‍टेशन अर्गोनॉमिक्‍स है; गलत स्थिति में रखे गये मॉनिटर के चलते गर्दन के पॉश्‍चर पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे नेत्र-संबंधी अतिरिक्‍त दर्द के लक्षण पैदा हो सकते हैं, जैसे गर्दन, पीठ के ऊपरी हिस्‍से और कंधे में दर्द। अधिक समय तक गैजट स्‍क्रीन के अत्‍यधिक एक्‍सपोजर के चलते कर्मचारी के स्‍वास्‍थ्‍य एवं सेहत पर शारीरिक एवं क्रियात्‍मक प्रभाव पड़ सकता है।

संस्‍थागत स्‍तर पर कंप्‍यूटर उपयोगकर्ताओं के नेत्र स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिए, व्‍यापक रूप से कर्मचारी कल्‍याण दिशानिर्देश तैयार किया जाना महत्‍वपूर्ण है। गोदरेज इंटेरियो के वर्कस्‍पेस एवं अर्गोनॉमिक्‍स रिसर्च सेल ने कार्यस्‍थलों में विजुअल अर्गोनॉमिक्‍स के लिए मूल्‍यांकन, सुधार और बचाव के सक्रिय एप्रोच का सुझाव दिया है। इन प्रभावी सुझावों में आसान नेत्र व्‍यायाम और कार्यस्‍थल पर प्रकाश स्‍तर में परिवर्तन से लेकर कर्मचारियों की दृष्टि स्थिति का नियमित एवं सही तरीके से मूल्‍यांकन एवं आकलन शामिल है।

मूल्‍यांकन

कार्यस्‍थल के इल्‍यूमिनेशन ऑडिट में कर्मचारियों की सामान्‍य शिकायतों को कम करने और कर्मचारियों की उत्‍पादकता बढ़ाने पर ध्‍यान दिया जा सकता है। इल्‍यूमिनेशन ऑडिट से विभिन्‍न वर्क प्रोफाइल्‍स की भिन्‍न-भिन्‍न प्रकाश आवश्‍यकताओं का मूल्‍यांकन करने में मदद मिलेगी, विभिन्‍न कार्यस्‍थलों पर रोशन की सर्वोत्‍तम व्‍यवस्था करने एवं कर्मचारियों के कल्‍याण संवर्द्धन में सहायता मिलेगी

  • अर्गोनॉमिक मूल्‍यांकन – कार्यस्‍थल अर्गोनॉमिक्‍स के मूल्‍यांकन के साथ कंप्‍यूटर वर्क एवं वर्कस्‍टेशंस हेतु परामर्श
  • कर्मचारी की नेत्र जांच – साइट पर कंप्‍यूटर का उपयोग करने वाले प्रत्‍येक कर्मचारी की दृष्टि का मूल्‍यांकन नियमित अंतरालों पर अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए
  • वार्षिक सीवीएस जांच – कर्मचारियों की नियमित सीवीएस जांच का परामर्श है। इसे प्राय: कंपनियों की नियमित स्‍वास्‍थ्‍य जांच प्रविधियों में शामिल किया जा सकता है, बशर्ते आंखों की सेहत की सक्रियतापूर्वक देखभाल हो।

 

सुधार

अर्गोनॉमिक से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने के लिए जागरूकता महत्‍वपूर्ण है। इसके बाद, सही आदतों के बारे में उचित प्रशिक्षण दें, वर्कस्‍टेशन पर सही एरेंजमेंट करें और वर्क रूटिन के अनुसार डिजिटल हाइजिन बनाये रखें। इसके अलावा, मौलिक रिलैक्‍शेसन टेक्निक्‍स के जरिए शारीरिक एवं मानसिक तंदुरुस्‍ती का प्रशिक्षण देने की भी सलाह है, ताकि आंखों की थकान से बचा जा सके

बचाव

जागरूकता के बाद बचाव की बारी आती है। इसका अर्थ है कि कर्मचारियों को संभावित अर्गोनॉमिक समस्‍याओं के बारे में जानकारी दें। संगठनों द्वारा कई तरह से बचाव किया जा सकता है, जैसे:

  • नेत्र स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े सुझावों के बारे में साप्‍ताहिक चर्चा
  • अपने परिसरों में नियमित नेत्र जांच शिविरों का आयोजन या वार्षिक स्‍वास्‍थ्‍य जांच में इसे शामिल करना
  • प्रगति का पता लगाना व उसकी समीक्षा
  • विजुअल एवं अर्गोनॉमिक स्थितियों का मेंटनेंस

सीवीएस के प्रभाव के बारे में विशेषज्ञों के विचार से, ऑफिस स्‍पेस को संरचनात्‍मक एप्रोच एवं दीर्घकालिक सोच के साथ डिजाइन करें, ताकि कर्मचारियों को कंप्‍यूटर विजन सिंड्रोम एवं अन्‍य अर्गोनॉमिक खतरों से बचाया जा सके।

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