Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर, 27 दिसंबर 2020 – राजस्थान के आईएएस लिटरेरी सोसाइटी के फेसबुक पेज पर शनिवार शाम को ज्ञानवर्धक बुक ऑथर कंवर्सेशन का आयोजन किया गया। आईएएस एसोसिएशन, राजस्थान द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम पीडिएट्रिक सर्जन्स, डॉ. कल्पना स्वामीनाथन और डॉ. इशरत सैयद द्वारा लिखित पुस्तक ‘ए क्राउन ऑफ थॉर्न्स – द कोरोनावायरस एंड अस’ पर आधारित था। वे साहित्य सचिव, आईएएस एसोसिएशन, राजस्थान, श्रीमती मुग्धा सिन्हा के साथ चर्चा कर रहे थे। यह टॉक वैश्विक महामारी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित थी, जिसमें दर्शकों को वायरस, इसके कारणों, मिथकों, टीकों, इकोलॉजी की भूमिका, आदि के बारे में और अधिक समझने का अवसर मिला।
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि लोग स्वस्थ शरीर पर नहीं, बल्कि केवल परेशानी होने पर ध्यान देते हैं। स्वस्थ शरीर की कोई सराहना नहीं करता। इम्यूनिटी कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे बनाया जा सकता है। शरीर जानता है कि उसे क्या करना है। उसे करने का अवसर देना होगा। इसके लिए शरीर को स्वस्थ रखना होगा। अच्छा भोजन, व्यायाम, पुरानी बीमारियों को जांचने और अपने शरीर की स्थिति के बारे में जागरूक होकर यह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में चल रहे मनगढ़ंत तथ्यों की कोई वैज्ञानिक वैधता नहीं है।”
जन्मजात और अर्जित इम्यूनिटी के बारे में बताते हुए, डॉ. सैयद ने कहा कि इननेट इम्यूनिटी वह गुण है जिसे हमारे शरीर ने पिछले हजारों वर्षों में हानिकारक चीजों से बचाव के लिए विकसित किया है। जबकि, अडेप्टिव इम्यूनिटी हमारे शरीर के संपर्क में आने वाली हानिकारक चीजों से बचाव के लिए समय के साथ अर्जित की जाती है। कोई भी वायरस से सुरक्षित नहीं है और इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। शारीरिक दूरी, उचित वेंटिलेशन और खुद को स्वस्थ रखना ही वायरस से मुकाबला करने के सही तरीके हैं। इसे रोकने या ठीक करने के कोई त्वरित उपाय नहीं है। एक दूसरे पर दोष लगाने से किसी का भला नहीं होगा। प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं की सुरक्षा और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए।