Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 01 दिसंबर 2020 : उधार देने वाले उत्पादों के लिए भारत के सबसे बड़े डिजिटल मार्केटप्लेस, पैसा बाज़ार डॉट कॉम (Paisabazaar.com) ने ‘पैसा बाज़ार स्टैक’ विकसित किया है। यह एक डिजिटल लेंडिंग सॉल्यूशन है, जो माइक्रोसॉफ्ट एज्योर तकनीकों और एज्योर एआई का इस्तेमाल करते हुए ऋण वितरण और क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाता है। एज्योर प्लेटफॉर्म पर निर्मित स्टैक को पैसा बाजार के पार्टनर बैंकों और एनबीएफसी के साथ एकीकृत किया गया है ताकि उपभोक्ता शुरुआती से अंतिम सिरे तक मौजूदगी रहित और संपर्क रहित प्रक्रियाओं के माध्यम से क्रेडिट उत्पादों तक पहुंच सकें। उपभोक्ताओं को सुरक्षित रहने में मदद करने के अलावा, यह स्टैक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय निगमों (एनबीएफसी) को 3 से 5 घंटों के भीतर उपस्थिति रहित और पूरी तरह से डिजिटल तरीके से असुरक्षित ऋण वितरित करने में सक्षम कर रहा है, जिसमें पहले 3 से 7 घंटे लग जाते थे।
Paisabazaar.com अपने प्लेटफॉर्म पर उधार वाले उत्पादों के साथ 130 से ज्यादा पार्टनर्स के साथ काम करता है और हर महीने 1200 से अधिक शहरों और कस्बों से होने वाली क्रेडिट संबंधी पूछताछ का समाधान करता है। परंपरागत रूप से, किसी ऋण आवेदन के लिए आवेदक और बैंक प्रतिनिधि के बीच व्यक्तिगत बैठकों की जरूरत पड़ती है, ताकि फॉर्म भरे जा सकें, सहायक दस्तावेज जुटाए जा सकें और पहचान का सत्यापन किया जा सके। इसके बाद, ऋण दिए जाने या अस्वीकार किए जाने से पहले बैंक अधिकारियों द्वारा मैनुअल सत्यापन किया जाता है और अंत में खुद उपस्थित रहकर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इन चरणों और प्रक्रियाओं में रुकावट आ गई थी। डिजिटल स्टैक के लॉन्च के साथ अब यह प्रक्रिया डिजिटल रूप से बहाल हो गई है और ऋण वितरण में लगने वाला समय काफी कम हो गया है।
Paisabazaar.com के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मुकेश शर्मा के अनुसार, “स्टैक दरअसल इस उद्योग की संरचना में बदलाव है। डिजिटल प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे की कमी के चलते अधिकांश बड़े ऋणदाताओं और फिनटेक की कोई तैयारी नहीं थी। हम सभी को एक नई वास्तविकता को समझना और उसे अपनाना था। हर किसी पर असर पड़ा। ऐसे में हमारा फ़ोकस यह सुनिश्चित करने पर था कि उपभोक्ता पूरी तरह से कागज़ और मौजूदगी के बगैर होने वाली प्रक्रियाओं के जरिए अपनी जरूरत के ऋण तक पहुंच सकें। हमने अपने डिजिटल स्टैक के साथ शुरुआती से अंतिम सिरे तक डिजिटल लोन वितरण को एक वास्तविकता बनाने के लिए एआई और कॉग्निटिव सर्विसेज की क्षमता को पहचाना। हम मार्केट लीडर हैं और ज्यादातर बड़े बैंकों और नए ज़माना के ऋणदाताओं के साथ हमारी साझेदारी है। स्थापना के बाद से ही हमने इनोवेशन की संस्कृति अपनाई है। ज़ाहिर है, हम समूचे तंत्र के बेहद जरूरी डिजिटलीकरण की दिशा में इस महत्वपूर्ण बदलाव को तेज़ करने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं।”
ग्राहकों के लिए निरंतरता सुनिश्चित करने और उन्हें कम से कम मुश्किलें आएं इसके लिए स्टार्ट-अप ने नवाचार की संस्कृति को अपनाया, जो कि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा नियुक्त आईडीसी के एक अध्ययन के अनुसार, प्रौद्योगिकी, प्रक्रिया, डेटा और लोगों के बीच तालमेल की पहचान करती है, जिसकी बदौलत कंपनियाँ बिना बाधा के लगातार नवाचार का संचालन कर सकतीं हैं।
शर्मा यह भी कहते हैं कि लॉकडाउन ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया, ”महामारी हमें आघात पहुंचाती, उससे पहले ही हम इस स्टैक को बनाने की कोशिश कर रहे थे। हम कागज़ रहित डिजिटल कार्यक्रम बनाना चाहते थे, लेकिन उद्योग के तैयार नहीं होने के कारण चीजें आगे नहीं बढ़ रही थीं। लेकिन जब लॉकडाउन हुआ, तो सबसे पहले हमने इस डिजिटल स्टैक को लॉन्च किया।”