Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 09 दिसंबर 2020 – पीडब्ल्यूसी इंडिया ने अगले 10 सालों में 300 मिलियन युवाओं को कौशल प्रदान करने और डिजिटल अंतराल को दूर करने के लिए युनिसेफ और युवाह (जनरेशन अनलिमिटेड इन इंडिया) के साथ साझेदारी की है, ताकि इन युवाओं को समाज में बदलावकर्ताओं के रूप में स्थापित किया जा सके। श्री किरण रीजीजू, माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय और मिस उषा शर्मा, सचिव, खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय, लाॅन्च के अवसर पर मौजूद थे। जनरेशन अनलिमिटेड के सहयोग से युनिसेफ के साथ साझेदारी के तहत पीडब्ल्यूसी ने यह घोषणा की है, 2030 तक 1.8 बिलियन युवाओं को स्कूल से काम की ओर बढ़ने में मदद करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
विश्वस्तर पर, यह साझेदारी दुनिया भर के लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करेगी, इनमें वे युवा भी शामिल होंगे, जिनके पास डिजिटल दुनिया के साथ जुड़ने के अवसर उपलब्ध नहीं हैं। भारत में यह साझेदारी पीडब्ल्यू, युनिसेफ और युवाह को एक ही मंच पर लाएगी और उनकी संयुक्त क्षमता के साथ पीडब्ल्यू के विश्वस्तरीय प्रोग्राम नई दुनिया, नया कौशल के लिए उल्लेखनीय ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, क्योंकि आज की डिजिटल दुनिया में कौशल प्राप्त करना हर किसी के लिए ज़रूरी है और यही समय की मांग है।
युनिसेफ द्वारा हाल ही में पीडब्ल्यू के सहयोग से पेश किए गए प्रकाशन श्ैजमचचपदह वितूंतकरू ब्वददमबजपदह जवकंलष्े लवनजी जव जीम कपहपजंस निजनतमश् के मुताबिक आज की दुनिया में 1.2 बिलियन युवाओं में से तकरीबन 463 मिलियन युवाओं के पास रिमोट लर्निंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जबकि कोविड-19 महामारी के चलते स्कूल बंद हैं। इसके अलावा, महामारी के प्रभावों के कारण हर छह में से एक व्यक्ति का काम रूक गया है। युवा, खासतौर पर युवा महिलाएं और लड़कियां, जिनके पास इंटरनेट, तकनीक एवं डिवाइसेज़ उपलब्ध नहीं हैं और जिनके पास डिजिटल कौशल का अभाव है, उन्हें इस दौर में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस साझेदारी पर बात करते हुए डाॅ यासमीन अली हक, भारत में युनिसेफ के प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘पीडब्ल्यूसी के साथ हमारी साझेदारी आज के समय की मांग है- आज के दौर में युवाओं की ज़रूरतों को सुनना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उन्हें महत्वाकांक्षओां के अनुरूप भरोसेमंद जानकारी पाने का अवसर मिले। हमें युवाओं के साथ मिलकर इन ज़रूरतों के मद्देनज़र समाधान उपलब्ध कराने होंगे। वे न केवल चुनौतियों को समझते हैं बल्कि उनमें उेसी रचनात्मकता है कि आज के दौर की ज़रूरतों के अनुसार उचित समाधान भी उपलब्ध करा सकते हैं। युवाओं की क्षमता, और उनके साथ मिलकर हम क्या उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं, यही हमारी इस साझेदारी का आधार है।’’
इस अवसर पर नील रतन, रीजनल मैनेजिंग पार्टनर, पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा, ‘‘जहां एक ओर महामारी के चलते भारत की डिजिटल यात्रा को बढ़ावा मिला है, वहीं दूसरी ओर यह भी साफ हो गया है कि देश की युवा आबादी के लिए आज भी बड़ा डिजिटल अंतराल है। युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए समाज, सरकार, उद्यमों और नागरिकों को एक साथ मिलकर एक ही दृष्टिकोण के साथ काम करना होगा। इसके लिए हर हितधारक की ओर से संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। ताकि डिजिटल सेवाओं को युवाओं के लिए सुलभ, किफ़ायती और समावेशी बनाया जा सके।’’
यह प्रोग्राम सार्वजनिक एवं निजी, सभी हितधारकों के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा, साथ ही युवाओं को ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां उन्हें अपनी रोज़गार और कमाई की क्षमता बढ़ाने के लिए एक समान अवसर मिलेंगे। यह उन्हें समाज में सक्रिय बदलावकर्ता के रूप में आगे बढ़ने के लिए मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
पीडब्ल्यूसी इंडिया तीन स्तंभों के आधार पर इस प्रोग्राम को व्यापक समर्थन प्रदान करेगाः आर्थिक अवसर एवं रोजगार क्षमता; 21 वीं सदी का कौशल और लर्निंग, युवाओं की सक्रियता। विशेष क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाए, यह प्रोग्राम विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं की साक्षरता, पारस्परिक एवं सामाजिक कौशल में सुधार लाएगा, जो उनहें समग्र विकास द्वारा बेहतर भविष्य के लिए तैयार करेगा।
धीरे-धीरे प्रोग्राम का कवरेज बढ़ाते हुए इसके तहत बड़ी आबादी तक पहुंचने के प्रयास किए जाएंगे ताकि समाज के सबसे संवेदनशील एवं वंचित वर्ग इन अवसरों से लाभान्वित हो सकें। धुवाराखा श्रीराम, चीफ़ आॅफ एडाॅल्सेन्ट प्रोग्रामिग एण्ड जनरेशन लिमिटेड (युवाह), भारत ने कहा, ‘‘ विभिन्न हितधारकों जैसे सरकार, निजी क्षेत्र, सिविल सोसाइटी, अकादमिक जगत क साथ साझेदारियों के माध्यम से युवाओं की महत्वाकांक्षआंे के अनुसार प्रतिक्रिया करना हमारा मुख्य दृष्टिकोण है। पीडब्ल्यू इंडिया के सहयोग से पेश किया गया यह मंच युवाओं को उनकी महत्वाकांक्षाओं, चुनौतियों पर आवाज़ उठाने में सक्षम बनाएगा और उन्हें ऐसे समाधान एवं जानकारियां पाने में मदद करेगा जो उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।’’
भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक देश के 450 मिलियन युवा देश की कुल आबादी का 34 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।
इस अवसर पर तान्या एलिज़ाबेथ केन, युवा उद्यमी एवं युवाह यंग पीपल्स एक्शन टीम के सदस्य ने कहा, ‘‘एडटेक न केवल तकनीक के माध्यम से शिक्षा प्रदान करता है बल्कि यह तकनीक के द्वारा गरीबी से लड़ने में भी योगदान देता है। उद्योग जगत के विविध हितधारकों के साथ मिलकर शिक्षा एवं रोज़गार के क्षेत्र की असमानताओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है। सार्वजनिक क्षेत्र के हितधारक संसाधनों में सहयोग प्रदान कर सकते हैं, वहीं निजी क्षेत्र के हितधारक सीमांत सुवाओं को करियर के लिए मार्गदर्शन एवं अवसर प्रदान कर सकते हैं, जो उन्हें अन्यथा नहीं मिलते। मुझे उम्मीद है कि ये संसाधन एवं अवसर देश के युवाओं के लिए इन सभी सुविधाओं को सुलभ बनाएंगे।’’