Editor-Manish Mathur
जयपुर 04 दिसंबर 2020 महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार को आयोजित किया गया। डाॅ. मीनू श्रीवास्तव अधिष्ठाता, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय ने बताया कि माननीय कुलपति महोदय डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम विद्यालय के छात्र छात्राओं में कृषि शिक्षा पाठ्यक्रम के प्रति रूचि जागरूकता एवं रुझान को विकसित करने हेतु आयोजित किया गया ।
कुलपति महोदय ने अपने सम्बोधन में बताया कि यह दिवस हमारे प्रथम राष्ट्रपति एवं प्रथम केन्द्रीय कृषि मंत्री भारत रत्न डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होने अपने उद्बोधन में कृषि शिक्षा के हर एक पहलु के बारे विस्तृत रूप से बताया। साथ ही उन्होने बताया की कृषि ने कोविड़ 19 में भी अपनी जगह बनाई और वर्तमान में कृषि को आजीविका से जोड़ना और कृषि शिक्षा के प्रति विश्वास व आशा रखना अनिवार्य है। उन्होने विद्यार्थियो को आहवान किया कि कृषि शिक्षा लेकर वे उद्यमिता शुरू कर रोजगार प्रदान वाले बने न कि रोजगार आदान वाले।
डाॅ. मीनू श्रीवास्तव ने अतिथियो का स्वागत कर इस दिवस के महत्व को बताया। राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. अरूणाभ जोशी ने छात्र- छात्राओं को कृषि के विभिन्न विषयों के बारे मे विस्तृत रूप से जानकारी दी। निदेशक अनुसंधान डॅा. एस. के. शर्मा ने कृषि में अनुसंधान कि उपयोगिता बताई और कहा कि हरितक्रान्ति अनुसंधान कि ही देन है। निदेशक प्रसार डाॅ. एस. एल. मून्दड़ा ने कृषि को किसानो तक पहुचाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको की भूमिका बताई।
कार्यक्रम का संचालन आयोजना सचिव डॅा. प्रकाश पंवार, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा एवं संचार प्रबन्धन ने किया। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम में उदयपुर, भीलवाड़ा, प्रतापगढ, डुगरपूर व अन्य जिलो के विद्यालय के 165 छात्र-छात्राए व अध्यापक जुडे़। इस दिवस को मनाने के लिए आनॅलाइन निबन्ध एवं स्लोगन प्रतियोगिता भी रखी गई जिसमें 55 विद्यार्थियो ने भाग लिया। अंत में प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थानों पर रहने वाले विद्यालय के चयनित छात्र छात्राओं को महोदय ने आर्शिवचान द्वारा प्रोत्साहित किया डाॅ. सी. एम. यादव एवं डॅा. योगेश कनौजिया कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी द्वारा सुचारू रूप से सम्पूर्ण कराया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॅा. विशाखा बंसल, प्रोफेसर प्रसार शिक्षा एवं संचार प्रबन्धन ने किया।