Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 08 दिसंबर 2020 -वी की सीएसआर शाखा वोडाफ़ोन इंडिया फाउंडेशन ने नोकिया के साथ साझेदारी में स्मार्ट एग्रीकल्चर समाधान डिप्लाॅय किया है, भारत में किसानों की उत्पादकता बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है। पायलट परियोजन का संचालन मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों की तकरीबन 100 लोकेशनों में किया जाएगा, इससे क्षेत्र के 50,000 से अधिक किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ने से वे लाभान्वित होंगे।
स्थानीय कृषि प्रथाओं, आईओटी समाधनों तथा आधुनिक तकनीक के ज़रिए संचार की सुलभता बढ़ाकर छोटे किसानों की आजीविका में सुधार लाना स्मार्ट एग्री-प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है। सामाजिक रूप से प्रासंगिक यह परियोजना सरकार के समावेशी विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इसे देश भर में दोहराया जा सकता है और इस तकनीक का पैमाना बढ़ाए जाने की अपार संभावना है।
भारत की कृषि प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने में तकनीक के प्रभाव को दर्शाने हेतु वी सीएसआर ने मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की कृषि भूमि को चूना है तथा नोकिया को आईओटी समाधान प्रदाता के रूप में आॅन-बोर्ड किया है तथा सोलिडेरिडेड को क्षेत्र कार्यान्वयन के लिए चुना है।
इस अनूठी सीएसआर पहल का प्रदर्शन 8-10 दिसम्बर के बीच आईएमसी 2020 के वी बूथ (हाॅल संख्या 3, बूथ 3बी) पर किया जाएगा।
इस प्रोग्राम के बारे में बात करते हुए पी. बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एण्ड कोरपोरेट अफेयर्स आॅफिसर, वोडाफ़ोन आइडिया लिमिटेड ने कहा ‘‘वी सीएसआर स्थाायी समाधानों एवं आधुनिक तकनीकों के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्मार्ट आईओटी और एआई आधारित समाधानों के उपयोग द्वारा स्मार्ट फसल प्रबंधन से कृषि प्रथाओं में बदलाव आ रहे हैं, जिसके चलते आज किसान ‘इंटेलीजेन्ट’ और स्मार्ट फैसले ले रहे हैं, ऐसे में संसाधनों के बेहतर उपयोग से उनकी फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ रही है। हमारी स्मार्ट कृषि परियोजना अपने आप में अनूठी है जो सभी हितधारकों को एक ही मंच पर लाती है, जैसे नोकिया को आधुनिक तकनीक के लिए, सोलिडेरिडेड को परियोजना प्रबंधन के लिए तथा साथ ही विश्वविद्यालयों के हरित विशेषज्ञों एवं अनुसंधानकर्ताओं को भी इस मंच के साथ जोड़कर भारत के किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए प्रयासरत है।’’
इस परियोजना के तहत 100,000 से अधिक कृषि भूमि पर 400 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं, जो विभिन्न डेटा पाॅइन्ट्स से आंकड़े जुटाते हैं, जिनका विश्लेषण क्लाउड आधारित एवं स्थानीकृत स्मार्ट कृषि ऐप के ज़रिए किया जाता है। यह ऐप स्थानीय भाषा को सपोर्ट करता है और साथ ही मौसम के बारे में पूर्वानुमान और सिंचाई प्रबंधन के बारे में जानकारी भी देता है। ये सेंसर सोया और कपास की फसल की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए ज़रूरी सुझाव देते हैं। विंग के माध्यम से फसर प्रबंधन में स्मार्ट सिंचाई, स्मार्ट कीटनाशक नियन्त्रण और फसलों एवं मौसम पर सूचना को साझा करने के सक्रिय तरीकों तथा कोमोडिटी एक्सचेंज के लिए प्लेटफाॅर्म को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा फसल प्रबंधन के लिए पारम्परिक संेसर के बजाए रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम टेक्नोलाॅजी या ड्रोन्स का उपयोग भी किया जा सकता है।
अंकुर भान, हैड आॅफ नोकिया विंग बिज़नेस, नोकिया ने कहा, ‘‘एक स्मार्ट एवं अधिक कनेक्टेड दुनिया के निर्माण के लिए कृषि एवं अन्य उद्योगों के भविष्य को नए आयाम देना हमारा मिशन है। वी सीएसआर के साथ मिलकर हमारी प्रबंधित सेवाएं शुरूआत में 50,000 किसानों औरउनके परिवारों की मदद करेंगी, बाद में ये समाधान पूरे देश के किसानों तक पहुंचाए जाएंगे।’’
स्मार्ट एग्रीकल्चर 5जी के दौर का एक नया उदाहरण है, जिस पर भारत काम कर रहा है। नोकिया विंग की ओर से इस सम्पूर्ण आधुनिक समाधान को डोमेन के विशेषज्ञों और कृषि साझेदार प्रणाली का समर्थन प्राप्त है।