Editor – Manish Mathur
जयपुर 27 जनवरी 2021 – विभिन्न इंडस्ट्रीज के बढ़ते गठबंधन के साथ, महिंद्रा ग्रुप ने स्टेकहोल्डर कैपिटलिज्म मेट्रिक्स को लागू करने हेतु अपनी वचनबद्धता की घोषणा की। ये विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम) द्वारा जारी पर्यावरणीय, सामाजिक एवं प्रशासनिक (ईएसजी) पैमाने व प्रकटीकरणों का समुच्चय है जो सभी हिस्सेदारों के लिए दीर्घकालिक उद्यमीय मूल्य सृजन को मापता है।
वचनबद्धता के बारे में, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन, आनंद महिंद्रा ने बताया, ”धरती और धरतीवासियों का विचार न करते हुए व्यवसाय संचालन करने वालों की तुलना में उद्देश्योन्मुखी व्यवसाय संभवत: अधिक प्रतिरोधकक्षमतापूर्ण (रेसिलिएंट) हैं। निवेशक यह समझते हैं। हम व्यापक ईएसजी मापकों के विकास के जरिए रिपोर्टिंग को मानकीकृत करने के विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के प्रयास का समर्थन करते हैं और हमें विश्वास है कि यह टिकाऊ दुनिया की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम होगा।”
वर्तमान स्वैच्छिक मानकों पर आधारित ‘हितधारकता वाले पूंजीवाद के मापक‘ (स्टेकहोल्डर कैपिटलिज्म मेट्रिक्स), धरती, धरतीवासियों, समृद्धि और प्रशासन के उन सिद्धांतों पर केंद्रित 21 सार्वभौमिक, तुलनीय प्रकटीकरणों का प्रमुख समुच्चय प्रदान करते हैं जिन्हें व्यवसाय, समाज और धरती के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। वो टिकाऊपन के मुद्दों पर अपनी प्रगति को मापने हेतु कंपनियों एवं निवेशकों की क्षमता मजबूत बनाते हैं, और इस प्रकार, वो उन्हें सोच-विचारकर निर्णय लेने और कंपनियों द्वारा सृजित साझा व टिकाऊ मूल्य के संबंध में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाते हैं। इन लीडर्स और इनकी कंपनियों जिनमें महिंद्रा, डाउ, यूनिलीवर, नेस्ले और सोनी शामिल हैं, ने वचन दिये हैं कि वो:
- निवेशकों व अन्य हिस्सेदारों को की जाने वाली अपनी रिपोर्टिंग (जैसे वार्षिक रिपोर्ट, टिकाऊपन रिपोर्ट, प्रॉक्सी स्टेटमेंट्स, या अन्य सामग्रियों) में अपने व्यवसाय के सबसे प्रासंगिक मापकों के बारे में बताते हुए उन प्रमुख मापकों के बारे में जानकारी देंगे या संक्षेप में यह बतायेंगे कि उन्होंने किसी भिन्न एप्रोच को क्यों अधिक उचित माना
- सार्वजनिक रूप से इस कार्य का समर्थन करेंगे और अपने व्यावसायिक सहभागियों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे
- सामान्य ईएसजी मापकों पर गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग हेतु वैश्विक रूप से स्वीकृत समाधान की दिशा में प्रगति को समर्थन देने के लिए मौजूदा ईएसजी मानकों, ढांचों व सिद्धांतों के और अधिक कन्वर्जेंस को बढ़ावा देंगे
इसका संकल्प लेने के लिए, बिजनेस लीडर्स यह संकेत दे रहे हैं कि सभी व्यवसायों की सफलता और उनकी दीर्घकालिक लाभकारिता के लिए ईएसजी कारक अधिकाधिक महत्वपूर्ण हो रहे हैं। इससे दुनिया की अग्रणी कंपनियों द्वारा उनकी प्रमुख रणनीति, परिचालनों और कॉर्पोरेट प्रकटीकरणों में टिकाऊपन को शामिल किये जाने की इच्छा का स्पष्ट रूप से पता चलता है।
विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष, क्लॉस श्वाब ने कहा, ”हितधारकता वाला पूंजीवाद अब वास्तव में मुख्य-धारा बन चुका है। कंपनियों द्वारा न केवल वित्तीय मामलों में बल्कि उनके ईसीजी प्रभावों पर रिपोर्ट देने की सार्वजनिक प्रतिबद्धताएं, प्रगति, धरती और धरतीवासी हेतु कारगर वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
सीडीपी, जलवायु प्रकटीकरण मानक बोर्ड (सीडीएसबी), ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशियेटिव (जीआरआई), इंटरनेशनल इंटीग्रेटेड रिपोर्टिंग काउंसिल (आईआईआरसी) और सस्टेनेबिलिटी एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (एसएएसबी) के मौजूदा मानकों के आधार पर चेष्टापूर्वक तैयार किये गये, इन मापकों में शासकीय निकाय की गुणवत्ता, हितभागियों की भागीदारी, नैतिक आचरण एवं जोखिम और अवसर निरीक्षण (ओवरसाइट) जैसे विषय शामिल हैं। इन मापकों एवं प्रकटीकरणों को अपनाकर एवं इनके आधार पर रिपोर्टिंग करके, कारोबारी समुदाय भारी सहयोग एवं मौजूदा मानकों के अनुसार अनुरूपता बढ़ती रहेगी और टिकाऊपन आधारित प्रदर्शन पर रिपोर्टिंग हेतु सामान्य मानकों के लिए व्यवस्थित, वैश्विक रूप से स्वीकृत सोच को आगे बढ़ाने हेतु बढ़ावा मिलेगा।
महिंद्रा ग्रुप, पिछले 12 वर्षों से रिपोर्टिंग के लिए वैश्विक रूप से गोल्ड स्टैंडर्ड माने जाने वाले ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशियेटिव (जीआरआई) ढांचे के आधार पर सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट्स प्रकाशित करता रहा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा पिछले तीन (3) वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय <IR> ढांचे पर एकीकृत रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। ये वैश्विक रूप से बहु-प्रशंसित रिपोर्ट्स हैं।
हितधारकता वाले पूंजीवाद की मापक पहल के विषय में
अगस्त, 2019 में, अपने इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल के अनुरोध पर, विश्व आर्थिक मंच ने डेलॉयट, ईवाई, केपीएमजी और पीडब्ल्यूसी के सहयोग सार्वभौमिक मापकों व प्रकटीकरणों के समुच्चय – स्टेकहोल्डर कैपिटलिज्म मेट्रिक्स की पहचान हेतु एक प्रोजेक्ट शुरू किया। ये मेट्रिक्स, प्रशासन, धरती, धरतीवासी और समृद्धि के सिद्धांतों के चार थीम्स पर केंद्रित मौजूदा मानकों के आधार पर विचारपूर्वक तैयार किये गये हैं। 200 से अधिक कंपनियों, निवेशकों एवं इच्छुक पक्षों से परामर्श के बाद, सितंबर 2020 में, इस प्रोजेक्ट की सामान्य मानकों हेतु हितधारकता के पूंजीवाद का मापन और टिकाऊ मूल्य सृजन पर संगत रिपोर्टिंग शीर्षक की रिपोर्ट में 21 प्रमुख और 34 विस्तारित मापकों एवं प्रकटीकरणों की परिष्कृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रकाशित की गयी। स्टेकहोल्डर कैपिटलिज़्म मेट्रिक्स इनिशिएटिव उन तरीकों को बेहतर बनाने का प्रयास करता है जो कंपनियां पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) संकेतकों के खिलाफ अपने प्रदर्शन को मापती हैं और प्रदर्शित करती हैं और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में सकारात्मक योगदान को सक्षम बनाती हैं। परियोजना के दोहरे उद्देश्य प्रमुख निजी ईएसजी मानक के बीच अभिसरण में तेजी लाना और ईएसजी के खुलासे की रिपोर्टिंग के लिए अधिक तुलनीयता और स्थिरता लाना है।
महिन्द्रा समूह 19.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाला कंपनियों का संघ है, जो नये-नये मोबिलिटी समाधानों के जरिए और ग्रामीण समृद्धि, शहरी रहन-सहन को बढ़ाते हुए, नये व्यवसायों को प्रोत्साहन देकर और समुदायों की सहायता के जरिए लोगों को राइज अर्थात़ उत्थान करने में सक्षम बनाता है। इसका ट्रैक्टर, उपयोगिता वाहन, सूचना प्रौद्योगिकी और वैकेशन ओनरशिप में अग्रणी स्थान है और यह वॉल्युम की दृष्टि से दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी है। कृषि-व्यवसाय, एयरोस्पेस, कल-पुर्जे, परामर्श सेवाओं, प्रतिरक्षा, ऊर्जा, औद्योगिक सेवाओं, लॉजिस्टिक्स, जमीन-जायदाद, खुदरा, इस्पात और दोपहिये उद्योगों में महिन्द्रा की महत्वपूर्ण मौजूदगी है। इसका मुख्यालय भारत में है। 100 से अधिक देशों में, महिन्द्रा के 2,56,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। www.mahindra.com / ट्विटर और फेसबुक: @MahindraRise पर महिंद्रा के बारे में अधिक जानें
सस्टेनेबिलिटी @ महिंद्रा के विषय में
‘जिम्मेदार व्यवसाय’ महिंद्रा समूह के व्यापार करने के तरीके की नींव है। हमारा लक्ष्य पर्यावरण का कायाकल्प करते हुए और हमारे हितधारकों को उत्थान के लिए एक स्थायी व्यवसाय का निर्माण करना है। क्लीनर इंजन से, अपने चैनल भागीदारों पर टिकाऊ संचालन सुनिश्चित करने के लिए, महिंद्रा अपने सभी हितधारकों के लिए दुनिया को हरियाली, स्वच्छ और बेहतर जगह बनाने की दिशा में काम कर रहा है। महिंद्रा 2014 से वाटर पॉजिटिव ग्रुप है और 22 लैंडफिल मुक्त विनिर्माण सुविधाओं / रिसॉर्ट्स / स्थानों को संचालित करता है। समूह ने अपने प्रमुख व्यवसायों में ऊर्जा उत्पादकता को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध किया है और अक्षय ऊर्जा का उपयोग कर रहा है। इसकी समूह की 20 कंपनियों ने साइंस बेस्ड टारगेट ’निर्धारित किया है और इस प्रकार खुद को पेरिस समझौते से जोड़ा है। यह हरियली कार्यक्रम के माध्यम से हर साल मिलियन से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। समूह की कंपनियों को डीजेएसआई और सीडीपी रैंकिंग और एमएंडएम पर लगातार छापा गया है, इसकी ऑटो क्षेत्र की कंपनी को दुनिया में ‘100 सबसे सतत प्रबंधित कंपनियों’ में 17 वें स्थान पर रखा गया था। – 2020 में किसी ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए और किसी भारतीय कंपनी के लिए सबसे ज्यादा।
महिंद्रा की रिपोर्ट्स यहां देखी जा सकती हैं :
महिंद्रा सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट 2020 https://www.mahindra.com/resources/pdf/sustainability/Mahindra-Sustainability-Report-2019-20.pdf
महिंद्रा एंड महिंद्रा इंटीग्रेटेड 2020 https://www.mahindra.com/resources/investor-reports/FY20/Announcements/MM-Integrated-Annual-Report-2019-20.pdf