सभी पंचायत मुख्यालयों पर पशु चिकित्सा संस्था स्थापित करने का प्रयास -पशुपालन मंत्री

Editor-Ravi Mudgal
जयपुर, 25 जनवरी 2021 –  कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने सोमवार को यहां पंत कृषि भवन में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर विभागीय पशु चिकित्सा संस्था स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे।

मंत्री श्री कटारिया ने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार 1478 संस्था विहीन ग्राम पंचायतों मेें चरणबद्ध तरीके से पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जाने है। इसके तहत अब तक 571 पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जा चुके हैं। उन्होंने विभाग में रिक्त पदों को भी यथाशीघ्र भरने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुओं की देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर देते हुए दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालकों को उनके घर तक पशु चिकित्सा सुलभ कराने के लिए मोबाइल यूनिट चलाने के भी प्रयास करें। उन्होंने राज्य के प्रगतिशील पशुपालकों का डेटा तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से तकनीकी जानकारी एवं सलाह निरन्तर साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने ज्यादा उपयोग वाली दवाओं की मात्रा बढ़ाने, इनाफ टेगिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान बढ़ाने तथा पशु आहार जांच के लिए प्रक्रिया तय करने के निर्देश दिए।
उन्होंने राज्य में बर्ड फ्लू की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सतर्क रहते हुए निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि मुर्गियों में इस रोग का कोई संक्रमण सामने नहीं आया है, पक्षियों के मरने की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है और स्थिति नियंत्रण में है।

श्री कटारिया ने राजपत्रित एवं गैर-राजपत्रित संवर्ग की विभागीय पदोन्नति (डीपीसी) प्रक्रिया 15 फरवरी से पहले पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का शीघ्र शत प्रतिशत निस्तारण करने के निर्देश दिए।

कृषि एवं पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीना ने नवीन पशु चिकित्सा संस्थाओं के भवन निर्माण की गति बढ़ाने के लिए कार्यकारी एजेंसी बदलकर ग्राम पंचायत को बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी पशु अस्पतालों का निरीक्षण कर दवाओं का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए।

प्रमुख शासन सचिव ने जेके ट्रस्ट की ओर से किये जा रहे कृत्रिम गर्भाधान के कार्यों की समीक्षा करने तथा पशु प्रजनन फार्मों के पुनर्गठन पर जोर दिया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पूर्व में संचालित उष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना को जारी रखने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए। बैकयार्ड पोल्ट्री के रूप में देशी नस्ल की मुर्गियों जैसे कड़कनाथ, असील आदि को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। उन्होंने पोल्ट्री एस्टेट जामड़ोली में कुक्कुट पालन नहीं कर रहे आवंटित भूखण्डधारकों को नोटिस तामिल कराने के निर्देश दिए।

इस दौरान मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित शर्मा की ‘डेयरी उद्यमिता-एक परिचय’ पुस्तक का विमोचन किया। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। बैठक में पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषि मलिक, निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित पशुपालन, पशुधन विकास बोर्ड एवं मत्स्य विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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