Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 21 जनवरी 2021 , राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के बी.एस.सी. (कृषि) चतुर्थ वर्ष के 110 विद्यार्थियों को कृषि कार्यानुभव कार्यक्रम (रावे) हेतु इस महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर दिलीप सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर बसों को रवाना किया ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने विद्यार्थियों को अनुशासित एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुऐ कृषक परिवारों के साथ कृषि के विभिन्न आयामों के बारे में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की सलाह दी । उन्होने यह भी कहा कि विद्यार्थियों के लिए कृषक परिवारों के साथ रहकर उनके द्वारा अपनाई जा रही समन्वित कृषि तकनीकी, विभिन्न फसलों की पारम्परिक एवं नई तकनीकी तथा पशुपालन, मुर्गीपालन आदि के बारे में सीखने का एक अनुठा मौका है । उन्होने विद्यार्थियों से यह आह्वान किया कि यदि विद्यार्थी तन्मयता एवं निष्ठा से ’रावे’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करेगें तो भविष्य में अपना स्वयं का कृषि आधारित उद्योग लगाकर स्वरोजगार शुरू कर सकेगें ।
इस कार्यक्रम के समन्वयक डाॅं0 एस.एन. ओझा, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा विभाग ने बताया कि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के सात कृषि विज्ञान केन्द्रों पर भेजा गया जो कि नो सप्ताह तक किसान परिवारों के साथ रहकर गहन संवाद करेगें तथा कृषि संबंधित तकनीकी का अध्ययन करेगें । इस कार्यक्रम के प्रभारी डाॅं0 फतह लाल शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक सत्र में कुल 35 छात्राऐं एवं 75 छात्र सम्मिलित है जो कि राजस्थान के बाॅंसवाड़ा, डॅुगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, राजसमन्द एवं वल्लभनगर कृषि विज्ञान केन्द्रों पर भेजे जा रहे हैं तथा इस कार्यक्रम से संबंधित तैयार नियमावली एवं दैनिक डायरी को पूर्ण करेगें । कार्यक्रम में प्रो0 एस.एस. सिसोदिया, डाॅं0 नारायण लाल मीणा, डाॅं0 जी.एल. मीणा, डाॅं0 कपिल आमेटा एवं डाॅं0 आर.एस. चैधरी भी उपस्थित थे