Editor-Rashmi Sharma
जयपुर, 27 जनवरी 2021 – राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने बताया की स्वतः नामान्तरकरण प्रक्रिया राज्य की समस्त ऑनलाईन तहसीलों में प्रारम्भ की जा रही है। इससे भविष्य में खातेदार की अनुमति के बिना कृषि भूमियों का बेचान नहीं हो सकेगा।
श्री चौधरी ने कहा कि 27 जनवरी तक जयपुर जिले में कुल 2 हजार 975 स्वतः नामन्तरकरण हुये हैं। राज्य में 210 उप पंजीयक कार्यालयों में यह सुविधा आरम्भ की जा रही है। एवं शेष में प्रगतिशील है, जो जल्द ही चालू हो जायेगी।
राजस्व मंत्री ने बताया कि ऑनलाईन तहसीलों में पंजीयन दस्तावेजों के आधार पर स्वतः नामान्तरकरण द्वारा राजस्व जमाबंदी में अद्यतन की प्रक्रिया शुरू किये जाने का प्रावधान किया गया है जिससे कि राजस्व रिकॉर्ड निर्धारित समय पर अपडेट रहे। इस प्रावधान के लिए शुरूआती चरण में जयपुर जिले की चौमू व दूूदू तहसीलों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा 15 अगस्त 2020 ई-लोकार्पण कर जयपुर जिले की समस्त तहसीलों में स्वतः नामान्तरकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी।
क्या है स्वतः नामान्तरकरण (ऑटोमेटिक म्यूटेशन)
काश्तकार अपनी जमीन बेचने के लिए ई-पंजीयन पोर्टल के माध्यम से जमीन संबंधी आवश्यक दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के पश्चात काश्तकार को रेफरेन्स नम्बर मिलता है। इसके उपरान्त संबंधित उप पंजीयक कार्यालय द्वारा दस्तावेजो की जांच कर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू किया जाता है। उसके उपरान्त स्वतः नामान्तरकरण जनरेट होता है। जारी हुई स्वतः नामान्तरकरण की स्केन्ड प्रति (पी-21) संबंधित तहसील के तहसीलदार को एसएसओ आईडी पर भेजी जाती है। पटवारी, गिरदावर एवं तहसीलदार अपने – अपने स्तर पर प्राप्त आवेदनो की जांच सुनिश्चित करते हैं। तहसीलदार द्वारा प्रमाणित होने के पश्चात् सिस्टम पर इसे अपडेट कर दिया जाता है तथा नामान्तरकरण एवं पंजीयन की कार्यवाही स्वतः संपन्न हो जाती हैं।
उल्लेखनीय है कि आमजन को प्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक लाभ पहुचाने एवं राजस्व कर्मियों के उपयोग हेतु भू-प्रबन्ध विभाग के माध्यम से भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल डीआईएलआरएमपी (डीजिटल इण्डिया लैन्ड रिकार्ड्स मोडीरेनाईजेशन प्रोग्राम ) योजना निष्पादित की जा रही है। स्वतः नामान्तरकरण (ऑटोमेटिक म्यूटेशन) इस योजना का एक प्रमुख घटक है।