Editor-Manish Mathur
जयपुर 12 जनवरी 2021 – मुंबई: देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन और प्रजा फाउंडेशन ने देश के 72वे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में ‘प्रजातंत्र: अंतरविद्यालय समूह प्रस्तुति प्रतियोगिता’ का आयोजन किया है। छात्रों के बीच लोकतंत्र और शासन से संबंधित मुद्दों पर गहन जागरूकता पैदा करना और जो भारत के संविधान द्वारा निर्धारित आदर्शों को आगे बढ़ा सकते हैं ऐसे देश के भविष्य के नेताओं के निर्माण में मदद करना इस प्रतियोगिता का उद्देश्य है।
एक्टिज़ेंस अर्थात जागरूक, जानकार और सक्रिय नागरिक निर्माण करने के देश अपनाएं के व्यापक अभियान के तहत यह पहल चलायी जा रही है। इस प्रतियोगिता में छात्र भारत की तुलना दुनिया के अन्य दो लोकतांत्रिक देशों के साथ करेंगे, जिसके लिए कुछ खास मानदंडों का उपयोग किया जाएगा। यह विश्लेषण और उसमें से पाए गए नतीजें प्रतियोगिता में प्रस्तुत किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता के लिए सिर्फ विद्यालयों के प्रिंसिपल या शिक्षक ही अपने विद्यालयों के दलों का पंजीकरण कर सकते हैं। प्रतियोगिता में सातवीं से दसवीं तक की किसी भी कक्षा के छात्र हिस्सा ले सकते हैं। पंजीकरण 16 जनवरी 2021 तक करना होगा और प्रतियोगिता के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना है। प्रतियोगिता का अंतिम राउंड 29 जनवरी 2021 को होगा और उसे ज़ूम या देश अपनाएं के यूट्यूब चैनल पर वर्च्युअली देखा जा सकता है।
प्रतियोगिता के अलावा देश अपनाएं की लोकतंत्र पर डॉ. रूपक दत्तागुप्ता के व्याख्यान और प्रतियोगिता के बारे में जानकारी सत्र का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम ज़ूम पर 13 जनवरी को दोपहर 2 से 3.30 तक चलेगा। इसमें शामिल होने के लिए कृपया इस लिंक पर पंजीकरण करें www.bit.ly/prajatantra
पहल पर टिप्पणी करते हुए देश अपनाएं (और ईएनएएम ग्रुप) के संस्थापक और चीफ मेंटर श्री वल्लभ भंशाली ने बताया, “हमें लोकतंत्र 2.0 में जाने की ज़रूरत है, जहाँ निष्क्रिय नागरिक एक्टिज़ेंस अर्थात जागरूक, जानकार और सक्रिय नागरिक बनते हैं। सामूहिक स्वामित्व से ज्यादा ताकतवर या अधिक संवेदनक्षम कुछ भी नहीं है, जिसका पहला कदम है सामूहिक जागरूकता – सतर्क और शिक्षित दिमाग और भावुक दिल। इस तरह की पहल में छात्र सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं यह बहुत ही ख़ुशी की बात है। हम देश भर के स्कूलों से अनुरोध करते हैं कि वे आगे आने आएं और देश अपनाएं के साथ सहयोग करें ताकि हम मिलकर कई एक्टिज़ेंस निर्माण कर सकेंगे।”
वक्ता की जानकारी:
डॉ. रूपक दत्तागुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरी मल कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के असोसिएट प्रोफ़ेसर है और पिछले तीन दशकों से कार्यरत है। उन्होंने ग्लोबल पॉलिटिक्स (2019) और क्लासेस एंड एलीट्स इन द थर्ड वर्ल्ड (2001) यह दो किताबें लिखी हैं।
देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन
ईएनएएम सिक्युरिटीज के सह-संस्थापक और अध्यक्ष श्री वल्लभ भंशाली और उनके सहयोगियों ने 2015 में देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन की स्थापना की। नागरिकता की शिक्षा, स्वयंसेवा और आसपड़ोस में सहभागिता इन तीन महत्वपूर्ण मुद्दों के आधार पर जिम्मेदार नागरिक और समाज का निर्माण करना इस फाउंडेशन का उद्देश्य है।
देश अपनाएं एक्टिज़ेंस क्लब शुरू करने और हर महीने की गतिविधियों में शामिल होने के लिए या एक्टिज़ेंन एज्युकेशन कन्टेन्ट पाने के लिए इच्छुक विद्यालय info@deshapnayen.org या 8898890202 पर संपर्क कर सकते हैं। यह पहल विद्यालयों के लिए निःशुल्क है।
प्रजा फाउंडेशन
1997 से प्रजा फाउंडेशन जिम्मेदार, जवाबदेह शासन को सक्षम करने की दिशा में काम करने वाला अपक्षपाती संगठन है। संगठन का मानना है कि भारत में शहरी शासन, शहरी भारत के नागरिकों के लिए सुशासन देने में विफल रहा है, और शहरी भारत के शासन का ढांचा इसका कारण है। संगठन यह भी मानता है कि सही मायनों में समाज के नीचले स्तर तक लोकतंत्र पहुंचा नहीं है, स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधि और स्थानीय सरकारें पर्याप्त रूप से सशक्त नहीं हैं और नागरिकों के लिए उत्तरदायी नहीं हैं, यही शहरों में प्रभावी शासन की कमी का प्राथमिक कारण है।
शहरी शासन में क्षमताओं को समझने, उनकी कार्य प्रक्रियाओं में अक्षमता का पता लगाने, और सर्वोत्तम प्रथाओं को जानने के लिए प्रजा फाउंडेशन द्वारा डेटा संचालित अनुसंधान किया जाता है। चुने गए प्रतिनिधियों, प्रशासन, नागरिकों, मीडिया और शिक्षाविदों सहित शहरी शासन के हितधारकों को यह जानकारी प्रदान की जाती है; और शहरी हित में कार्य प्रक्रियाओं में सुधार करने के लिए क्षमता के निर्माण, अक्षमताओं की पहचान करने और उनके निवारण के लिए अपने हितधारकों के साथ यह संगठन काम करता है।