Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 22 जनवरी 2021 – महामारी का वर्ष 2020 अतीत बन चुका है, ना कि यह वायरस और इस महामारी ने हमारे जीवन पर जो प्रभाव डाला है वह शायद हमारे जीवन में सबसे बड़ी बाधा डालने वाला है। कार्यस्थलों पर इसका प्रभाव काफी अवरोध भरा रहा है और इसने हमारे काम करने के तरीके को ही बदल डाला घर से काम करने और अन्य कारकों की वजह से 50 प्रतिशत कार्यबल ने डिजिटल प्लेटफॉर्मो पर स्वयं का विकास करने के कार्यक्रम चुने। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित संचार प्लेटफॉर्म माइजेन डॉट एआई द्वारा देशभर में कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, घर से कार्यालय के काम और घर के काम दोनों ही करना एक नयी सामान्य स्थिति बन गई है। इस सर्वेक्षण के जरिये पेशेवरों के सीखने और विकास पर इस महामारी के प्रभाव, उनकी पसंद और राय को समझने का प्रयास किया गया।
यह सर्वेक्षण भारत में विभिन्न शहरों में किया गया और इसमें करीब 300 प्रतिभागियों ने सवालों के जवाब दिए। इन प्रतिभागियों में शिक्षा, प्रौद्योगिकी, ढांचागत क्षेत्र, बैंकिंग, कंसल्टिंग और वित्तीय क्षेत्र सहित अलग अलग 30 उद्योगों से लर्निंग एंड डेवलपमेंट प्रमुख, पीपुल मैनेजर और अन्य प्रमुख लोग शामिल रहे। इस सर्वेक्षण में जूनियर, मिडिल और सीनियर मैनेजमेंट से समान भागीदारी रही।
इस सर्वेक्षण के नतीजों की घोषणा करते हुए माइजेन डॉट एआई के सह संस्थापक शम्मीपंत ने कहा, हमारा यह सर्वेक्षण अप्रत्याशित महामारी की वजह से लर्निंग एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में घटित घटनाओं को समझने का प्रयास करना था। इस गतिरोध ने नए विकल्पों को जन्म दिया मसलन सर्वोत्तम प्रशिक्षण और कोचिंग की सुविधा हासिल करने के लिए स्थान कोई बाधा नहीं रही, बशर्ते आपके पास अच्छा इंटरनेट कनेक्शन, लैपटॉप या स्मार्टफोन रहा हो।डिजिटल प्लेटफॉर्मों की बढ़ती उपयोगिता और प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका का कार्यस्थलों, संस्कृति और मनमस्तिष्क पर जबरदस्त प्रभाव रहा। हमारे सर्वेक्षण में हमने पाया कि हाइब्रिड और मिश्रित सीख हमारे जीवन में स्थायी होने जा रहा है।