Editor-Manish Mathur
जयपुर 31 जनवरी 2021 – अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई ने बताया कि जयपुर में आज रविवार को अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय गुर्जर महासम्मेलन एवम गुर्जर गौरव सम्मान समारोह किया गया। इस महासम्मेलन में राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पंजाब से गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए। इस समारोह
में आयोजित गुर्जर सम्मेलन में कई राज्यों से लोग शामिल होने के लिए पहुंचे।
बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान सभी ने गुर्जर समाज के लोगों को रवि शंकर धाभाई ने संगठित होने की शपथ दिलाई और पूरा इलाका भगवान श्री देवनारायण जी के नारो से गूंज उठा। सम्मेलन को लेकर गुर्जर समाज के युवाओं में खासा जोश देखने को मिला।
अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के तत्वावधान में राष्ट्रीय गुर्जर गोरव सम्मेलन में गुर्जर विकास एवम एकता के विषय पर विस्तृत चर्चा व विकास शिक्षा सहित अन्य विषयों पर समाज की पकड सबंधी समीक्षा के साथ संपन्न हुइ।
प्रहलाद गुंजल ने अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ द्वारा आयोजित सेमिनार में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। विभिन्न चर्चाओं व विशलेषणों तथा व्याख्यानों के उपरांत प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम के सेमिनार का विधिवत समापन किया गया।
अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव योगेन्द्र सिंह गुर्जर ने कहा कि सम्मेलन में समाज में शिक्षा व रोजगार,सामाजिक संगठन, सामाजिक कुरीतियों की रोकथाम व प्रतिभा सम्मान सहित ऐतिहासिक संदर्भों पर चर्चा की गई।
विधायक गुंजल ने कहा कि गुर्जर समाज ने हर बार अपने अस्तित्व का अहसास कराया है, लेकिन उन्हें उपेक्षित रखा गया। अब उपेक्षा बर्दाश्त नहीं होगी। गुर्जर समाज को गुर्जर रेजीमेंट और राजनीतिक हिस्सेदारी चाहिए। दिशाहीन एवं नेतृत्वहीन गुर्जर समाज एक हो जाए तो देश पर राज करेगा।
रविवार को आयोजित अखिल भारतीय गुर्जर महासम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि ने कहा कि नेतृत्व के बगैर समाज संगठित नहीं हो पा रहा है। पश्चिमी यूपी में दो करोड़ पांच लाख गुर्जर होने के बावजूद पिछड़े हुए हैं। यूपी के मालिक गुर्जर हैं, जबकि राज कोई और कर रहा है। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई एक हो जाएं तो उन्हें राजनीति के चरम पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी तीन मांगें माने। गुर्जर रेजीमेंट, गुर्जर विश्वविद्यालय, गुर्जर समाज की राजनीतिक भागेदारी सुनिश्चित की जाए।
समाज सेवी दामोदर जी ने कहा कि गुर्जर समाज कुर्बानी देने वाला रहा है। पन्ना धाय ने अपने बच्चे को कुर्बान कर दिया था। धनसिंह कोतवाल ने आजादी की लड़ाई में शहादत दी। गुर्जर वीर हैं, लेकिन उनकी वीरता की अनदेखी की जा रही है। भेदभाव हो रहा है। गुर्जर समाज संघर्ष करे और सभी का सहयोग लेकर अपने रास्ते बनाएं। किसी के बहकावे में न आएं।
पूरे देश केे गुर्जरों को संगठित होकर अपने अधिकार के लिए आगे आना होगा। मांगने से कुछ नहीं होगा, संघर्ष कर हासिल करना होगा। राजनीति में हिस्सेदारी लेनी होगी। सत्ता में प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उसी तरह गुर्जरों को मजबूत करने के लिए राजनीति में भागेदारी होना जरूरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जयपुर हैरिटेज की महापौर श्रीमती मुनेश गुर्जर ने कहा कि गुर्जरों को जागरूक होना होगा। हर में सम्मेलन आयोजित करें तो गुर्जर अपनी ताकत पहचानेंगे। अपने बच्चों को शिक्षित करें। जिससे समाज उन्नति कर सके।
प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र धाभाई ने कहा कि गुर्जर समाज प्रतिहार है, जिसका अर्थ रक्षक है। इसलिए गुर्जर राम के भाई लक्ष्मण के वंशज हैं। गुर्जरों ने अरब आक्रांताओं से कई साल तक लोहा लिया और 386 साल तक राज किया, लेकिन अब उपेक्षा हो रही है। गुर्जर समाज को संगठित होकर अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी।
सम्मेलन में कई गणमान्य व्यक्तियों को गुर्जर गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया व महासंघ के सक्रिय कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया जिनमें जयपुर शहर जिला महामंत्री रमेश मनकस जिला महासचिव हीरालाल गुर्जर, बाबूलाल बोकन आदि कई कार्यकर्ता शामिल थे।
कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए जिनमें गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविशंकर धाभाई राष्ट्रीय महासचिव योगेन्द्र सिंह गुर्जर प्रदेश प्रभारी जगदीश सिंह रावत प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र धाभाई उपाध्यक्ष रमेश रावत महासचिव जगदीश गुर्जर सचिव मामराज गुर्जर, मीडिया प्रभारी विकास कुमार, जयपुर शहर जिला अध्यक्ष बाबूलाल, ग्रामीण जिला अध्यक्ष डॉ अशोक गुर्जर, व कई महासंघ के कार्यकर्ता सुरेश फौजी रामपुरा, कैलाश कमांडो, इंद्राज बंशी, लोकेश, केदारलाल, जालौर से धर्मपाल गुर्जर की टीम, कोटपुतली ब्लॉक से घनशयाम, कृष्ण, राज कसाना, बीकानेर से रमेश, झुंझुनूं से लालचंद, शाहपुरा से मुकेश, देशराज, भोमाराम, वीरेन्द्र, मुकेश रामपुरा, दिनेश, प्रहलाद भाटी, वैवाहिक समिति सदस्य घनश्याम डोई, रामस्वरूप सराधना, मोहनलाल बागड़ी, रोहित चेची , पथिक सेना से शंकर बजाड, महासभा से मनीष भरगड, राकेश हिंदू, देंव सेना महिला से राष्ट्रीय महासचिव रेखा, अर्चना, सुमन, आंचल अवाना, नवीन फगाना, विजेन्द्र चेची, करौली से सुरेश खटाना आदि जयपुर से भी कई लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की देखरेख मुख्य भूमिका में अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव योगेन्द्र सिंह गुर्जर थे व संचालन राजेश सराधना ने किया।
कार्यक्रम में राजस्थान यूनिवर्सिटी महासचिव महावीर गुर्जर, जयपुर शहर से नगर निगम पार्षद इंद्रप्रकाश धाभाई,
देव ग्रुप से दामोदर ने कहा कि सेना में जाट रेजीमेंट, राजपूत रेजीमेंट, गोरखा रेजीमेंट है तो गुर्जर रेजीमेंट क्यों नहीं है। या तो गुर्जर रेजीमेंट बनाएं, या फिर सभी रेजीमेंट को खत्म करें। ने कहा कि गुर्जर महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं। हवाई जहाज उड़ाने से लेकर घर के काम तक में अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहीं हैं। अब हर संघर्ष में महिलाएं भी साथ हैं। ने कहा कि मुस्लिम गुर्जर और हिंदू गुर्जर एकजुट होकर अपने अधिकार को लें। संगठित होंगे ते राजनीतिक भागीदारी होगी।
कार्यक्रम में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब से भी लोग पहुंचे।
अब सामने आएंगे दूरगामी परिणाम महासम्मेलन के आयोजक ने कहा कि गुर्जर समाज ने आज जो ताकत दिखाई है, उसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। गुर्जर समाज को संगठित होने की जरूरत है। बेरोजगारी और गैर-बराबरी जैसी समस्याएं राजनीतिक में हिस्सेदारी होने पर ही खत्म होगी। महासम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे ने भी एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि संगठन के बल पर हर लड़ाई को जीता जा सकता है। आज जो भी बाते यहां कही गई हैं, उन पर अमल होना चाहिए और गुर्जर समाज की ऐसी रैलियां एनसीआर तक होनी चाहिए।
इन्होंने भी दिए भाषण
महासम्मेलन में से आए नोएडा से महेश कसाना, बी एल गुर्जर, आदि ने भी विचार व्यक्त किए। भाषणों पर खूब तालियां बटोरीं।
गुर्जर आज भी उपेक्षित हैं’
वहीं कर्नल देवानंद ने कहा कि आजादी से पहले और आजादी के बाद आज भी गुर्जर समाज हर क्षेत्र में उपेक्षित है। इस पर हमें गहन मंथन करना होगा। हम किसी पार्टी, धर्म और जाति से नफरत नहीं करते। हमे अपने अधिकार चाहिए औऱ इसके लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में हम 14 प्रतिशत होने के बावजूद अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं कर सके, इसलिए संघर्ष की आवश्यकता है। संघर्ष के बल पर ही राजनीति में हिस्सेदारी मिलेगी।
कई गणमान्य समाज के व्यक्तियों ने अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि कई साल बाद गुर्जर समाज का ये समाज का महाकुंभ देखा’
उन्होंने कहा कि पूरे देश में गुर्जर समाज दस करोड़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब 2 करोड़ पांच लाख है। इतना बड़ा संख्या बल होते हुए भी ये समाज आज भी उपेक्षित है। यदि हम एकजुट हो जाए तो सत्ता हमारी होगी और देश पर राज हम करेंगे। उन्होंने गुर्जर रेजीमेंट का गठन किए जाने, गुर्जर समाज के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना तथा राजनीतिक अधिकार दिए जाने की मांग की। अलग-अलग दलों में गुर्जर अपनी राजनीति कर रहे हैं। इसके बावजूद गुर्जरों को राजनीतिक दलों में उनकी आबादी के लिहाज से समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि देश भर में गुर्जरों की आबादी के हिसाब से राजनीतिक दल उन्हें टिकट नहीं दे रहे हैं। अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष रविशंकर धाभाई ने सभी का आभार व्यक्त किया।