ग्रामीण परिवेश में शिक्षा को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जेजेटी विश्विधालय को मिला ‘एक्सीलेंस इन रूरल एजुकेशन अवार्ड 2021

Editor – Manish Mathur

जयपुर 26 जनवरी 2021 –  शिक्षा किसी भी देश और समाज की प्रगतिशीलता का मानक होता है, और शिक्षित समाज से ही देश की तरक्की सुनिश्चित की जा सकती है। इसी मंत्र को अपनी यात्रा में शामिल कर जेजेटी विश्वविद्यालय ने अब तक ढ़ेरो कीर्तिमान गढ़े हैं और आज फिर अपनी उपलब्धियों में एक अवार्ड शामिल कर जेजेटी विश्वविद्यालय और यहाँ के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

बालिकाओं को ग्रामीण परिवेश में आगे बढ़ने के लिए जेजेटी यूनिवर्सिटी ने बेहतरीन अवसर प्रदान किये हैं जिससे आस पास के क्षेत्र में महिला शिक्षा के लिए एक बेहतरीन उदहारण प्रस्तुत किया है। हाल ही में दीक्षांत समारोह में तीन सगी बहनो को पीएचडी डिग्री से सम्मानित कर यूनिवर्सिटी ने अपना नाम देश के चुनिंदा संस्थानों में दर्ज किया है।

इंस्टीट्यूटशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), राजस्थान द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में जेजेटी विश्वविद्यालय झुंझुनू को “एक्सीलेंस इन रूरल एजुकेशन अवार्ड 2021” के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटी के अवार्ड से सम्मानित किया। इस मौके पर अवार्ड ग्रहण करते हुए जेजेटी विश्वविद्यालय के प्रो प्रेसीडेंट डॉ अनुराग ने कहा कि महानगरों की एडवांस और आधुनिक समसामयीक शिक्षा को जेजेटी विश्वविद्यालय ने ग्रामीण क्षेत्र में सफलतापूर्वक शुरू कर यह साबित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आज भी, जबकि भारत की ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, तब उन्हें परिष्कृत रूप से शिक्षित कर उनके भविष्य को और उनकी मार्फत देश के भविष्य को सुदृढ़ कर सकें, यह विश्वविद्यालय और यहाँ के चेयरपर्सन डॉ विनोद टीबड़ेवाला का एक मिशन रहा है, और ऐसे अवार्ड हमारे प्रयास की सफलता पर मुहर लगाते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद डायरेक्टर श्री बालकिशन टीबड़ेवाला ने कहा कि हम अपनी शिक्षा की इस मुहिम को और भी सुदृढ़ तरीके से जारी रखने को कृतसंकल्प हैं। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्राओं को 75 प्रतिशत और छात्रों के लिए 50 प्रतिशत छात्रवृति देने की घोषणा की है।

प्रो चेयरपर्सन डॉ० (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाबला ने इस सम्मान पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि हम जिन योजनाओं और कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ रहे हैं, हमें विश्वास है कि राजस्थान का यह ग्रामीण क्षेत्र एक दिन भारत में विशाल शिक्षा नगरी के रूप में अपनी पहचान दर्ज कराएगा।

प्रो प्रेसीडेंट डॉ० (कोमोडोर) जाँगीर का मानना है कि इस तरह की उपलब्धियाँ हमारे मनोबल को मजबूत कर और भी तत्परता से काम करने को प्रेरित करती हैं।

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