राजस्थान फ़िशरीज् के मत्स्य न्यूज़ लेटर् का विमोचन

Editor-Ravi Mudgal

उदयपुर 25 जनवरी 2021 । राजस्थान के अग्रणी मत्स्य वैज्ञानिको, शिक्षकों,  मत्स्य अधिकारियों एवं विद्यार्थियों के समूह “राज -फिशरीज“ द्वारा राजस्थान के पहले मत्स्य न्यूज़ लेटर् का विमोचन एमपीयूएटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वी. बी. सिंह ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किया। मत्स्यकी महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता एवं न्यूज़ लेटर् के संपादक प्रो. एल.  एल. शर्मा ने बताया कि  इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर वी एस दुर्वे सहित  पूर्व अधिष्ठाता मत्स्यकि महाविद्यालय रायपुर प्रो एच के वर्डिया, डॉ सुबोध शर्मा, अधिष्ठाता मत्स्यकि महाविद्यालय उदयपुर डॉ बी के शर्मा, मत्स्य विभाग के पूर्व एवं वर्तमान अधिकारी अरुण पुरोहित, एम एल अरोड़ा, डॉ अमृता, डॉ भास्कर देवराडी, सूरत गुजरात से डॉ एन सी उज्जैनिया, डॉ शाहीदा, प्रगतिशील मत्स्य कृषक  पुरषोत्तम खीची, देश के विभिन्न प्रांतों से मत्स्यकी विज्ञान के अनेक शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

प्रो वी बी सिंह ने इसे एक अभिनव प्रयास बताते हुए कहा की राजस्थान में मत्स्यकी विकास की अपार संभावनाएं हैं। देश के कुल जीडीपी ने मछली उत्पादन का अहम योगदान है ।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मत्स्य  संपदा योजना देश के गरीब मछुआरा भाइयों की आए बढ़ोतरी के साथ-साथ देश के मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि  यह न्यूज़ लेटर  ऐसे समय में प्रदेश के मत्स्य कृषकों, वैज्ञानिकों,  शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के बीच मत्स्यकि ज्ञान विज्ञान के प्रसार एवं जानकारी की व्यापकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।  इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रख्यात सरोवर एवं मत्स्य विज्ञानी प्रोफेसर वी एस दुर्वे ने न्यूज़लेटर के प्रकाशन पर संकलन कर्ता एवं संपादक डॉ एल एल शर्मा को हार्दिक बधाई देते हुए कहा की इस न्यूज़ लेटर मे प्रादेशिक व स्थानीय भाषा का समावेश करते हुए अधिकाधिक मत्स्य कृषकों एवं विद्यार्थियों तक नवीनतम जानकारी पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने प्रदेश के मत्स्यकी महाविद्यालय एवं मत्स्य विकास अधिकारियों के माध्यम से नवीनतम मत्स्य पालन तकनीकों के प्रदर्शन हेतु डीमोंस्ट्रेशंन इकाइयों की स्थापना करने की बात कही।
इस अवसर पर मातस्यकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ बी के शर्मा ने बताया कि प्रदेश में व्यापक जल राशि, बड़े एवं मध्यम जलाशयों तथा तालाबों के रूप में उपलब्ध है जिसमें वैज्ञानिक रूप से मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर प्रदेश के मत्स्य उत्पादन को  बढ़ाया जा सकता है साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत प्रदेश के पहले एवं एकमात्र मत्स्यकि महाविद्यालय मे बहुरंगी मछली पालन उत्पादन इकाई एवं मत्स्य प्रसंस्करण तथा मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में प्रशिक्षण इकाइयों की स्थापना के लिए   आर्थिक सहयोग  प्रदान करने की बात कही गई है। कार्यक्रम के प्रारंभ मे विगत वर्षों में आधुनिक मत्स्य विज्ञान के प्रणेता एवं मत्स्यकी के क्षेत्र में  उल्लेखनीय और अनुकरणीय योगदान देने वाली दिवंगत विभूतियों को भावपूर्ण श्रद्धांजली दी गई । कार्यक्रम के अंत मे डॉ सुबोध शर्मा ने सभी का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का ऑनलाइन संचालन पूर्व अधिष्ठाता प्रो एल एल शर्मा ने किया।

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