Editor-Ravi Mudgal
जयपुर, 10 जनवरी 2021 – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि मानव जाति के कल्याण की सोच रखते हुए ब्राह्मण समाज ने ईश्वरीय ज्ञान को बगैर किसी भेदभाव के सभी को सुलभ कराने का कार्य किया है।उन्होंने ब्राह्मण समाज का आह्वान किया कि बदलते समय सन्दभोर्ं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों से दूर रहते हुए समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका निभाए।उन्होंने इस दौरान महिला सशक्तिकरण को आवश्यक बताते हुए समाज में नारी उत्थान के लिए भी मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
श्री मिश्र आज यहां ब्राह्मण समाज ऑफ इण्डिया के ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय स्नेह मिलन कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अंतर-विश्वास संवाद को महत्वपूर्ण और प्रासंगिक बताते हुए कहा कि परस्पर मिल-बैठकर संवाद भारतीय संस्कृति का मूल है।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण मन, कर्म और वचन से सभी के प्रति सद्भावी और सहिष्णु होता है इसीलिए ब्राह्मण को देवता की संज्ञा दी गई है। उन्होंने कहा कि वही ब्राह्मण है जो सभी प्राणियों के सुख और समृद्धि की कामना करता है। ब्राह्मण समाज भर नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति है। उन्होंने कहा कि भारत के सामाजिक बदलाव के इतिहास में ब्राह्मणों ने सदा ही मनुष्यता का पाठ पढ़ाते हुए जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान की है। उन्होंने समयानुरूप ब्राह्मण समाज को देश और समाज की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए जन-जन के कल्याण के लिए कार्य करने का आह्वान किया है।
राज्यपाल ने ब्राह्मण समाज को अपना ओज और ब्रह्म कायम रखते हुए अपने लिए ही नहीं सदा दूसरों के कल्याण की सोच रखते हुए भी कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए कहा कि जब तक पूरी तरह से इस मानव संकट से हम मुक्ति नहीं पा लेते, सावधानी और सतर्कता सभी स्तरों पर बनायी रखी जाए। उन्होंने ब्राह्मण समाज को साहित्य, विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी, राजनीति, संस्कृति, पाण्डित्य, धर्म क्षेत्रों में निरन्तर महती भूमिका निभाते देश की संपन्नता, समृद्धि और विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
इससे पहले राज्यपाल ने संविधान उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। इस अवसर पर ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. विश्वपति त्रिवेदी, स्किल डवलपमेंट एण्ड एन्टरप्राइजेज मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय, सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री शिवप्रताप शुक्ला, श्री आर.डी. दीक्षित, राम मंदिर न्यास के ट्रस्टी और अयोध्या के राजा श्री विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्रा ने समाज और राष्ट्र के विकास तथा नारी उत्थान के लिए कार्य करने पर जोर दिया। इससे पहले सुप्रसिद्ध गायक अंकित बतरा ने आध्यात्म गान किया।