Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 06 जनवरी 2021 – यू ग्रो कैपिटल, जो बीएसई पर सूचीबद्ध है और छोटे व्यवसायों को ऋण देने वाला फिनटेक प्लेटफॉर्म है, ने आज घोषणा की कि इसने मॉडलिंग स्कोरकार्ड्स हेतु अपनी विशिष्ट विधियों एवं प्रणालियों का पेटेंट कराने के लिए इंडियन पेटेंट ऑफिस में आवेदन किया है। इससे कंपनी, ऐसे अत्यंत असंरचित खण्ड में अपनी पैठ बना सकती है जो भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा संचालित हैं। यह मॉडल, प्रोप्रायटरी नॉलिज बेस एवं सांख्यिकीय मॉडल्स की शक्ति का प्रयोग करके अपनी विशिष्ट वर्गीकरण तकनीक का उपयोग करते हुए उपयुक्त एमएसएमई डेटाबेस की अनुपलब्धता की कमी को दूर करता है।
यह विशिष्ट अंडराइटिंग मॉडल, विभिन्न व्यावसायिक उद्यमों की विशिष्टताओं एवं बारीकियों के अनुरूप विशेषीकृत क्रेडिट स्कोर कार्ड्स प्रदान करता है। प्रत्येक चयनित व्यवसाय खंड के भीतर पूर्व के ऋण चूक प्रवृत्तियों एवं नकद प्रवाह का विश्लेषण करके इसे किया जाता है। इस मॉडल की उपयोगिता व्यवसायों तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि यह व्यक्तिगत कर्ज़दारों की प्रभावी अंडराइटिंग में भी सक्षम बनाता है। आगे, यह डाउनस्ट्रीम एवं अपस्ट्रीम काउंटरपार्टीज का मूल्यांकन प्रदान करके ट्रेड फाइनेंसिंग को भी आसान बनाता है। साथ ही, यह सह-ऋणदान व्यवस्थाओं में राजस्व साझाकरण हेतु आधार प्रदान करता है और अंडरलाइंग पूल का मूल्यांकन प्रदान करके ट्रांजेक्शंस के प्रतिभूतिकरण में फर्स्ट लॉस गारंटी का अनुमान लगाने में मदद करता है।
यू ग्रो कैपिटल, वर्ष 2018 में शुरुआत के बाद से इस मॉडल का उपयोग कर रहा है। कंपनी, प्रत्याभूत एवं अप्रत्याभूत ऋणों के रूप में 1,700 करोड़ रु. बांट चुकी है। इस मॉडल को बेहतरीन पूर्वानुमेय डिफॉल्ट्स का पूर्वानुमान लगाने और परंपरागत अंडराइटिंग मॉडल की तुलना में जीएनपीए एवं एनएनपीए लेवल्स को बेहतर बनाने हेतु आजमाया जा चुका है। यह ब्यूरो द्वारा परिभाषित विभिन्न स्कोर लेवल के पूर्वानुमेय डिफॉल्ट्स को भी बेहतर बनाता है। आगे, कंपनी ने 250,000 एसएमई एवं एमएसएमई को लक्षित किया है और इसका लक्ष्य आगामी 4 वित्त वर्षों में 30,000 करोड़ रु. से अधिक का ऋण बांटना है।
विभिन्न चरणों में मूल्यांकन हेतु इन प्रोप्रायटरी सांख्यिकीय स्कोरकार्ड्स को सीआरआईएफ एवं क्रिसिल के बाजार विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किया गया है। इस मॉडल के जरिए व्यावसायिक उद्यमों को मिनटों के भीतर ऋण की मंजूरी दी जा सकती है, अन्यथा जिनके लिए कई दिन या हफ्ते लग जाते। आगे, इसमें उत्तरोतर परिमार्जन एवं अपग्रेडेशन के लिए भी स्कोप है जिससे कि अधिक सटीक आउटपुट प्राप्त करने हेतु नव-चिन्हित पैरामीटर/वैरिएबल जोड़ा जा सके। कृत्रिम मेधा एवं मशीन लर्निंग में कंपनी की तकनीकी क्षमताओं से युक्त इस विशिष्ट मॉडल ने ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी तेज एवं सुविधाजनक बना दिया है।
पेटेंट के आवेदन के बारे में बताते हुए, यू ग्रो कैपिटल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, श्री शचिन्द्र नाथ ने बताया, ”एमएसमएई सेक्टर, भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण वाहक है, फिर भी भारत के 16 प्रतिशत एमएसएमई ही औपचारिक तरीके से ऋण प्रदान करते हैं। ऋण की सुलभता की प्रमुख बाधा, एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े संरचित आंकड़े की सीमित उपलब्धता है। हमारा मानना है कि जीएसटी, बैंकिंग डेटा एवं डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ, परिवर्तनकारी मोड़ पर है। यू ग्रो कैपिटल का स्कोरबोर्ड-आधारित अंडराइटिंग मॉडल, एमएमई के लिए ऋण की सुलभता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के हमारे मिशन का एक प्रमुख अंग है। निहित विधियां एवं प्रणाली, हमारी गहन क्षेत्रगत नॉलिज बेस एवं हमारी एनालिटिक्स क्षमताओं का सम्मिलन है। हमारा विशिष्ट अंडराइटिंग मॉडल, डिजिटलीकृत प्रक्रियाओं को परिपूर्ण बनाता है, ताकि हमारे एमएसएमई ग्राहकों को शीघ्र एवं सुविधाजनक तरीके से ऋण उपलब्ध कराया जा सके।”