Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 18 जनवरी 2021 – यूटीआई ट्रेजरी एडवांटेज फंड, अल्पकालिक अवधि में कम अस्थिरता के साथ आय उत्पन्न करने के उद्देश्य से ऋण और मुद्रा बाजार के साधन के एक अच्छी तरह से विविध पोर्टफोलियो में निवेश करके एक एक्रुअल-ओरिएंटेड रणनीति का अनुसरण करता है। यह फंड मुख्य रूप से काॅमर्शियल पेपर्स, जमा प्रमाण पत्र और सरकारी प्रतिभूतियों के लिए सामरिक जोखिम के साथ कम अवधि के कॉर्पोरेट बॉण्ड में निवेश करता है।
पिछली तिमाही में आर्थिक विकास की गति में तेजी आई है जो पिछले कुछ महीनों में देखी गई मौद्रिक सहजता राजकोषीय प्रोत्साहन की सफलता को इंगित करता है। आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के नरम होने की उम्मीद है और ऐसा मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति की दिशा में अनुकूल प्रभाव के आधार पर होगा। आगे देखें तो घरेलू खपत में सुधार और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण बाजार में भाग लेने वाले मुद्रास्फीति में वृद्धि के लिए चैकस नजर आएंगे। मौद्रिक दरों के मोर्चे पर ऐसा लगता है कि रेट साइकल अब समाप्त हो गया है और आरबीआई द्वारा दरों में आक्रामक स्तर पर कटौती करने की संभावना कम ही है। आरबीआई के रुख में बदलाव की संभावना नहीं के बराबर हैं। वर्तमान में लिक्विडिटी सरप्लस मोड मंे नजर आ रही है, सिस्टम लिक्विडिटी का अधिशेष 6 लाख करोड़ रुपए के बराबर है। सिस्टम में तरलता अधिशेष मोड में रहने की संभावना है क्योंकि यह उम्मीद की जाती है कि आरबीआई ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओ) के रूप में सिस्टम में तरलता का समर्थन करेगा। फिर भी, बाजार के भागीदार आने वाले बजट को देखते हुए सरकार के उधार लेने और राजकोषीय अनुमानों को उत्सुकता से ट्रैक करेंगे।
यह उम्मीद की जाती है कि यहां से अल्पावधि की दरें सीमित रहेंगी और निकट भविष्य में आगे नहीं बढ़ेंगी। ऐसे परिदृश्य में, यूटीआई ट्रेजरी एडवांटेज फंड 6 से 12 महीनों की छोटी अवधि के लिए राशि को निवेश करने के लिहाज से एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।