सी.सी.एस. में ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की ओर अग्रसर सामुदायिक विज्ञान’विषय पर वेबिनार सम्पन्न

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 05 फरवरी 2021  – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की संघटक ईकाई CCAS उदयपुर में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सामुदायिक विज्ञान की अग्रणीय दिशा’विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिस में देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के 250 शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति डा.एन. सिंह राठौड़ ने अपने संदेश में कहा कि सामुदायिक विज्ञान में समाहित पाँचों विषयों का नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत समाज को विकसित करने का एक अनूठा अवसर है सामुदायिक विज्ञान विषय में समाज के सर्वागीण विकास करने की अपार संभावना है। इस हेतु वर्तमान पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बनाना व उसे क्रियान्वित करना अति आवश्यक है।

महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. मीनू श्रीवास्तव ने बताया कि समुदायिक विज्ञान शिक्षा को नई शिक्षा नीति के अनुसार एक नई दिशा देनी की आवश्यकता है। इसके लिए छात्रों में तार्किक क्षमता एवं सैद्धांतिक स्पष्टता के आंकलन को कृषि शिक्षा के अन्तर्गत सामुदायिक विज्ञान पाठ्यक्रम मं प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

कार्यक्रम की मुख्या वक्ता प्रो. नीलम ग्रेवाल, माननीय कुलपति, गुरू काशी विश्वविद्यालय, भटीण्डा ने बताया कि सामुदायिक विज्ञान एक बहुआयामी शिक्षा है। जो कि समुदाय के विकास में अहम भूमिका निभाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  का उल्लेख करते हुए उन्होने बताया कि इस में तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, जीवन्त पर्यन्त शिक्षा, डिजिटल शिक्षा, मिश्रित प्रणाली शिक्षा मोडल, परमरागत एवं तकनीकी ज्ञान शिक्षा एवं उद्योग पारस्परिक सम्बन्ध, आर्टिफिशल इंटलीजेंस आदि पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि समुदाय विज्ञान का वर्तमान पाठ्यक्रम काफी हद तक नई शिक्षा नीति के अनुरूप है लेकिन इसमें कुछ बिन्दुओं पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है। पाठ्यक्रम की संरचना इस प्रकार की जानी चाहिए जिसमें विद्यार्थियों में व्यवसायिक कौशल विकसित हो कर वे एक सफल उद्यमी बन सके। उन्होंने प्रौढ़ शिक्षा, मानवीय मूल्यों तथा सामाजिक परिवर्तन जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में सम्मलित किये जाने की सलाह दी, साथ ही पारम्परिक तकनीकी ज्ञान के प्रलेख एवं सत्यापन पर भी जोर दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सही प्रारूप में लागू करने हेतु डिजिटल आधार भूत सुविधाओं को विकसित करने की आवश्यकता भी बताई। नई नीति में शिक्षा को बहुस्तरीय एवं गतिविधि आधारित बनाने को प्राथमिकता दी गई है।

डा अजय शर्मा, डीन, सीटीएई तथा पीआई, आईडीपी ने कहा कि इस प्रकार के वेबिनार विश्व स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में सहायक सिद्ध होंगें। डा. शांति कुमार शर्मा,  निदेशक ने कहा कि नई शिक्षा नीति में एक ऐसे पाठ्यक्रम एवं प्रणाली के विकास पर बल दिया गया है जिसके तहत पाठ्यक्रम के बोझ को कम करते हुए छात्रों में 21 वीं सदी के कौशल विकास, अनुभव आधारित शिक्षण और तार्कित चिंतन को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। नई शिक्षा नीति में छात्रों के सीखने प्रगति की बेहतर जानकारी हेतु नियमित और रचनात्मक आंकलन प्रणाली को अपनाने एवं इसके विश्लेषण की आवश्यकता है।

प्रशिक्षण की आयोजन सचिव डा रेणू मोगरा ने वेबिनार के प्रारम्भिक उद्बोधन में कहा कि इस नीति में प्रस्तावित सुधारों के अनुसार सामुदायिक विज्ञान, व्यवसायिक तथा शैक्षणिक विषयों पर पाठ्यक्रम एवं पाठ्यत्तर गतिविधियों के बीच अंतर नहीं होगा।

प्रशिक्षण के समनव्यक डा. सरला लखावत ने वेबिनार के सार में कहा कि नई शिक्षा नीति 2020  में बच्चों को यह सिखाया जाना चाहिए कि कैसे सोचे? ना कि क्या सोचे? कार्यक्रम का संचालन डा. विशाखा शर्मा एवं डा. मंजू तिवारी ने किया।

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