Editor-Manish Mathur
जयपुर 15 फरवरी 2021 – एनएसएस स्वयंसेवी, जिन्होंने कोविड-19 के दौरान भी देश को अपनी सेवाएं प्रदान करना जारी रखा है, उन्हें समर्थन प्रदान करते हुए होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर इंडिया प्रा. लिमिटेड ने आज घोषणा की है कि इसका सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण ‘होण्डा रोड सेफ्टी ई-गुरूकुल’ देश भर में 23000 से अधिक नेशनल सर्विस स्कीम (एनएसएस) स्वयंसेवियों को घर में सुरक्षित रहते हुए डिजिटल माध्यमों से सड़क सुरक्षा पर सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दे चुका है।
देश भर में होण्डा के विशिष्ट सड़क सुरक्षा इन्स्ट्रक्टर्स ने डिजिटल माध्यम से 16 वर्ष से अधिक उम्र के नेशनल सर्विस स्कीम स्वयंसेवियों को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया है। उल्लेखनीय है कि जून 2020 में शुरूआत के बाद मात्र 8 महीनों में होण्डा भारत के 30 से अधिक शहरों और नगरों -पूर्व (धनबाद, सम्बलपुल, मेदिनापुर, गया, दुर्ग) से लेकर पश्चिम (अहमदनगर, नासिक और पुणे); उत्तर (बिलासपुर, गुरूग्राम, उदयपुर, दिल्ली) से लेकर दक्षिण तक (कन्नूर, त्रिवेन्दरम, कालीकट, अर्नाकुलम, थ्रिसूर) 13 विश्वविद्यालयों के 200 काॅलेजों में एनएसएस स्वयंसेवियों तक पहुंची।
इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए श्री प्रभु नागराज, सीनियर वाईस प्रेज़ीडेन्ट- ब्राण्ड एण्ड कम्युनिकेशन्स, होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर इंडिया प्रा लिमिटेड ने कहा, ‘‘20 सालों से होण्डा भारत में सड़क पर ‘हर किसी की सुरक्षा’ के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। हम देश में एनएसएस स्वयंसेवियों के जज़्बे को सलाम करते हैं, जिन्होंने कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में भी समाज को अपनी सेवाएं प्रदान करना जारी रखा है। उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देने और उनमें सड़क सुरक्षा की आदतें विकसित करने के लिए होण्डा मात्र 8 महीनों में डिजिटल तरीकों से 200 से अधिक काॅलेजों के 23000 से अधिक एनएसएस स्वयंसेवियों को डिजिटल प्रशिक्षण दे चुकी है। इस पहल के साथ, होण्डा हर आयुवर्ग के सड़क उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित करना चाहती है, फिर चाहे वे नए राइडर हों, या पैदल चलने वाले यात्री या वाहन की सवारी करने वाले पिलियन राइडर।’’
सत्र को रोचक और जानकारीपूर्ण बनाने के लिए होण्डा के सड़क सुरक्षा इंस्ट्रक्टर्स ने 2 घण्टे के सड़क सुरक्षा वेबिनार का आयोजन भी किया, जो थ्योरी, वीडियो और केस स्टडी का संयोजन था।
एनएसएस स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा नियमों, संकेतों एवं चिन्हों (ज़रूरी, चेतावती एवं जानकारी देने वाले संकेतः पीली, सफेद और दोहरी लाईन) और यातायात सिगनल एवं लाईट (रूकें, चलें, बायां मोड़, दायां मोड़, सीधे जाएं या धीरे चलें) आदि पर प्रशिक्षण दिया गया।
स्वयंसेवियों को बताया गया कि कैसे वे वैज्ञानिक तकनीकों के द्वारा सड़क पर दुर्घटना से बच सकते हैं जैसे उन्हें वाहन चलाने/राइडिंग के समय सही पोस्चर, सीटबेल्ट या हेल्मेट तथा राइडिंग गियर्स पहनने का महत्व समझाया गया।
इसके अलावा, होण्डा के सुरक्षा इंस्ट्रक्टर्स ने एनएसएस स्वयंसेवियों को सड़क के उपयोग के तरीके के बारे में भी जानकारी दी। (अपनी लेन में रहना, साइकल चलाने के लिए बाईसाइकल टैªैक तथा पैदल चलते समय फुटपाथ का उपयोग)।
सड़क सुरक्षा, वाहन चलाने से पहले ही शुरू हो जाती है, इसका महत्व बताते हुए होण्डा के प्रशिक्षकों ने राइड/ड्राइव शुरू करने से पहले महत्वपूर्ण जांच तथा वाहन की रखरखाव के सुझाव भी दिए।
1970 के बाद से ‘हर किसी की सुरक्षा’ के प्रति होण्डा का दृष्टिकोणः
50 साल पहले, होण्डा दुनिया भर में सड़क प्रशिक्षण की शुरूआत करने वाली पहली आॅटोमोबाइल निर्माता बन गई। भारत में भी, होण्डा सड़क सुरक्षा जागरुकता का प्रसार करने वाली पहली दोपहिया निर्माता थी। 2001 में अपनी शुरूआत से लेकर अब तक होण्डा के सड़क सुरक्षा इंस्ट्रक्टर्स 38 लाख से अधिक भारतीयों को सड़क सुरक्षा पर प्रशिक्षण दे चुके हैं।
रोज़ाना होण्डा के 12 अडाॅप्टेड टैªफिक ट्रेनिंग पार्कों, 7 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा स्कूलों, काॅलेजों, सोसाइटियों और काॅर्पोरेट्स में नियमित जागरुकता प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं। इतना ही नहीं देश भर में होण्डा के 1000 से अधिक डीलरशिप्स हर नएउपभोक्ता को डिलीवरी से पहले सुरक्षा पर सलाह देते हैं। होण्डा की हर डीलरशिप वर्चुअल राइडिंग सिमुलेटर के माध्यम से राइडरों को जोखिम को पूर्वानुमान लगाने में सक्षम बनाती है।
न्यू नाॅर्मल के अगले कदम के रूप में होण्डा ने मई 2020 में डिजिटल पहल- होण्डा रोड सेफ्टी ई-गुरूकुल’ की शुरूआत की। बड़ी सफलता हासिल करते हुए यह डिजिटल पहल 185 से अधिक नगरों के 2 लाख से अधिक भारतीयों को सड़क सुरक्षा के महत्व पर जागरुक बना चुकी है।