Editor-Manish Mathur
जयपुर 26 फरवरी 2021 – भारत की सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक आईआईएफएल फाइनेंस ने व्यापार में बढ़ोतरी और पूंजी वृद्धि के उद्देश्य से 1,000 करोड़ रुपए के बाॅण्ड का सार्वजनिक निर्गम जारी करने का एलान किया है। 3 मार्च 2021 को जारी होने वाले बॉण्ड के तहत उच्च स्तर की सुरक्षा के साथ 10.03 प्रतिशत तक रिटर्न की पेशकश की गई है।
फेयरफैक्स और सीडीसी ग्रुप समर्थित आईआईएफएल फाइनेंस 100 करोड़ रुपए के असुरक्षित रिडीमेबल गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी करेगा, जिसमें 900 करोड़ रुपए तक का ओवर-सब्सक्रिप्शन रहेगा और इस तरह कुल 1,000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।
87 महीने की अवधि वाले आईआईएफएल फाइनेंस के बॉण्ड में 10.03 प्रतिशत तक उच्चतक रिटर्न की पेशकश की गई है। एनसीडी मासिक, वार्षिक और मैच्योरिटी जैसे विभिन्न विकल्पों में उपलब्ध होंगे।
वर्तमान परिदृश्य में अन्य ऋण उत्पादों की तुलना में आईआईएफएल फाइनेंस के बॉण्ड पर मिलने वाली ब्याज दर बहुत आकर्षक है। लिक्विड फंड्स का रिटर्न औसतन 2.8-3 प्रतिशत रहता है, जबकि अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंड्स औसतन 3-3.5 प्रतिशत रिटर्न की पेशकश करते हैं। शाॅर्ट टर्म फंड औसतन 4-4.25 फीसदी रिटर्न देते हंै, जबकि बैंक वर्तमान में 3 साल की सावधि जमा के लिए लगभग 5.1 प्रतिशत का ब्याज दे रहे हैं।
आईआईएफएल फाइनेंस के बॉण्ड पर मिलने वाली 10.03 प्रतिशत की ब्याज दर भी 87 महीनों के लिए लाॅक्ड होगी। यह एक बड़ा फायदा साबित हो सकता है, क्योंकि कोविड-19 के बाद तरलता की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में ब्याज दरें नीचे जा सकती हैं और ऐसी सूरत में अच्छी ब्याज दर को लॉक-इन करना फायदे का एक बड़ा सौदा साबित हो सकता है। आज 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दर 6 प्रतिशत है।
आईआईएफएल फाइनेंस के बॉण्ड की क्रेडिट रेटिंग क्रिसिल द्वारा एए और ब्रिकवर्क द्वारा एए प्लस है। संकट के दौर में आईआईएफएल फाइनेंस की क्रेडिट रेटिंग की एजेंसियों द्वारा फिर से पुष्टि की गई है, जो इंगित करता है कि वित्तीय दायित्वों की समय पर सर्विसिंग के लिए यहां उच्च स्तर की सुरक्षा है और जोखिम भी बहुत कम होता है।
आईआईएफएल फाइनेंस के सीएफओ राजेश रजक ने कहा, ‘‘पूरे भारत में 2500 शाखाओं की एक मजबूत मौजूदगी और एक बेहतर और विविधतापूर्ण रिटेल पोर्टफोलियो के माध्यम से आईआईएफएल फाइनेंस ऐसे लोगों की क्रेडिट संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है, जिन्हें इस तरह की बहुत कम सुविधाएं हासिल हैं। बाॅण्ड के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग इस तरह के ग्राहकों की क्रेडिट संबंधी जरूरतों को पूरा करने और हमारे डिजिटल परिवर्तन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए किया जाएगा, ताकि ग्राहकों को एक बेहतर अनुभव प्रदान किया जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईआईएफएल फाइनेंस का 25 से अधिक वर्षों का त्रुटिहीन ट्रैक रिकॉर्ड है और सभी बाॅण्ड इश्यू और ऋण दायित्वों का हमेशा समय पर भुगतान किया जाता है।’’
आईआईएफएल फाइनेंस भारत की सबसे बड़ी खुदरा-केंद्रित वित्तीय सेवा कंपनियों में से एक है। आईआईएफएल फाइनेंस के लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 42,264 करोड़ रुपए के हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी की लोन बुक का 90 फीसदी हिस्सा रिटेल पर आधारित यानी छोटे टिकट ऋण पर केंद्रित है।
आईआईएफएल फाइनेंस में सकल एनपीए 1.61 प्रतिशत और नेट एनपीए 0.77 प्रतिशत रहा है। दिसंबर, 2020 के अंत में कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 21.4 प्रतिशत था, जिसमें टियर वन केपिटल पूंजी 18.0 प्रतिशत थी, जबकि वैधानिक आवश्यकता क्रमशः 15.0 और 10 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में आईआईएफएल फाइनेंस ने 268 करोड़ रुपए का कर के बाद लाभ कमाया, जो इक्विटी पर 18.4 प्रतिशत के मजबूत रिटर्न के साथ सालाना आधार पर 26 प्रतिशत अधिक था। कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ कंपनी के मजबूत संबंध हंै।
बाॅण्ड इश्यू के प्रमुख प्रबंधक एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड और इन्क्वायरस केपिटल प्राइवेट लिमिटेड हैं। निवेशकों को लिक्विडिटी प्रदान करने के लिए एनसीडी को बीएसई लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में सूचीबद्ध किया जाएगा। आईआईएफएल बॉण्ड्स 1,000 रुपए के अंकित मूल्य पर जारी किए जाएंगे और सभी श्रेणियों में आवेदन का न्यूनतम आकार 10,000 रुपए है। सार्वजनिक निर्गम 03 मार्च, 2021 को खुलेगा है और 23 मार्च, 2021 को बंद होगा, जिसमें जल्दी बंद होने का विकल्प भी है। आवंटन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।