Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 25 फरवरी 2021 – उदयपुर (नि.स.) महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉं0 एन.एस. राठौड़ ने स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार पर उद्बोधन के दौरान सम्बोधित करते हुऐ कहा कि पंचम् डीन्स कमेटी द्वारा बी.एस.सी. कृषि संकाय के संशोधित पाठ्यक्रम में 67 प्रतिशत व्यवहारिक ज्ञान पर बल दिया । डॉं0 राठौड़ ने अपने उद्बोधन के दौरान बताया कि पाठ्य-विवरण को बनाते समय परम्परागत, तकनीकी, उन्नत एवं प्रशिक्षण आधारित विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों को सम्मिलित किया गया तथा उन्होंने स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम के विभिन्न आयामों का उल्लेख करते हुये बी.एस.सी. कृषि पाठ्यक्रमों में आज के परिपेक्ष में इसके बहुत बड़े महत्व के बारे में जानकारी दी ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के अधिष्ठाता डॉं0 दिलीप सिंह द्वारा स्वागत भाषण के दौरान इस प्रकार की राष्ट्रीय वेबिनार की वर्तमान समय में अति-आवश्यक बताते हुऐ सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया ।
इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक एवं कार्यक्रम के प्रख्यात वक्ता माननीय डॉं0 जी. वैंकटेश्वरलू ने स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम के द्वारा छात्रों में उद्यमिता एवं रोजगार विकास के बारे में विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया । उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के पॉंच स्तम्भों की भी विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने एक उद्यमी द्वारा नेश्ले कृषि उद्योग की स्थापना कर तीन लाख लोगों को रोजगार देने का उदाहरण भी प्रस्तुत किया । भारत खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में दूसरा स्थान है जबकि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में छठे स्थान पर है, अतः खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ाया जा सकता है । स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय प्रधानमन्त्री द्वारा 2015 में किया गया, जिससे इसकी महत्वता ओर अधिक बढ़ जाती है एवं किसानों की आय 2022 तक दोगुणा तक प्राप्त की जा सकती है । उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम कों 20 क्रेडिट पोईन्ट न समझें बल्कि इसको भविष्य निमार्ण कार्यक्रम के रूप में लेवें ।
डॉं0 वैंकटेश्वरलू ने समृद्धि महिला द्वारा 2200 महिला किसानों एवं रथमित्रा से करीब 1500 सब्जी उत्पादक अपने स्तर पर जुड़ने का भी उदाहरण दिया । उन्होंने बताया कि कोविड-19 में पूरा विश्व थम गया था परन्तु कृषि कार्य अपने स्तर पर चलते रहे । उन्होंने यह भी बताया कि लोगों का शहर से गॉंवों की ओर पलायन हुआ जिनकों स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम से रोका जा सकता है । उन्होंने कहा कि भारत 2020 में एक कार्यबल के रूप में उभर कर सामने आया जिससे अधिक इम्यूनिटी होने से कोविड के दौरान मौंते अन्य देशों की तुलना में कम हुई ।
कार्यक्रम के दौरान कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, धारवाड़ के कुलपति एवं कार्यक्रम के प्रख्यात वक्ता प्रो0 एम.बी. चेती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम की भूमिका पर चरण-बद्ध तरीके से प्रस्तुतिकरण किया । प्रो0 एम.बी. चेती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश के सभी कृषि एवं अन्य विश्वविद्यालयों के लिए अति-आवश्यक बताते हुऐ कहा कि भारत में विद्यार्थी-प्राध्यापकों का अनुपात अन्य देशों की तुलना में काफी कम है । उन्होंने भारत में नई शिक्षा नीति के तहत कार्यरत बनारस कृषि विश्वविद्यालय का उदाहरण भी प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम संयोजक सचिव डॉं0 एस.एन. ओझा, आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा विभाग द्वारा इस वेबिनार कार्यक्रम में अतिथियों एवं सहभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन डॉं0 विरेन्द्र नेपालिया, विशेषाधिकारी, मप्रकृप्रौविवि, उदयपुर ने किया ।