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पहाड़ी राज्यों में अपनी परियोजनाओं में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करेगा एनटीपीसी

Editor-Rashmi Sharma 

जयपुर 09 फरवरी 2021 – एनटीपीसी पर्वतीय राज्यों में स्थित अपनी परियोजनाओं में शुरुआती चेतावनी प्रणाली स्थापित करेगा, ताकि प्राकृतिक आपदाओं की आशंकाओं को कम किया जा सके।

तपोवन में एनटीपीसी के हाइडल प्रोजेक्ट में हुए नुकसान का मौके पर जायजा लेने के बाद राजधानी लौटने पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने हिमस्खलन में मृत एनटीपीसी श्रमिकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि रविवार को ऋषि गंगा नदी में बड़े पैमाने पर हिमस्खलन  हुआ था, लेकिन एनटीपीसी परियोजना में बने बैराज ने इस आपदा को झेला और गाँवों को बड़े पैमाने पर तबाह होने से बचाया।

उन्होंने कहा कि ऋषि गंगा में निजी जलविद्युत परियोजना पूरी तरह से नष्ट हो गया और एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भी बड़ा नुकसान सहना पड़ा है, लेकिन इसके बैराज की ठोस संरचना के कारण, गंदे पानी और गाद की धार नीचे की ओर स्थित गाँवों को बहुत नुकसान नहीं पहुँचा सकी।

हालांकि रविवार की आपदा से सबक लेते हुए, सभी पहाड़ी राज्यों में ऐसे इलाकों में स्थित एनटीपीसी परियोजनाओं में शुरुआती चेतावनी प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जिनके हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आने की आशंकाएं हैं।

नुकसान के कारणों का पता लगाने के लिए एनटीपीसी, टीएचडीसी और एसजेवीएनएल अधिकारियों की एक टीम परियोजना स्थल का दौरा करेगी। यह टीम इस दिशा में इसरो से मिली तस्वीरों का भी अध्ययन करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को एनटीपीसी परियोजनाओं में काम करने का मौका दिया जाएगा, अगर वे ऐसा चाहेंगे।

इससे पहले, तपोवन में परियोजना स्थल का निरीक्षण करने के बाद सिंह ने कहा कि परियोजना को 1500 करोड़ रुपए का अनुमानित नुकसान हुआ है।

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