Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 03 फरवरी 2021 – राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम गत एक दशक से कौशल प्रशिक्षण के सूचारू व दक्षतापूर्वक संचालन के लिए कार्यरत है। कौशल प्रशिक्षण व उद्यमिता की महत्ता व बाजार की मांग व बदलते परिवेश को देखते हुए राज्य सरकार ने युवाओं के लिए नवीन कौशल कार्यक्रमों की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार की ओर से पोषित इन कौशल कार्यक्रमों को आरएसएलडीसी के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
इसी क्रम में 3 फरवरी 2021, बुधवार को झालाना स्थित आरएसएलडीसी के काफ्रेंस हाल में 3 नवीन कौशल योजनाओं रोजगार आधारित जन कौशल कार्यक्रम (राजक्विक), स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान (सक्षम) एवं समर्थ का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर माननीय राज्यमंत्री, युवा मामले एवं खेल मंत्री स्वतंत्र प्रभार कौशल, रोजगार एवं परिवहन श्री अशोक चांदना ने नवीन योजनाओं का उद्घाटन किया।
इस उद्घाटन समारोह में आरएसएलडीसी के अध्यक्ष डा नीरज के पवन, आरएसएलडीसी के प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप के गावंडे, महाप्रबंधक प्रथम श्री करतार सिंह, महाप्रबंधक द्वितीय डा सतीश मेहला, निगम के वित्तीय सलाहकार श्री अतुल खंडेलवाल, उपमहाप्रबंधक प्रथम श्री आर के जैन एवं उपमहाप्रबंधक तृतीय डा मुक्ता अरोड़ा ने नई योजनाओ के पोस्टर्स/लोगो का विमोचन किया।
इस अवसर पर माननीय मंत्री श्री अशोक चांदना ने संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में कौशल के मायने भी बदल गए हैं। इस दौरान बहुत से युवा एवं श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार के लिए राज्यवासियों को रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करवाना एक बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती का सामना करने के लिए आरएसएलडीसी के माध्यम से सालों से चले आ रहे कौशल विकास कार्यक्रमों का पुर्नगठन करना अत्यंत आवश्यक था। ये नई योजनाएं समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखकर गठित की गई हैं।
वहीं इस अवसर पर डाॅ नीरज के पवन ने बताया कि किसी भी आपदा का सर्वाधिक प्रभाव समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्गों पर होता है। कोरोना ने दुनिया के औ़द्योगिक परिदृष्य को बदल दिया है ऐसे में बहुत से लोगों को रोजगार के लिए नए कौशल की आवश्यकता होगी और ये नए कार्यक्रम उन सभी लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होंगे।
इस अवसर पर आरएसएलडीसी के प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप के गावंड़े ने बताया कि निगम ने आज जिन तीन नई योजनाओं का शुभारंभ किया है उससे राज्य के हर वर्ग को फायदा पहुंचाया जा सकेगा। RAJKVIK योजना पूर्णतः रोजगार आधारित कार्यक्रम है, वहीं समर्थ एवं सक्षम युवाओं एवं पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने हेतु स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
समर्थ
(समर्थ कौशल से आत्मनिर्भर)
सब के जीवन का होगा अर्थ, कौशल बनाएगा समर्थ
राज्य और समाज की महिलाओं, विशेष एवं वंचित वर्गों, पिछडे एवं हाषिये पर मौजूद परिवारों के लोगों को अपनी बदहाली के कारणों को समझने, अपनी क्षमता बढ़ाने व रोजगार/स्वरोजगार एवं उद्यमिता आधारित कौशल प्राप्त करते हुए अपनी आयसृजन क्षमता व स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के उद्देश्य से निगम की ओर से समर्थ योजना तैयार की गई है।
योजना के प्रमुख प्रावधानः
- समर्थ योजना विशेष लक्षित समूह के लिये है जिसका उद्देश्य युवाओं को आजीविका अर्जन हेतु समर्थ बनाना है। जिसके लाभार्थी राजस्थान राज्य के निवासी जिनमें विशेष योग्य जन, कारागारबन्दी, नारी निकेतन, किशोर गृह/बालिका गृह, अनाथालय,ट्रांसजेण्डर, विधवा/परित्यक्ता, अल्पसंख्यक, वंचित वर्ग के राज्य के निवासी जैसे सांसी, बेडिया, नट, गाडिया लुहार/घुमंतु/अर्धघुमन्तु, कंजर, सहरिया, गरासिया, डामोर, कथोडी आदि, अवैध शराब बनाने वाले समुदाय एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त भिखारी, सफाईकर्मी, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी शामिल हैं।
- आयु सीमा :- 15-45 वर्ष
जेल आवासीयों, भिखारी, सफाईकर्मी, ट्रांसजेण्डर, विधवा/परित्यक्ता एवं किसानों के लिये आयु सीमा 15
से 50 वर्ष।
विशेष योग्यजन के लिये आयु सीमा 18 से 45 वर्ष
- 100 % राज्य सरकार पोषित योजना जिसमें है निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा।
- योजनान्तर्गत लघु एवं अतिलघुअवधि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें 7 से 15 दिवस के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल किये जाएंगे जैसे सोफ्ट स्किल प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास प्रशिक्षण, अंग्रजी व्यवहारिक भाषा ज्ञान इत्यादि।
- लाभार्थियों की मांग के अनुसार नये पाठयक्रमों को भी डिजाइन किया जाएगा।
- वंचित समुदायों की आर्थिक सामाजिक सीमाओं को ध्यान में रखते हुए दैनिक प्रशिक्षण अवधि न्यूनतम 2 घंटे प्रतिदिवस से अधिकतम 6 घंटे प्रति दिवस होगा।
- आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर अवधि 8 घंटे प्रतिदिन।
- गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण उपरान्त स्वरोजगार संबन्धित सहयोग।
- निगम द्वारा सूचीबद्ध/ स्वीकृत एजेन्सी/ काउन्सिल/ संस्थान द्वारा तृतीय पक्ष मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण।
- प्रशिक्षण पंजीयन निःशुल्क।
- प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी ।
सक्षम SAKSHM (स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान)
सक्षम युवा, सक्षम राजस्थान
राज्य के समस्त युवा/महिलाओं के लिये जो कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना स्वयं का व्यवसाय या सामुहिक रुप से कोई स्वरोजगार गतिविधि करने के इच्छुक है, उनके लिये निगम की ओर से सक्षम योजना तैयार की गई है।
योजना के प्रमुख प्रावधानः
- राज्य के समस्त युवा/महिलाओं के लिये।
- आयु 15-45 वर्ष
- 100 % राज्य सरकार पोषित योजना जिसमें है नि:शुल्क प्रशिक्षण की सुविधा।
- वंचित समुदायों की आर्थिक सामाजिक सीमाओं को ध्यान में रखते हुए दैनिक प्रशिक्षण अवधि न्यूनतम 4 घंटे से अधिकतम 6 घंटे (गैर आवासीय) प्रति दिवस।
- आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर अवधि 8 घंटे प्रतिदिन।
- मांग के अनुसार विशिष्ट पाठ्यक्रमों को किया जाएगा डिजाइन।
- प्रशिक्षण उपरान्त निगम द्वारा सूचीबद्ध/ स्वीकृत एजेन्सी/ काउन्सिल/ संस्थान द्वारा तृतीय पक्ष मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण।
- प्रशिक्षणोपरान्त न्यूनतम 50 % युवाओं को स्वरोजगार।
- योजनान्तर्गत सामान्य पुरुष श्रेणी के लिये 400 रुपये एवं अन्य सभी श्रेणियों महिलाएं, एससी, एसटी, ओबीसी इत्यादि के लिये 200 रुपये पंजीयन शुल्क।
- प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा निः शुल्क प्रशिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम (RAJKViK)
योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को बाजार-प्रासंगिक कौशल का पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसका उद्देश्य राज्य के भीतर प्रतिभा के विकास के अवसर पैदा करना और अविकसित क्षेत्रों का सुधार एवं विकास करना है। 36 आर्थिक सेक्टर में 328 पाठ्यक्रमों के तहत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपलब्धता होगी।
योजना के मुख्य आकर्षण :
- राज्य के समस्त युवा एवं महिलाओं के लिए जिनमे समाज के वंचित वर्ग एवं विशेष श्रेणी के युवा भी सम्मिलित है की कौशल आवश्यकता को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन।
- आयुः 15-35 वर्ष
- महिलाओं व विशेष योग्यजन हेतु अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष
- 100% राज्य सरकार पोषित योजना जिसमें आवासीय एवं गैर आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नि:शुल्क प्रशिक्षण की सुविधा।
- राज्य की अनियमित एवं अप्रमाणित वर्कफोर्स के कौशल अनुभव को प्रमाणीकरण की सुविधा।
- सभी प्रकार के कौशल पाठ्यक्रमों हेतु उच्च गुणवत्ता एवं योग्यता वाले प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन के बाद निजी क्षेत्र में रोजगार का प्रावधान।
- प्रशिक्षण व्यावहारिक ज्ञान के लिए संबन्धित उपक्रम में ऑन जॉब ट्रेनिंग (OJT) का प्रावधान।
- उद्योगों की मांग के अनुसार प्रमुख आर्थिक क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण।
- राजस्थान के प्रत्येक जिले में सुव्यवस्थित कौशल विकास केंद्र की उपलब्धता।
नोटः स्कूल अथवा कॉलेज के नियमित छात्रों का चयन प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु नहीं किया जाएगा।