Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 25 फरवरी 2021 – सोशल अल्फा और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने स्वावलंबन दिव्यांगजन असिस्टेंट टेक मार्केट एक्सेस (ATMA) फंड की स्थापना के लिए गठबंधन किया है, जो सोशल अल्फा – सहायक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स को वित्तीय अनुदान देने वाला अपनी तरह का पहला समावेशी फंड है। प्रत्येक स्टार्ट-अप को 20 लाख रुपये तक की कार्यान्वयन सहायता मिल सकेगी। यह निधि(फंड) प्रारंभिक उपयोगकर्ताओं के लिए उत्पाद के मूल्य का 50% तक वित्त पोषण करेगी और नई तकनीकों की खरीद के लिए व्यक्तिगत खर्च को कम करेगी।
असिस्टिड टेक्नोलॉजीज भारत में एक उभरता हुआ बाजार अवसर है। सोशल अल्फा अपने प्रौद्योगिकी उद्भव, उपक्रम गति और मूल पूंजी कार्यक्रमों के माध्यम से बाजार निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही है। जोखिम पूंजी तक पहुंच प्रदान करने के अलावा, सोशल अल्फा अपनी प्रयोगशाला में बाजार की यात्रा में अभिनव स्टार्टअप्स की मदद करने के लिए क्लीनिकल पार्टनर्स और एनजीओ’ज़ का एक नेटवर्क बना रही है।
इस साझेदारी के बारे में बोलते हुए, सोशल अल्फा के सीईओ और सह-संस्थापक, श्री मनोज कुमार ने “असिस्टिव टेक्नोलॉजीज़(सहायक प्रौद्योगिकियों) में नए बाजार बनाना एक बड़ी चुनौती है और इसके लिए पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है। एटीएमए(ATMA) फंड ने अभिनव समाधानों को जल्दी अपनाने में सक्षम बना कर सहायक प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरुआत करता है। हमारा मानना है कि आउट-ऑफ-पॉकेट या अतिरिक्त खर्च में कमी मांग को बढ़ाएगी, जो इस क्षेत्र में दीर्घकालिक निरंतरता और उद्यमशीलता के जोखिम को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। हम सिडबी(SIDBI) के साथ साझेदारी करके खुश हैं क्योंकि इसका समर्थन इस क्षेत्र के अनुसंधान और विकास के प्रयासों को अधिक बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत से इनक्यूबेटर्स को शामिल करके इस फंड को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
इस साझेदारी के बारे में बोलते हुए, सिडबी के उप प्रबंध निदेशक श्री वी सत्य वेंकट राव ने कहा, “एमएसएमई और विकास क्षेत्र कोविड-19 महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए, सरकार ने, अत्मा निर्भर भारत अभियान के माध्यम से, देश के आर्थिक पुनरुद्धार में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उपाय किए हैं। एमएसएमई’ज़(MSMEs) की मांग पूरी करने और विभिन्न फंडों को संचालित करने में सिडबी(SIDBI) के विशाल अनुभव के साथ, एक सामाजिक प्रभाव निधि यानी, स्वावलंबन दिव्यांगजन एटीएमए (ATMA) फंड विकसित करना, इस मिशन का हिस्सा बनने के रूप में सामने आया है। “
स्टार्टअप पूरे साल में कभी भी सोशल अल्फा उद्भवन के लिए आवेदन कर सकेंगे। स्टार्ट-अप आवेदन एक कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरेगी। सोशल अल्फा उन सहायक तकनीकों की पहचान करेगा जिन्हें सहायता की आवश्यकता है और व्यावसायिक योजना का मूल्यांकन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में शामिल उद्यमी(इन्क्यूबेटी) भी नियमानुसार सोशल अल्फा फॉलो-ऑन निवेश के लिए पात्र होंगे।
भारत में, विकलांगों (PWD) की संख्या 40 से 80 मिलियन(4 से 8करोड़) के बीच में है – यानी, बारह घरों में से एक परिवार का एक सदस्य दिव्यांगता से पीड़ित है। हालांकि, साक्षरता का स्तर कम होने, सामाजिक कलंक और अवसरों की कमी के कारण दिव्यांग समाज के सबसे बहिष्कृत सदस्य बने रहते हैं। दिव्यांग बच्चों की एक बड़ी संख्या स्कूल से बाहर रहती है, दिव्यांग वयस्कों के बेरोजगार होने की अधिक संभावना होती है, विकलांग सदस्य वाले परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, और इनकी बुजुर्ग होती आबादी घरेलू और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बहुत अधिक वित्तीय प्रभाव डालती है।
हालांकि सहायक तकनीकों की आवश्यकता अच्छी तरह से प्रमाणित है, भारत में क्रांतिकारी एटी समाधानों के लिए जीवंत बाजार का अभाव है जिससे दिव्यांगों का उत्थान हो सके। इसका कारण यह है कि असिस्टिव टेक्नोलॉजीज़(AT) उद्योग की मूल्य श्रृंखला टूटी हुई है; वितरण, बिक्री और सेवा तंत्र खराब हैं, और, कई मामलों में, मौजूद ही नहीं हैं। दिव्यांगों की आबादी देश भर में बहुत अधिक बंटी हुई है, और औपचारिक बाजार माध्यमों की कमी के कारण पहुंच भी सीमित है। इसके अलावा, आवश्यकता और सामर्थ्य के बीच का अंतर बहुत बड़ा है, इस प्रकार दिव्यांगों के लिए नवीनतम नवाचारों का उपयोग करना बेहद कठिन हो जाता है।
एटीएमए(ATMA) फंड बाजार में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे नए सहायक प्रौद्योगिकी उत्पादों की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार करने का एक साधन बनेगा। यह दिव्यांगता क्षेत्र के एक मौलिक पुनर्विचार को प्रेरित कर सकता है।