स्वराज ट्रैक्टर ने अपने कैंसर केयर प्रोजेक्ट के तहत 95,000 लोगों तक पहुंचाई अपनी सेवाएँ

Editor – Rashmi Sharma

जयपुर 05 फरवरी 2021 : स्वराज ट्रैक्टर्स, 19.4 बिलियन अमरीकी डॉलर महिंद्रा ग्रुप अपनी  कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी परियोजना महिंद्रा मोबाइल प्राइमरी हेल्थ एंड कैंसर केयर प्रोजेक्ट के द्वारा पंजाब में 95,0000 से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचा है|  यह प्रोजेक्ट लगभग छह साल पहले शुरू किया था।

यह परियोजना पंजाब के तीन ज़िलों बठिंडा, पटियाला और एसएएस नगर में 157  गाँवों में कार्य करती है, जिससे कैंसर के मरीजों के बचने की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रारंभिक चरण के कैंसर का पता लगाने, स्क्रीनिंग और निदान के माध्यम से त्वरित कार्रवाई संभव है।

इस परियोजना की शुरुआत स्वराज ट्रैक्टर्स ने एनजीओ पार्टनर ग्लोबल कैंसर कंसर्न के साथ कैंसर से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को देखते हुए की थी |  इस परियोजना के अंतर्गत स्वराज ने अब तक पंजाब में 1000 से अधिक ओपीडी आयोजित की हैं। इस परियोजना के तहत 407 कैंसर पीड़ितों को  उपशामक देखभाल प्रदान की गयी है, 172 कैंसर रोगी वर्तमान में इस सेवा के लिए पंजीकृत हैं |  कैंसर जागरूकता शिविर, कैंसर स्क्रीनिंग शिविर और प्राथमिक स्वास्थ्य ओपीडी , उपशामक देखभाल प्रदान करने के अलावा इस परियोजना के तीन घटक हैं। इस परियोजना के तहत तीन मोबाइल ओपीडी वैन को भी कार्यरत हैं |

विश्व कैंसर दिवस पर बोलते हुए, सीईओ स्वराज डिवीजन, श्री हरीश चवन ने कहा, “स्वराज का यह कैंसर केयर प्रोजेक्ट अद्वितीय है जिसने हजारों रोगियों और उनके परिवारों के जीवन को छुआ है | यह नि: शुल्क सेवा प्रदान करना, स्वराज का एक बड़े कॉर्पोरेट के रूप में समाज की सेवा करने का एक विनम्र प्रयास है | इस परियोजना के माध्यम से हम महामारी के दौरान भी पंजाब के 157 गाँवों के निवासियों की सेवा करते रहे और पंजीकृत रोगियों को उपशामक देखभाल प्रदान की।“

 

निवारक और उपचारात्मक उपचार के माध्यम से अपने पहले चरण में इस परियोजना ने लाभार्थियों को कैंसर की बीमारी, इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उपचारात्मक देखभाल के माध्यम से बीमार रोगियों तक पहुंचने में मदद की थी। परियोजना के पहले चरण (2014-17) को पंजाब के एसएएस नगर जिले के 30 गांवों में लागू किया गया था और बाद में दूसरे चरण (2018-21) में पंजाब के तीन जिलों (पटियाला, बठिंडा) के 122 से अधिक गांवों में विस्तारित किया गया |

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