Editor-Rashmi Sharma
जयपुर, 02 फरवरी 2021 – जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री श्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों के समग्र विकास और जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए व्यापक स्तर पर भरसक प्रयासों में जुटी हुई है और इस दिशा में कहीं कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
श्री बामनिया मंगलवार को जैसलमेर के सर्किट हाउस में जनजाति क्षेत्रीय विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जनजाति क्षेत्रीय विकास से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के प्रति गंभीर रहें तथा इनसे संबंधित गतिविधियों के माध्यम से जनजाति विकास का आदर्श स्वरूप दर्शाएं और जनजाति वर्ग के लोगाें को विकास की मुख्य धारा से लाभान्वित करें। इसके लिए क्षेत्र में जनजाति क्षेत्रीय विकास योजनाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
उन्होंने कहा कि जनजाति महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित उत्पादों के समुचित विपणन की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद निर्माण के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इस बारे में गोल्डन सिटी सीएलएफ की सचिव विनीता जैन ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन की समुचित व्यवस्था तथा ऑनलाईन पोर्टल के लिए आग्रह किया।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने जिला कलक्टर से कहा कि इस बारे में संभावनाओं को तलाशते हुए प्रभावी योजना बनाकर समूहों की महिलाओं को लाभान्वित किया जाए।
श्री बामनिया ने जैसलमेर जिले में विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जनजाति बहुत क्षेत्रों में जनजाति विकास गतिविधियों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और इसके लिए सभी संबंधित अधिकारी इस लक्ष्य के साथ काम करें कि जनजाति उत्थान और क्षेत्रीय विकास में कहीं कोई कमी नहीं रह जाए।
उन्होंने जनजाति क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर बिजली कनेक्शन की स्थिति, सामुदायिक विकास गतिविधियों के अन्तर्गत सामुदायिक भवन, सड़क, पशुपालन गतिविधियों को बढ़ावा देने, सामुदायिक शौचालय, जनजाति छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर शिक्षा व छात्रावास के प्रबंधों आदि पर बिन्दुवार जानकारी ली।
जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य ने जैसलमेर शहर के समीप जेठवाई गांव में संचालित जनजाति बालिकाआेंं के लिए संचालित छात्रावास को शहर में शिफ्ट करने तथा वार्डन बदलने तथा इसकी सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने, अधिक से अधिक जनजाति बालिकाओं का प्रवेश इसमें सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्हाेंने जिले में भूमिगत जल की स्थिति के बारे में जानकारी ली और विकास अधिकारी से कहा कि जनजाति बहुल क्षेत्रों के काश्तकारों के लिए सिंचाई सुविधाओं से लाभान्वित कर खेती-बाड़ी से खुशहाली लाने में मददगार बनने का आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होंने कुसुम योजना का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाने के निर्देश दिए।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने जनजाति परिवारों के जरूरतमन्दों को पालनहार योजना सहित सामाजिक सरोकारों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए व्यापक प्रयासों के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर श्री आशीष मोदी ने जिले में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाओं के जिले में संचालन के बारे में जानकारी दी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री नारायणसिंह चारण ने जिले के जनजाति बहुल अंचलों में विभागीय योजनाओं और इनकी प्रगति के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि संबंधित अधिकारी मौजूद थे।