Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 01 फरवरी 2021 – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने केन्द्रीय बजट को आमजन सहित युवाओं को निराश करने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में हैल्थ सेक्टर को कोर सेक्टर बताने के बावजूद हैल्थ के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतें बेतहाशा बढ़ रही है। ऑटोमोबाइल पार्ट्स पर अतिरिक्त करारोपण से परिवहन महंगा होगा और यह महंगाई को बढ़ाएगा।
डॉ. शर्मा ने इस बजट को निराशाजनक और दिशाहीन बताते हुए कहा कि भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में युवाओं, किसानों व श्रमिको के हितों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने की आवश्यकता थी। लेकिन इस दिशा में ठोस प्रस्ताव नहीं होना युवाओं के लिए निराशाजनक है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी योजना में राज्य सरकार को 78 प्रतिशत से अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है। केन्द्रीय आयुष्मान भारत योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज परिवारों को भी शामिल कर इस भार को कम किया जा सकता था लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। इसी प्रकार नये मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए राज्यों को 90 फीसदी राशि देने की मांग की गयी थी लेकिन इस दिशा में भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि आज पेश किए गए बजट में राजस्थान जैसे बड़े राज्य की उपेक्षा की गई है। केवल चार चुनावी राज्यों को ही राहत पैकेज दिए गए हैं, जबकि कोरोना महामारी के चलते देश के सभी राज्यों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी केवल निराशा है क्योंकि देश का प्रत्येक नागरिक निशुल्क कोरोना वैक्सीन की उम्मीद कर रहा है, जबकि बजट में वैक्सीनेशन के लिए केवल 35 हजार करोड़ रुपए की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि आयकर तथा जीएसटी के प्रावधानों में वांछित सुधार का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आयकर के स्लैब में परिवर्तन कर आम आदमी को राहत दी जा सकती थी, लेकिन बजट में इसकी घोर उपेक्षा की गई है।