Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 22 फरवरी 2021 – यूटीआई कॉरपोरेट बॉण्ड फंड एक एक्रुअल-ओरिएंटेड इनकम फंड है, जो लघु अवधि (1 से 4 वर्ष के खंड) में रिटर्न हासिल करने के लिए उपयुक्त है। यह फंड मुख्य रूप से उच्च गुणवत्ता वाले कॉर्पोरेट बॉण्ड में निवेश करता है, जिसमें पोर्टफोलियो का न्यूनतम 80 प्रतिशत हिस्सा एएए और एए प्लस रेटेड कॉर्पोरेट बॉण्ड और समकक्ष इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है, जिसका उद्देश्य एक्रुअल स्ट्रेटेजी के माध्यम से युक्तिसंगत आय प्रदान करना है। यह फंड सुरक्षा चयन में रूढ़िवादी दृष्टिकोण का अनुसरण करता है और वर्तमान में पोर्टफोलियो का 100 प्रतिशत निवेश सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों और कॉरपोरेट्स द्वारा जारी एएए रेटेड प्रतिभूतियों में किया जाता है। ये ऐसी प्रतिभूतियां हैं, जिनका एक प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड होता है और जो विभिन्न अवधि में परिपक्व होती हैं। फंड की औसत परिपक्वता अवधि आम तौर पर 3.5 से 4.5 वर्ष तक होती है।
हाल ही में घोषित मौद्रिक नीति में, जैसा कि व्यापक रूप से अपेक्षित था, एमपीसी ने सर्वसम्मति से समायोजन रुख जारी रखने और 4.00 प्रतिशत पर रेपो दर को जारी रखा है। बॉण्ड बाजार को दरों और रुख को लेकर यथास्थिति की उम्मीद थी, लेकिन भारत सरकार के उधार को लेकर सुचारू संचालन और इससे जुड़ी चिंताओं के बारे में उसे आरबीआई की मौद्रिक नीति से कुछ अधिक ही उम्मीदें थीं। बाॅण्ड बाजार को उम्मीद थी कि इस दिशा में विशिष्ट उपायों की घोषणा की जा सकती है। हालांकि व्यापक रूप से आरबीआई ने ज्यादातर अपेक्षाओं को पूरा किया, ऐसा प्रतीत होता है कि ओएमओ (ओपन-मार्केट ऑपरेशंस) के आसपास बारीकियों की कमी के परिणामस्वरूप पॉलिसी की घोषणा करने के दौरान प्रतिफल में तेजी आई है। नाॅन-डिस्र्पटिव तरीके से उधारी का संचालन करने और पर्याप्त तरलता बनाए रखने के बारे में आरबीआई का कथन प्रतिफल का समर्थन करेगा। क्यू3 एफवाई 201 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.3 प्रतिशत तक कम किया गया है, फिर भी आगे आने वाले महीनों के लिए बाजार मुद्रास्फीति पर निगाहें रखेगा, क्योंकि बजट घोषणाओं के उपरांत बाजार के सहभागियों को मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका थी। लिक्विडिटी के मोर्चे पर आरबीआई गवर्नर ने आश्वासन दिया कि केंद्रीय बैंक प्रणाली में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करेगा, ताकि अर्थव्यवस्था को महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में सहायता मिले और पूर्व स्थिति की बहाली आसान हो सके। इस तरह लघु अवधि में प्रतिफल को सपोर्ट मिल सकता है। ऐसे परिदृश्य में, एक रूढ़िवादी निवेशक 12 महीने से अधिक के निवेश लक्ष्य के सााि यूटीआई कॉर्पोरेट बॉण्ड फंड मंे निवेश करने के बारे मंे विचार कर सकता है और इस तरह रिटर्न में अस्थिरता को कम करते हुए आय अर्जित कर सकता है।