Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 22 फरवरी 2021 – वेदांता लिमिटेड को वेदांता ग्रुप की प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व परियोजना नंदघर के लिए बाल विकास श्रेणी के तहत ‘सीएसआर शाइनिंग स्टार अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री भगत सिंह कोशयारी द्वारा 20 फरवरी 2021 को मुंबई के राजभवन में आयोजित एक पुरस्कार समारोह के दौरान दिया गया।
यह पुरस्कार बच्चों के समग्र विकास की दिशा में किए गए प्रयासों के माध्यम से सशक्त एवं स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए वेदांता के प्रयासों की पुष्टि करता है।
पुरस्कार प्राप्त करते हुए वेदांता की डायरेक्टर मिस प्रिया अग्रवाल ने कहा ‘‘हमारी नंदघर परियोजना के लिए पुरस्कार प्राप्त करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जिसने देश की ग्रमीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप बच्चों में कुपोषण के उन्मूलन, उन्हें शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने तथा कौशल विकास द्वारा ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नंदघर इसी दिशा में हमारा एक प्रयास है। मुझे कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में भी नंदघर बच्चों और उनकी माताओं के लिए बेहतर कल के निर्माण हेतु काम करता रहेगा।’’
13.7 लाख आंगनवाडि़यों में 8.5 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के दृष्टिकोण के साथ 2015 में नंदघर की यात्रा शुरू हुई। वेदांता के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल की ड्रीम परियोजना नंदघर मॉडल आंगनवाडि़यों का एक नेटवर्क है, जहां बच्चों, महिलाओं एवं स्थानीय समुदायों के समावेशी विकास पर ज़ोर दिया जाता है। नंदघर की स्थापना केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से की गई है।
2000 से अधिक केन्द्रों के साथ नंदघर परियोजना अब तक 10 राज्यों-राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब, आसाम, हिमाचलप्रदेश और मध्यप्रदेश में विस्तारित हो चुकी है। समुदाय के 4 मिलियन सदस्यों के जीवन को प्रभावित करना इसका उद्देश्य है, यह परियोजना हर साल 2 लाख बच्चों और 1.8 लाख महिलाओं पर प्रत्यक्ष प्रभाव उत्पन्न कर रही है।
नंदघर कई सुविधाओं जैसे 24/7 बिजली के लिए सोलर पैनल, वॉटर प्युरीफायर, साफ शौचालय और स्मार्ट टेलीविज़न सेट के साथ स्थानीय समुदायों के लिए मॉडल संसाधन केन्द्र बन चुके हैं। 3-6 साल के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा दी जाती है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषक आहार और राशन सामग्री मुहैया कराई जाती है। मोबाइल हेल्थ वैन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्यसेवाएं उपलबध कराई जाती हैं तथा कौशल, क्रेडिट लिंकेज एव एंटरप्राइज़ विकास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जाता है।