Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर, 14 फरवरी 2021 – कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार और जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा राजस्थान स्टूडियो के सहयोग से ‘केरला म्यूरल’ पर ऑनलाइन आर्ट वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप का संचालन कलाकार, श्रीमती किरण राजे ने किया। वर्कशॉप को रजिस्टर्ड प्रतिभागियों के लिए जूम पर आयोजित किया गया था और जेकेके के फेसबुक पेज पर भी लाइव स्ट्रीम किया गया था। वर्कशॉप में लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्हें ‘केरला म्यूरल’ के बेसिक्स, प्रोसेस, उपयोग में आने वाले मटेरियल, उसके इतिहास, महत्व, कलर्स, ड्राइंग और शेडिंग आदि के बारे में सिखाया गया।
इस अवसर पर, जेकेके की महानिदेशक, श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा: “जेकेके ने कलाकारों और आर्ट स्टूडियो के साथ जुड़ने की पहल की है। हम ऑनलाइन और फिजिकल इवेंट्स के माध्यम से कलाकारों के साथ इस तरह की अधिक वर्कशॉप्स और मास्टरक्लास करने की योजना बना रहे हैं। जेकेके ने अपने स्टूडियो, आर्ट गैलरी, थिएटर और ऑडिटोरियम इवेंट्स के लिए खोल दिए हैं। इसी के चलते वर्चुअल और फिजिकल इवेंट्स के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं। सरकार सभी स्थापित और नए कलाकारों के साथ-साथ कला के शौक रखने वाले कलाकारों का संरक्षण करना चाहती है जो कि कोविड के दौरान बहुत कठिन समय से गुजरे हैं।”
वर्कशॉप की शुरूआत आर्ट फॉर्म के संक्षिप्त इतिहास और विभिन्न आवश्यक सामग्रियों के बारे में समझाने से हुई। कलाकार ने समझाया कि ‘केरला म्यूरल’ कला हिंदू पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों का एक दिव्य कला रूप है, जो दक्षिण भारत में मंदिरों और चर्चों की दीवारों पर बने हैं ।म्यूरल पेंटिंग्स में ड्राइंग और कलरिंग तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है। इस आर्ट फॉर्म में फीचर्स विशेष रूप से आंखों को अलग तरीके से तैयार किया जाता है।’केरला म्यूरल’ में लाल, हरा, पीला, नीला और सफेद जैसे ब्राइट रंगों का उपयोग होता है। उन्होंने बताया कि क्लाउड पैटर्न केरला म्यूरल का सबसे महत्वपूर्ण रूपांकन है।
इसके बाद, कलाकार ने एक मोर की स्केचिंग का प्रदर्शन किया और एक गहरे रंग का उपयोग करके आउटलाइन बनाने की तकनीक भी सिखाई। इसके बाद, उन्होंने एक साफ ब्रश के साथ पानी डालकर रूपरेखा तैयार की। अंत में, स्पंज डैबर का इस्तेमाल करके बैकग्राउंड टेक्सचर बनाया गया।
राजस्थान स्टूडियो के बारे में-
राजस्थान स्टूडियो कलाकारों, कला प्रेमियों और कला अनुभवों की तलाश कर रहे ट्रैवलर्स के लिए भारत का प्रमुख मंच है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों क्यूरेटेड आर्ट एक्सपीरियंस का मार्केटप्लेस है जो कला प्रेमियों और ट्रैवलर्स को कलाकारों और मास्टर कारीगरों से जुड़ने में मदद करता है। 2019 में स्थापित, और जयपुर स्थित स्टूडियो ने 10000 से अधिक कलाकारों और कला प्रेमियों को दर्शकों के साथ जोड़ा है। राजस्थान स्टूडियो दुनिया भर के कलाकारों को दर्शकों से जोड़ते हुए क्यूरेशन, तकनीक और क्रियान्वयन का ख्याल रखता है। एक ऐसी टीम जो अपने समुदाय के विकास पर लगातार जोर देती है, राजस्थान स्टूडियो कलाकार-से-लोगों के कनेक्शन, सामुदायिक विकास और आपसी विश्वास को बढ़ावा देता है।