Editor-Manish Mathur
जयपुर 22 मार्च 2021 – भारत के अग्रणी विज्ञान आधारित आयुर्वेद के दिग्गज डाबर इंडिया लिमिटेड ने आज ‘प्रोजेक्ट मधु’ का लॉन्च किया है, डाबर इंडिया की यह पहल किसानों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने तथा इस क्षेत्र में लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस पहल के तहत डाबर तीनों राज्यों के स्थानीय गैर-लाभ संगठनों के साथ मिलकर एक ऐसी प्रणाली के निर्माण के लिए प्रयासरत है जिसके माध्यम से किसानों को तकनीकी जानकारी और आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा सके, साथ ही उनके लिए बाज़ारों की सुलभता को बढ़ाया जा सके तथा उन्हें मधुमक्खी पालन के व्यवसाय में प्रशिक्षण प्रदान कर उद्यमी बनने में मदद की जा सके। एक अनुमान के मुताबिक सही हस्तक्षेप के द्वारा भारत में शहद की मौजूदा उत्पादन क्षमता – 3.4 मिलियन बी कालोनीज़- 1.20 लाख मीटर- को बढ़ाकर -200 मिलियन बी कालोनीज़- 70 लाख मीटर तक पहुंचाया जा सकता है।
इस अभियान के तहत, डाबर ने किसानों को 5600 बी-बाक्स मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया है, जिससे झारखण्ड एवं आसाम राज्यों में 350 परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा बिहार में 2250 परिवार विश्व बैक से सहायता प्राप्त जीविका परियोजना से लाभान्वित हुए हैं, जिसके तहत 23500 बी-बाक्स वितरित किए गए। बी-बाक्स के अलावा, इन किसानों को डाबर इंडिया की बायो-रिसोर्स डेवलपमेन्ट टीम के द्वारा ग्रामीण, ब्लाक एवं ज़िला स्तर पर प्रशिक्षण एवं तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी। टीम 2025 तक 360 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
डाबर इंडिया ने बिहार में अग्रणी भारतीय एनजीओ जैसे जीविका बीआरएलपीएस (बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी), झारखण्ड में विकास भारती और आसाम में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड रिसोर्स मैनेजमेन्ट (आईआईआरएम) के साथ साझेदारी की है और इन 3 राज्यों में 350 मधुमक्खीपालकों के साथ चर्चा एवं विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया है। कंपनी देश के विभिन्न राज्यों में ज़्यादा से ज़्यादा मधुमक्खी पालकों तक पहुंचने के लिए इस तरह के एनजीओ के साथ जुड़ने के प्रयास जारी रखेगी। इस अभियान के माध्यम से डाबर स्वदेशी उत्पादों एवं इनके विपणन को प्रोत्साहन प्रदान करेगी तथा कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगी।
अभियान के लॉन्च के अवसर पर श्री प्रशान्त अग्रवाल, मार्केटिंग हैड- हेल्थ सप्लीमेन्ट्स, डाबर इंडिया ने कहा, ‘‘भारत के मधुमक्खी पालक समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने की डाबर की महत्वाकंक्षा के मद्देनज़र प्रोजेक्ट मधु की शुरूआत की गई है। हम पिछले कई सालों से इस दिशा में काम कर रहे हैं। हालांकि प्रोजेक्ट मधु के साथ हम अपने इस प्रयासों को तेज़ करना चाहते हैं और देश भर में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहते हैं। हम चुनिंदा राज्यों में ‘हनी कॉरिडोर ’ बनाने के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्र के हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे किसानों का कल्याण होगा और देश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’
अभियान प्रोजेक्ट मधु को डाबर इंडिया लिमिटेड की बायो-रिसोर्स डेवलपमेन्ट टीम के द्वारा पेश किया गया है। इस अवसर पर डा पंकज रतुरी, हैड आफ बायो रिसोर्स डेवलपमेन्ट टीम, डाबर ने कहा, ‘‘मधुमक्खी पालन एक उद्यम है, जो देश में छोटे पैमाने के किसानों के लिए अनुकूल है और उन्हें अतिरिक्त आय कमाने में मदद करता है। इसमें ग्रामीण किसानों को रोज़गार प्रदान करने, उनके परिवारों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता है। डाबर में, हम लक्षित समुदायों को ज़रूरी कौशल प्रदान करने तथा उन्हें आय के दीर्घकालिक एवं स्थायी स्रोत उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं।’’