Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 19 मार्च 2021 – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर की ‘स्मार्ट विलेज समन्वय समिति’ की बैठक आज दिनांक 18 मार्च 2018 को डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़, चेयरमेन के नेतृत्व में संपन्न हुई | यह बैठक माननीय राज्यपाल महोदय की विशेष योजनान्तर्गत चयनित गांव के बारे में विस्तृत कार्य ब्यौरा व आगामी रूपरेखा की चर्चा हेतु आयोजित की गई थी | बैठक का आयोजन डॉ. इंद्रजीत माथुर, चयनित ग्राम प्रभारी व एटिक मैनेजर ने जिले की सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व अधिकारियों के संयोजन में विश्वविद्यालय के अधिकारियों समक्ष आयोजित की |
बैठक के प्रारंभ में डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़, चेयरमैन व कुलपति ने बताया कि माननीय राज्यपाल के गांव के विकास हेतु उनकी मंशा को बताते हुए कहा की गांव के विकास हेतु कई कार्य हो रहे हैं एवं बहुत योजनाएं भी हैं लेकिन कृषि विश्वविद्यालय को गांव के लिए कुछ अलग कार्य करने होंगे | चेयरमेन ने कहा कि सभी विभाग गांव में स्मार्ट कार्य करें जिसमे विशिष्ट, मापनीय, वास्तविक प्राप्य लक्ष्यों द्वारा समय सीमाबध तकनिकियौं का समावेश किया जा जाये | साथ ही कृषकों की आय यदि अभी ₹ 7600 /- माह है तो उसे ₹ 10,000 /- माह तक लाने के प्रयास विभिन्न जीविकोपार्जन प्रशिक्षण के माध्यम से किये जाने चाहियें|
विभिन्न संस्था प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों हेतु किए जाने वाले कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया एवं मंशा जताई कि वे विश्वविद्यालय के तकनीकी सहयोग से कार्य करना चाहते हैं जिससे जिले का समग्र विकास संभव हो पाएगा | डॉ इंद्रजीत माथुर, एटिक मैनेजर ने राज्यपाल के दिशा निर्देश, गत वर्ष की कार्य प्रगति व आगामी कार्ययोजना बताते हुए कहा कि अभी इस कार्यक्रम का तीसरा चरण प्रारंभ हो चुका है|
चेयरमेन ने समापन टिप्पणी देने से पूर्व सोलर इकाई द्वारा तैयार उत्पादों (सोलर कुकर व सोलर लालटेन) को किसानों को प्रदान किया एवं कहा कि आने वाला समय सौर ऊर्जा एवं ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का होगा | उन्होंने बताया कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हम किसानों को सशक्त बनाने में मदद करें ना कि उन्हें स्वतत्वाधिकारी बनाएं एवं साथ ही सभी कार्यक्रमों में पारदर्शिता भी रखें | बैठक कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ विशाखा बंसल, गृह वैज्ञानिक ने किया|