Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 14 मार्च 2021 – कोविड-19 महामारी के चलते, भारत के ई-कॉमर्स मार्केट के बहुत अधिक बढ़ जाने का अनुमान है। वित्तीय प्रौद्योगिकी में अग्रणी एफआईएस® (NYSE: FIS) द्वारा आज जारी नयी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 आने तक ई-कॉमर्स मार्केट के 84 प्रतिशत बढ़कर 111 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होने का पूर्वानुमान है।
एफआईएस के वर्ल्डपे की 2021 ग्लोबल पेमेंट्स रिपोर्ट, जिसमें 41 देशों की वर्तमान एवं भविष्य की भुगतान प्रवृत्तियों पर गौर किया गया है, में पाया गया कि महामारी के प्रकोप के चलते डिजिटल कॉमर्स का वैश्विक चलन तेजी से बढ़ा है। भारत सहित विभिन्न देशों में कोविड-19 के चलते उपभोक्ताओं के व्यवहार में परिवर्तन आया है, और भुगतान के नये तरीकों का चलन बढ़ रहा है।
ई-कॉमर्स पेमेंट ट्रेंड्स
भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में वर्ष 2020 में काफी वृद्धि हुई है। एफआईएस की रिपोर्ट से पता चला कि:
- भारत के ई-कॉमर्स मार्केट को अभी से लेकर वर्ष 2024 बीच 84 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिसमें मोबाइल शॉपिंग की बड़ी भूमिका होगी और इसमें अगले चार वर्षों में 21 प्रतिशत सालाना की गति से बढ़ने का अनुमान है।
- वर्ष 2020 में डिजिटल वैलेट्स (40 प्रतिशत) और इसके बाद क्रेडिट कार्ड (15 प्रतिशत) और डेबिट कार्ड (15 प्रतिशत) सबसे लोकप्रिय भुगतान विधियां रहीं।
- ‘अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें‘ (बाय नाउ, पे लैटर), ऑनलाइन भुगतान विधि का चलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के विश्लेषण के आधार पर, वर्तमान में बाजार में अभी इसकी चलन मात्र 3 प्रतिशत है और वर्ष 2024 तक इसके बढ़कर 9 प्रतिशत होने का अनुमान है।
- रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, डिजिटल वैलेट्स से की जाने वाली खरीदारी की बाजार हिस्सेदारी वर्ष 2024 तक ऑनलाइन भुगतान का 47 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
इन-स्टोर पेमेंट ट्रेंड्स
एफआईएस रिपोर्ट से पता चला कि:
- रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, भारत का पॉइंट ऑफ सेल (POS) मार्केट अभी से लेकर वर्ष 2024 के बीच 41 प्रतिशत बढ़कर 1,035 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।
- इन-स्टोर भुगतान विधि के रूप में नकद भुगतान 34 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक लोकप्रिय है, जिसके बाद डिजिटल वैलेट्स (22 प्रतिशत) और डेबिट कार्ड भुगतान (20 प्रतिशत) का स्थान है।
- रिपोर्ट में यह पूर्वानुमान लगाया गया है कि वर्ष 2024 तक सबसे लोकप्रिय इन-स्टोर भुगतान विधि के रूप में डिजिटल वैलेट्स, नकद भुगतान को पीछे छोड़ देगी और 33 प्रतिशत भुगतान डिजिटल वैलेट्स के जरिए किये जायेंगे।
एफआईएस के वर्ल्डपे के प्रबंध निदेशक – एशिया प्रशांत क्षेत्र, मि. फिल पॉमफोर्ड ने बताया, ”भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री, कोविड-19 के चलते बहुत अधिक बढ़ी है और भविष्य में इसके और भी अधिक बढ़ने की महत्वपूर्ण रूप से संभावना है। ई-कॉमर्स की क्षमता अब केवल कुछ परंपरागत वेबसाइट्स तक ही सीमित नहीं है, और फिजिकल रिटेल, डिजिटल दुनिया में शामिल हो चुका है। अब शॉप फ्लोर आपकी मुट्ठी में है और उपभोक्ता चाहे ऐप्प के जरिए खरीदारी कर रहे हों, या अपने सोशल फीड्स के जरिए या फिर स्टोर में जाकर, वो एक ही जैसे आरामदायक एवं सुविधाजनक शॉपिंग अनुभव की अपेक्षा कर रहे हैं। ऐसे में मर्चेंट्स तभी सफल हो पायेंगे, जब वो चेकआउट प्रक्रिया में प्रमुखता से उपभोक्ता अनुभव पर जोर देंगे। ऐसे मर्चेंट्स जिन्होंने स्वयं को डिजिटल क्षमताओं से सुसज्जित रखा है, वो ही भारत के रिटेल और ई-कॉमर्स मार्केट में विकास की इस नयी लहर का लाभ उठा सकेंगे।”