Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 23 मार्च 2021 – किसानों तक मक्का के गुणवŸा बीजों को पहुॅंचाने के लिए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने देश की अग्रणी बीज उत्पादन कम्पनी, संजीवनी बायोजेनेटिक्स (इंडिया) इंदौर के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की संकर किस्म ”प्रताप संकर मक्का-3” का कम्पनी द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पादन कर इसे किसानों तक पहुॅंचाने का काम किया जायेगा। इसके लिए इस किस्म का प्रजनक बीज विश्वविद्यालय द्वारा कम्पनी को उपलब्ध कराया जायेगा।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ तथा संजीवनी बायोजेनेटिक्स (इंडिया) के प्रोप्राइटर डा. गोपाल भारद्वाज समझौता पत्र साझा किया। इस अवसर पर डा. नरेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि प्राइवेट कम्पनी के साथ समझौते से विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई अधिक उपज देने वाली तथा गुणवŸापूर्ण इस किस्म को अधिक से अधिक किसानों तक पहुॅंचाया जा सकेगा जिससे किसानों को लाभ होगा। अनुसंधान के क्षेत्र में भी दोनों संस्थाएॅं आपसी सहयोग से कार्य करेंगी जिससे विश्वविद्यालय के राजस्व अर्जन में भी वृद्धि होगी।
संजीवनी बायोजेनेटिक्स (इंडिया) के प्रोप्राइटर डा. गोपाल भारद्वाज ने बताया कि राजस्थान में मक्का के गुणवŸा बीजों की 2.5 लाख क्विंटल की आवश्यकता है तथा मक्का की बीज प्रतिस्थापन दर लगभग 50-55 प्रतिशत ही है। अतः इस समझौते द्वारा किसानों को अधिक गुणवŸा वाले बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। सह निदेशक अनुसंधान तथा मक्का की इस किस्म के प्रजनक, डा. आर. बी. दुबे ने बताया कि प्रताप हाइब्रिड मक्का-3 देश के जोन पॉंच (राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़) के विकसित की गई है। यह किस्म 85-90 दिनां में पककर तैयार हो जाती है तथा इसकी उत्पादन क्षमता 55-60 कि्ंवटल प्रति हैक्टर है। इस किस्म का चारा पकने के बाद भी हरा रहता है तथा यह किस्म तना गलन रोग के प्रति प्रतिरोधी है।
इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डा. एस. के. शर्मा,, विशेषाधिकारी डा. वीरेन्द्र नेपालिया, कुलसचिव श्रीमती कविता पाठक तथा विŸा नियंत्रक श्रीमती मंजूबाला जैन उपस्थित रहे।