Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 20 मार्च 2021 – अखिल भारतीय पुष्प अनुसंधान परियोजना एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा अनुसूचित जाति- उपयोजना के तहत व्यावसायिक पुष्प उत्पादन प्रक्षिक्षण का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्री शांति लाल डामोर, उपनिदेशक ,उद्यानिकी उदयपुर द्वारा उद्यानिकी कार्यक्रम
की विभागीय जानकारी देते हुए बताया कि सोलर पंप 3 एच.पी. पर 65000/- हजार रु़पये 5 एच.पी. पर 95000 /- रु़पये एवं 7.5 एच.पी. पर 135000/- रु़पये का अनुदान दिया जा रहा हैँ। फलदार पौधो पर 50
प्रतिशत अनुदान राष्ट्रीय बागवानी मिशन पौधशाला से पौध क्रय करने पर दिया जा रहा है। अधिकतम अनुदान 30000/- रू. प्रति हेक्टेयर क्रमशः 60,20,20 प्रतिशत 3 वर्ष तक उपलब्ध है। डाँ. तेजराज सिहं हाडा़ विषय विशेषज्ञ उद्यान , कृषि विज्ञान केन्द्र बडगांव ने बताया कि सब्जी एवं फूलों की नर्सरी प्रो- ट्रे मे तैयार कर बीज की बचत कि जा सकती है। एवं उन्नत पौध तैयार कर व्यावसायिक उत्पादन ले सकते है। डाँ. कपिल देव आमेटा , सहायक प्राध्यापक, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर , ने कृषक आमदानी बढा़ने हेतु संरक्षित सब्जी उत्पादन पर जोर दिया तथा बताया कि टमाटर, खीरा ककडी़ , शिमला मिर्च आदि सब्जीयों कि अग्रीम खेती कर अधिक लाभ ले सकते है।
डॉ.एल. एन. महावर प्रो. उद्यानिकी विभाग, अखिल भारतीय पुष्प अनुसंधान परियोजना, द्वारा गंगानगरी गुलाब से गुलाब शर्बत , गुलाब पंखुडी , गुलकंद एवं विभिन्न फूलों द्वारा हर्बल गुलाल बनाने पर महत्वपूर्ण जानकारी कृषको को दी गई । कृषको को गुलाब के पौध एवं मिल्क कैन वितरित किये गये तथा
डॉ. एच.एल. बैरवा , सहायक प्राध्यापक, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर ने प्रक्षिक्षण मे पधारे सभी अतिथियो , एवं कृषको को धन्यवाद दिया । श्री मदनलाल ,सहायक कृषि अधिकारी ,पलाना-कला घासा ,श्री भीमराज मेघवाल , एवं सुश्री ललिता गुर्जर कृषि पर्यवेक्षक, घासा द्वारा प्रक्षिक्षण आयोजन में पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया।