Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 17 मार्च 2021 वर्तमान में घरेलू स्रोतों से खाद्य तेलबीजों की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है, इसी के मद्देनज़र तेल उद्योग एवं कारोबार के केन्द्रीय संगठन- सीओओआईटी ( सेंट्रल ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एण्ड ट्रेड) ने सुझाव दिया है कि सरकार को देश में जेनेटिकली मॉडीफाईड ऑयलसीड की खेती को बढ़ावा देना चाहिए।
इसके परिणामस्वरूप देश को ज़रूरी खाद्य क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’बनाने में मदद मिलेगी। ऑयलसीड यानि तेलबीजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए, ज़रूरी है कि किसानों के उत्पादों के मद्देनज़र उनके हितों को सुरक्षित रखा जाए।
1994-95 में भारत की आयात पर निर्भरता मात्र 10 फीसदी थी, जो बढ़ती आबादी एवं बेहतर होती जीवनशैली के चलते मांग बढ़ने तथा कम उत्पादकता के कारण बढ़कर 70 फीसदी हो गई है।
देश का सालाना प्रति व्यक्ति उपभोग जो 2012-13 में 15.8 किलोग्राम था, वह वर्तमान में 19-19.5 किलोग्राम तक पहुंच गया है। हालांकि 1200 किलोग्राम/ हेक्टेयर पर, भारतीय तेलबीजों की उत्पादकता, दुनिया के औसत की तकरीबन आधी है और शीर्ष पायदान के उत्पादकों की एक तिहाई से भी कम है।
‘अगर स्वदेशी उत्पादकता और उत्पादन बहुत अधिक नहीं बढ़ते, तो हमारी आयातित तेलों पर निर्भरता बढ़ती चली जाएगी।’ श्री बाबू लाल डाटा, चेयरमैन सीओओआईटी ने कहा।
हालांकि ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए ,उपभोक्ताओं को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए सरकार को खाद्य तेलों पर से 5 फीसदी जीएसटी हटाने पर विचार करना चाहिए।’ श्री डाटा ने कहा।
20 और 21 मार्च 2021 को पाम ग्रीन होटल एण्ड रिज़ॉर्ट्स, करनाल रोड, नई दिल्ली, 110036 में आयोजित 41वें अखिल भारतीय रबी सेमिनार के दौरान तेलबीजों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सेमिनार का विषय होगा ‘तेलबीज, तेल कारोबार एवं उद्योग’।
सेमिनार में तेलबीज फसल उत्पादन की संभावनाओं; मांग एवं आपूर्ति की स्थिति; कीमत; विदेशी कारोबार; सरकारी नीतियों;किफ़ायती दरों पर सभी वर्गों के लोगों की पोषण संबंधी ज़रूरतों का पूरा करने के लिए खाद्य तेलों की उचित आपूर्ति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
1958 में स्थापित सीओओआईटी वनस्पति तेल सेक्टर के विकास में सक्रिय है जो अर्थव्यवस्था का बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सीओओआईटी राष्ट्रीय स्तर की सर्वोच्च संस्था है जो देश में सम्पूर्ण वनस्पति तेल क्षेत्र और इसके सदस्यों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है, जिनमें राज्य स्तरीय संगठन, प्रमुख निर्माता/ उद्योग जगत के कारोबार, कारोबार एवं निर्यात सदन आदि शामिल हैं।