Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 07 अप्रैल 2021 : पोषण और कल्याण के क्षेत्र में अपनी वैश्विक विशेषज्ञता का निर्माण करते हुए देश की अग्रणी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में से एक एमवे इंडिया ने बच्चों में पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक बेहतर कल के निर्माण पर एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित करते हुए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया। अपने एनजीओ पार्टनर एसआरएफ फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित यह वर्चुअल प्लेटफॉर्म नीति विशेषज्ञों, विषय से जुड़े विशेषज्ञों और उद्योग जगत के नेताओं को वर्तमान चुनौतियों तथा बच्चों, विशेषकर 5 से कम उम्र के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार के अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाने का जरिया बना।
नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NHFS) के अनुसार 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (केंद्र शासित प्रदेशों) में से 18 में 5 से कम उम्र के बच्चों की कुपोषण की स्थिति में खतरनाक वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि सर्वेक्षण किए गए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से प्रत्येक में 22 प्रतिशत या अधिक नाटे बच्चे थे, सर्वेक्षण किए गए 342 जिलों में से कम से कम 8 में बच्चों के नाटेपन का 50 प्रतिशत से अधिक फैलाव दर्ज किया गया। ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों और स्वास्थ्य एवं पोषण तक पहुंच में असमानताओं को दूर करने की आवश्यकता पर विचार करने के लिए सम्मेलन में इन जानी-मानी शख्सियतों ने हिस्सा लिया – सुश्री ज्योतिका कालरा, सदस्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग; श्रीमती राजबाला कटारिया, संयुक्त निदेशक, महिला और बाल विकास विभाग, हरियाणा; डॉ. सुजीत रंजन, कार्यकारी निदेशक, द कॉएलिशन फॉर फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी (सीएफएनएस); श्री अजय खन्ना, मुख्य विपणन अधिकारी, एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्रा. लि.; डॉ. सिरीमावो नायर, खाद्य और पोषण में प्रोफेसर, परिवार और सामुदायिक विज्ञान संकाय, महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा; श्री बसंत कुमार दुबे, जिला प्रतिरक्षण और बाल स्वास्थ्य अधिकारी, नूंह और डॉ. वाई. सुरेश रेड्डी, निदेशक, एसआरएफ फाउंडेशन।
कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए एमवे इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर श्री अजय खन्ना ने कहा, “विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021* के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक बेहतर, स्वस्थ दुनिया बनाने की थीम देश के प्रत्येक बच्चे के लिए जीवन को स्वस्थ और बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम संभव तरीके से कार्रवाई को मजबूत करने के लिए एक स्पष्ट आह्वान है। एमवे इंडिया समग्र पोषण और कल्याण के अग्रणी समर्थकों में से एक है। लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करने के हमारे ध्येय के साथ हम कई सामाजिक पहलों के माध्यम से एक ठोस सामाजिक प्रभाव निर्मित करने का प्रयास करते हैं। भारत सरकार के राष्ट्रीय पोषण मिशन के साथ मिलकर एमवे ने अपने विश्व स्तर पर प्रशंसित अभियान ‘पॉवर ऑफ 5’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य बचपन के कुपोषण के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना और बड़े पैमाने पर माताओं व समुदायों के बीच आवश्यक व्यवहार में बदलाव लाना है। नई दिल्ली के किराड़ी गांव में अपनी पायलट परियोजना की सफलता का लाभ उठाते हुए हम हरियाणा के नूंह जिले में एसआरएफ फाउंडेशन के साथ इस परियोजना का दूसरा चरण शुरू कर रहे हैं। इस दो-वर्षीय कार्यक्रम के तहत हम 0-8 वर्ष की आयु वर्ग में 15,000 बच्चों सहित 51,000 से अधिक लोगों को लाभान्वित करने का इरादा रखते हैं। मुझे वास्तव में विश्वास है कि इसी तरह की सार्थक साझेदारी और सहयोग से हम एक स्वस्थ भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”
एसआरएफ फाउंडेशन के निदेशक डॉ. वाई. सुरेश रेड्डी ने इस पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा, “महत्वपूर्ण आर्थिक विकास के बावजूद भारत पर अभी भी कुपोषित बच्चों का अस्वीकार्य रूप से उच्च बोझ है। जितने ज्यादा संभव हों, उतने बच्चों का सहयोग करने और उनकी मदद करने के अपने प्रयासों को प्रसारित करने पर हम पूरी तरह से केंद्रित हैं। एमवे इंडिया के साथ इस साझेदारी से हमने बुनियादी पोषण और स्वच्छता प्रथाओं के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने की प्रक्रिया शुरू की है। हम एमवे इंडिया की टीम के प्रति उनके अटूट समर्थन के लिए अत्यंत ही आभारी हैं।”
पॉवर ऑफ 5 अभियान के बारे में
एमवे ने MAMTA HIMC के सहयोग से भारत में प्रारंभिक अभियान के रूप में अपने विश्व स्तर पर सफल समुदाय-आधारित कार्यक्रम ‘पॉवर ऑफ 5’ को लॉन्च किया। यह कार्यक्रम 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की माताओं और उनकी देखभाल करने वालों पर आधारित है तथा पोषण संबंधी जानकारी व परंपराओं को सुधारने पर लक्षित है, जिसमें व्यापक शैक्षिक हस्तक्षेप के माध्यम से पूरक पोषण, स्वच्छता संबंधी प्रथाएं, विकास की निगरानी और आहार विविधता शामिल हैं। इसके अलावा इस अभियान का लक्ष्य बेहतर सेवाओं और समय पर निर्दिष्ट करने के लिए संबंधित विभागों (एकीकृत बाल विकास योजना, स्वास्थ्य और स्वच्छता) के सेवा प्रदाताओं के बीच तालमेल विकसित करके कुपोषित बच्चों और संक्रमण वाले बच्चों की पहचान करना व उनका प्रबंधन करना भी है। पॉवर ऑफ 5 अभियान ने अभी तक 40,000 से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया है, जिनमें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ता, माता-पिता, देखभाल करने वाले और समुदाय के सदस्य शामिल हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रमों, जागरूकता सत्रों, पोषण शिक्षा कार्यक्रमों जैसे विभिन्न प्रयासों के माध्यम से एमवे और MAMTA HIMC 5 साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण के बारे में परिवारों में निरंतर जागरूकता बढ़ा रहे हैं।