Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 19 अप्रैल 2021 – ऽ प्रोग्राम का नाम – इलेक्टिव कोर्स आॅन पब्लिक हैल्थ न्यूट्रीशन
ऽ कोर्स क्रेडिट – 3 क्रेडिट घंटे
ऽ कार्यक्रम की अवधि – 10 दिन
ऽ कार्यक्रम की तारीख – 26 अप्रैल 2021 से 7 मई 2021
ऽ समय – शाम 6.00 से रात 8.00 बजे तक
ऽ आवेदन की अंतिम तिथि – 20 अप्रैल 2021
ऽ कोर्स की भागीदारी – निःशुल्क
ऽ सर्टिफिकेट के साथ कोर्स की भागीदारी – 500 रुपए
ऽ आवेदन फॉर्म डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक करें-
https://forms.gle/9vXusRjPfJiL3gto9.
पाठ्यक्रम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह पब्लिक हैल्थ न्यूट्रीशन पर बुनियादी समझ प्रदान करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिहाज से भी उपयोगी बनाया गया है। पाठ्यक्रम में शामिल है- पब्लिक हैल्थ न्यूट्रीशन, भारत में इसकी भूमिका और कार्यक्षेत्र, खाद्य और पोषण सुरक्षा, पोषण-संक्रमण-रोग प्रबंधन की इंटरैक्टिव प्रकृति, कुपोषण और पोषण नीतियों और कार्यक्रमों का ट्रिपल बर्डन। यह पूरे जीवन में काम आने वाले पोषण संबंधी ज्ञान के बारे में भी गहराई से जानकारी देता है, साथ ही पोषण की स्थिति और पोषण शिक्षा और स्वास्थ्य संवर्धन का आकलन भी करता है।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन, डाॅ. एस. डी. गुप्ता कहते हैं, ‘‘यह प्रोग्राम हमारे देश में पोषण संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं, उनकी रोकथाम, उनके महत्व और नियंत्रण से जुड़ी रणनीतियों को समझने पर ध्यान केंद्रित करेगा। साथ ही, कार्यक्रम भारत में पोषण शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के महत्व पर भी प्रकाश डालता है।’’
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट, डॉ. पी. आर. सोडानी ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के जरिये प्रतिभागियों के बीच पब्लिक हैल्थ न्यूट्रीशन से संबंधित कौशल को और विकसित करना है और इस दिशा में पाठ्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी ज्ञान को एकीकृत करना भी है। यह पाठ्यक्रम पोषण और स्वास्थ्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सामाजिक विकास क्षेत्र के पेशेवरों को संवेदनशील बनाने का इरादा रखता है।’’
आईआईएचएमआर बैंगलोर की डायरेक्टर, डॉ. उषा मंजूनाथ ने कहा, ‘‘कार्यक्रम में खास तौर पर ऐसे उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिन्होंने पब्लिक हैल्थ, जनरल मैनेजमेंट, हैल्थ, हाॅस्पिटल, फार्मास्युटिकल, रूरल मैनेजमेंट, लाइफ साइंस, सोशल साइंस, आयुर्वेद, फिजियोथैरेपी और होम साइंस में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। साथ ही, सोशल डेवलपमेंट सेक्टर के वर्किंग प्रोफेशनल्स के साथ डॉक्टोरल स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स का भी इस प्रोग्राम में स्वागत है।’’
पाठ्यक्रम व्याख्यान और पैनल चर्चा पर आधारित होगा, कार्यक्रम के दौरान क्विज, वीडियो, हैंड्स-आॅन एक्सरसाइज के साथ पढ़ने की सामग्री और हैंडआउट भी प्रदान किए जाएंगे। पाठ्यक्रम में 20 प्रतिशत क्लास पार्टिसिपेशन, 35 फीसदी मिड-टर्म इवेल्यूएशन और 45 प्रतिशत एंड टर्म इवेल्यूएशन पर ध्यान दिया जाएगा।