Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 23 अप्रैल 2021 : भारत के प्रमुख चुनाव विश्लेषक और एक्सिस माय इंडिया के सीएमडी, प्रदीप गुप्ता ने आज अपनी नई किताब ‘हाउ इंडिया वोट्स: ऐंड ह्वाट इट मिन्स’ का विमोचन किया। इस पुस्तक में भारतीय निर्वाचनों की प्रकृति को कालक्रमानुसार बताया गया है और वास्तविक फिल्ड इंटरव्यूज एवं विश्लेषणों के आधार पर यह रहस्योद्घाटन किया गया है कि भारतीय कैसे अपने राजनेताओं को चुनते हैं और क्यों।
जगरनॉट द्वारा प्रकाशित, श्री गुप्ता की इस दूसरी पुस्तक में चुनावी परिणामों में ध्रुवीकरण एवं जीडीपी के प्रभाव, भारतीय राजनीति को प्रभावित करने में स्मार्टफोन्स की भूमिका, कुछ राज्यों में विशिष्ट मतदाता गुट के रूप में महिलाओं की भूमिका और कई अन्य प्रमुख कारकों की चर्चा की गयी है।
यह पुस्तक विचारोत्तेजक, आनंददायक एवं शिक्षाप्रद है। चुनावी नतीजों की सही समझ प्रदान करने, मतदाताओं की भावनाओं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनौतियों को बखूबी उजागर करने को लेकर, राजनीतिक, शैक्षिक और मीडिया क्षेत्र के दिग्गजों ने इस पुस्तक की अत्यंत प्रशंसा की है।
पुस्तक के विमोचन अवसर पर, एक्सिस माय इंडिया के सीएमडी, श्री प्रदीप गुप्ता ने कहा, “बहुत बार, भारतीय चुनावों की गतिकियों को पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। देश-विदेश के अनेक पर्यवेक्षक इस बात की सराहना करते हैं कि भारत के चुनाव दुनिया भर के अधिकतर देशों व भौगोलिक क्षेत्रों की तुलना में बेहद पेचीदे हैं, लेकिन इनकी पेचीदगी शायद सबसे अनुभवी मतदाताओं की भी समझ से बाहर की बात है। यह पुस्तक भारतीय मतदाताओं की भावनाओं को समझने की एक छोटी-सी कोशिश है क्योंकि हम हमारे जन्टा (Junta) और एक्जिट पोल के जरिए देश के सुदूरतम क्षेत्रों तक प्रक्रिया को समझने की कोशिश करते हैं। इसमें आम आदमी पर पड़ने वाले राजनीतिक, आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक पहलुओं के विभिन्न प्रभावों और मतदान मनोविज्ञान को समाहित किया गया है। मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक हमारे पाठकों को हमारे देश में मतदान से जुड़ी गतिकी को समझने में बहुत अधिक ज्ञानवर्धक और आनंददायक साबित होगी।”
गुप्ता और एक्सिस माय इंडिया को 2014 के बाद से उनके एक्जिट पोल के विश्लेषण के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड के रूप में माना जाता है, और यह पुस्तक उनके जांचे-परखे गये चुनावी पूर्वानुमान मॉडल का उपयोग करके मतदाता मनोविज्ञान को समझने में उनके पुरस्कृत प्रयासों की एक झलक है, जिसे हाल ही में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम में केस-स्टडी के रूप में शामिल किया गया। यह केस स्टडी, अब चुनावों पर एचबीएस के कक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र जिसकी विविधता सर्वज्ञात है और जिसकी भौगोलिक सीमाएं छ: देशों से सटी हैं, जिसकी अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और जहां 23 अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, में चुनावों की सफलतापूर्वक भविष्यवाणी करने से जुड़ी जटिलता को उजागर किया गया है।
इससे पहले, वर्ष 2018 में गुप्ता की ब्लूप्रिंट फॉर ऐन इकॉनमिक मिरेकॅल भी प्रकाशित हो चुकी है।