Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 12 अप्रैल 2021 ,कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक सामुदायिक एवम व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय के अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना के मानव विकास तथा पारिवारिक अध्य्यन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष११ अप्रैल २०२१ को मनाये जानेवाले राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के मद्देनज़र मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया.विषय विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए जोनल डायरेक्टर रिसर्च डॉ.रेखा व्यास ने बताया की कस्तूरबा गांधी की जयंती के उपलक्ष में मनाये जाने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य मात्र-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है.हर स्तर पर किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप इसमें आनेवाली गिरावट इसकी सफलता की परिचायक है
.स्त्री रोग विशेषज्ञा डॉ.नाज़िमा सलोदा ने प्रसव पूर्व ,प्रसव के दौरान ,प्रसव पश्चात् देखभाल के साथसाथ परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता फ़ैलाने को इस दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बताया .आपने कई सरकारी योजनाओं/सुविधाओं के बारे में अवगत करते हुए कहा की आमजन को इस का ज्ञान नहीं होना भी,मातृ मृत्यु दर का एक बड़ा कारण है.महाविद्यालय की निवर्तमान डीन एवम पोषण विशेषज्ञा डॉ.शशि जैन ने गर्भावस्था के नौ महीनों को तीन -तीन माह में बाँट कर ,आवश्यकतानुसार पोषण विषयक जानकारी दी तथा कहा की भोजन से ज़्यादा पोषण पर ध्यान दें ,जिसमें मात्रा से ज़्यादा गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करें.कोशिश करें की भोजन में सभी रंगों का समावेश हो ताकि पोषण संतुलन सुनिश्चित किया जा सके.वरिष्ठ वैज्ञानिक,राष्ट्रीय तकनीकी समन्वयक और आयोजक डॉ.गायत्री तिवारी,विभागाध्यक्ष ने मंथन को समयानुसार प्रासंगिक बताते हुए कहा की सुरक्षित मातृत्व बहुआयामी प्रयासों से ही संभव है.ऐसे कार्यक्रमों से अनुभव आधारित विचारों का विनिमय होता है,जिस से हम सभी को नवीनतम ज्ञान प्राप्त होता है.
ये भविष्य में ग्रामीण समुदाय को सूचना हस्तांतरित करने में मील का पत्थर साबित होते हैं.परियोजना की इकाई समन्वयक डॉ.सुधा बाबेल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ऐसे प्रयासों की सराहना की तथा भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की मंशा जताई .इस अवसर पर डॉ.प्रकाश पंवार,विभागाध्यक्ष ,गृह विज्ञान एवम संचार प्रबंधन विभाग और विभाग की श्रीमती अरुणा व्यास ,श्रीमती अंजना कुमावत,श्रीमती रेखा राठौड़ तथा डॉ.स्नेहा जैन भी उपस्थित रहे.