मुंबई, 14 जुलाई, 2021- भारत में होल्सिम एसीसी और अंबुजा के 35 संयंत्रों में अपनी इंडस्ट्री लीडिंग टैक्नोलाॅजी ‘ट्रांसपोर्ट एनालिटिक्स सेंटर (टीएसी)’ तैनात कर रहा है, ताकि सड़क सुरक्षा, बेहतर दक्षता और स्थिरता के लिए अपने लॉजिस्टिक्स को कस्टमाइज किया जा सके। ट्रांसपोर्ट एनालिटिक्स सेंटर वर्तमान में एडवांस्ड एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एप्लीकेशंस के लिए ईआरपी, इन व्हीकल मॉनिटरिंग सिस्टम (आईवीएमएस), एनएफसी, आरएफआईडी और अन्य विभिन्न डेटा स्रोतों के माध्यम से 20,000 से अधिक ट्रकों को ट्रैक कर रहा है।
विश्व स्तर पर ट्रांसपोर्टेशन दुनिया के उत्सर्जन के लगभग पांचवे हिस्से के लिए जिम्मेदार है और इस उत्सर्जन को कम करते हुए आगे बढ़ना एसीसी और अंबुजा सीमेंट की नेट-जीरो प्रतिबद्धता का एक अनिवार्य हिस्सा है।
इंडिया होल्सिम के सीईओ और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नीरज अखौरी ने कहा, ‘‘ट्रांसपोर्ट एनालिटिक्स सेंटर हमारे नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के लिहाज से एक विशिष्ट टैक्नोलाॅजी साबित हुआ है। यह हमारे ड्राइवरों और समुदायों के लिए अत्याधुनिक डिजिटल समाधान बनाने में हमारी डिजिटल विशेषज्ञता का भी एक प्रमाण है। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारी लॉजिस्टिक्स, आईटी और डिजिटल टीमें न केवल ड्राइवर की सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स दक्षता सुनिश्चित कर रही हैं, बल्कि शून्य नुकसान तक पहुंचने और समग्र उत्सर्जन को कम करने के लिए सीमाओं से भी आगे बढ़कर इनोवेशन कर रही हैं।’’
सड़क सुरक्षा- टीएसी को 2018 में भारत में सड़क सुरक्षा केपीआई की निगरानी के लिए लागू किया गया था, जिससे दोनों कंपनियों को बिना किसी सुरक्षा उल्लंघन के लगभग 75 प्रतिशत किलोमीटर की दूरी तय करने में मदद मिली और ऑफसाइट घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी आई। एसीसी और अंबुजा के साथ यात्रा में, टीएसी ने सभी 35 संयंत्रों में ड्राइवर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) को दैनिक आधार पर डेटा एनालिटिक्स प्रदान किया, ताकि ड्राइवरों को उनके ड्राइविंग व्यवहार में सुधार करने के लिए प्रशिक्षण और कोचिंग के रूप में ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस गतिविधि के बाद जोखिम वाले ड्राइवरों पर सक्रिय रूप से कार्रवाई करने में मदद मिली है। दूसरी ओर, यह प्रक्रिया में ट्रांसपोर्टरों को शामिल करने में भी सक्षम बनाता है और रिवार्ड और रिकाॅग्निशन के साथ ड्राइवरों की भागीदारी सुनिश्चित करता है। टैक्नोलाॅजी और प्रोसेस अभी भी भारतीय सीमेंट उद्योग में एक बेंचमार्क है।
दक्षता- टीएसी अब लागत और संचालन दक्षता को सपोर्ट करने के लिए समाधान प्रदान करने की ओर बढ़ गया है। टीएसी माल ढुलाई, दूरी, टर्नअराउंड समय, तयशुदा मार्ग का पालन, लीड्स और डायरेक्ट डिस्पैचेस पर विश्लेषण प्रदान करता है। भारत में हाल ही टीएसी केपीआई ट्री एप्लिकेशन को जोड़ने से एक बटन के एक क्लिक पर एसीसी और अंबुजा से ग्राहक स्तर तक सभी लॉजिस्टिक्स केपीआई प्रदान करता है। इससे कंपनियों को दक्षता में सुधार लाने और इसके प्रभाव की निगरानी बड़ी आसानी से करने में मदद मिलती है।
सस्टेनेबिलिटी- टीएसी अपने स्वामित्व वाले डिजिटल टूल के माध्यम से अपने ट्रांसपोर्टेशन उत्सर्जन की पारदर्शी ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है, इसमें थर्ड-पार्टी सप्लायर्स भी शामिल हैं, ताकि इसके ‘स्कोप 3’ उत्सर्जन लक्ष्य के अनुरूप अपने पर्यावरण फुटप्रिंट को लगातार कम किया जा सके। अपनी नेट जीरो यात्रा पर, होल्सिम ने अपने उद्योग के पहले ‘स्कोप 3’ उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य निर्धारित किया, जिसका उद्देश्य 2030 में परिवहन और ईंधन से संबंधित अपने स्कोप 3 उत्सर्जन को 20 प्रतिशत तक कम करना है। टीएसी के साथ, होल्सिम अपने ‘स्कोप 3’ उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को तेज कर रहा है।